77 दिनों के बाद नीलेश मुखिया हत्याकांड में नामजद अभियुक्त गोरख राय की झारखंड से गिरफ्तार - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 16 नवंबर 2023

77 दिनों के बाद नीलेश मुखिया हत्याकांड में नामजद अभियुक्त गोरख राय की झारखंड से गिरफ्तार

  • पटना के चर्चित नीलेश मुखिया हत्याकांड के नामजद अभियुक्त गोरख राय को पुलिस ने झारखंड से दबोच लिया

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पटना. पश्चिमी मैनपुरा ग्राम पंचायत के पूर्व मुखिया नीलेश यादव की हत्या 31 अगस्त 2023 को कर दी गयी थी.77 दिनों के बाद नीलेश मुखिया हत्याकांड में नामजद अभियुक्त गोरख राय की झारखंड से गिरफ्तारी हुई है. अब तक इस मामले में शूटर समेत 9 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. नीलेश मुखिया के परिवार की ओर से तीन भाइयों गोरख राय, पप्पू राय, धप्पू राय को मुख्य आरोपी बनाया गया था. पटना पुलिस के मुताबिक नीलेश मुखिया की हत्या वर्चस्व की लड़ाई में की गई थी. इसके लिए 25 लाख रुपए की सुपारी दी गई थी. घटना के पहले से ही तीनों भाइयों ने पटना शहर छोड़ दिया था.हत्या के लिए पूरी प्लानिंग की गई थी. घटना के 77 दिनों के बाद भी मुख्य आरोपी पप्पू राय और धप्पू राय फरार है.दोनों अभियुक्तों के बारे में पुलिस को अब तक कोई ठोस सुराग नहीं मिला है, खोजबीन जारी है. पटना सिटी एसपी वैभव शर्मा ने बताया कि जेल भेजे गए विशाल कुमार उर्फ अजय राय ने पूछताछ के दौरान बताया कि इस पूरे कांड के मुख्य षड्यंत्रकर्ता पप्पू राय, धप्पू राय और गोरख राय थे. इन लोगों की ओर से 25 लाख रुपए की सुपारी दी गई थी. इसी मामले में गोरख राय की गिरफ्तारी झारखंड के लोहरदगा जिले से हुई है. पुलिस की पूछताछ में गोरख राय ने स्वीकार किया है कि इस घटना में उसकी संलिप्तता थी. नीलेश मुखिया हत्या मामले में तीनांे आरोपितों पप्पू राय, धप्पू राय और गोरख राय के बारे में कहा गया था कि वे अलग अलग हरिद्वार और दिल्ली भागे थे.

         

नीलेश मुखिया हत्याकांड मामले का गोरख राय नामजद आरोपी है जिसे गिरफ्तार किया गया है. वहीं पप्पू राय और धप्पू  राय अभी भी फरार चल रहा था. निलेश मुखिया की 31 जुलाई को पटना में हत्या हुई थी. इस मामले में पुलिस ने 14 अगस्त को 2 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा. हत्याकांड में पुलिस को पता चला था कि पप्पू,  धप्पू  और गोरख राय ने हत्या के लिए 25 लाख रुपए की सुपारी दी थी. हत्या के पीछे की वजह दोनों के बीच पिछले 8 से 10 साल से चल रही वर्चस्व को लेकर लड़ाई मानी जा रही है. नीलेश मुखिया की हत्या के लिए अजय राय पर सुपारी का पैसा लेने और पूरी घटना को अंजाम देने का आरोप है. अगर अजय राय और नीलेश मुखिया के बीच अनबन नहीं होता,तो वह बदले की भावना लेकर पप्पू राय के दरबार में नहीं आता.नीलेश मुखिया को रास्ते से हटाने की योजना अजय राय ने ही बनायी थी.वह ही शूटर को खोजा और पैसा दिया था.बताया जा रहा है कि पप्पू राय घटना के दिन हरिद्वार में था. वहीं गोरख राय की गिरफ्तारी के बाद पुलिस अब पप्पू और  धप्पू   की गिरफ्तारी के लिए अभियान चला रही है. इस मामले में अब तक कुल 9 लोगों की गिरफ्तारी हुई है जबकि 4 लोग फरार चल रहे हैं. 8-10 वर्षों से चली आ रही वर्चस्व की लड़ाई को समाप्त करने के लिए उसने अजय राय को पैसे दिए थे. सिटी एसपी वैभव शर्मा ने बताया कि पूरे मामले में अब तक 9 लोगों की गिरफ्तारी हुई है. पप्पू राय, धप्पू राय समेत जो भी आरोपी फरार है, उसकी गिरफ्तारी के लिए टीम लगी हुई है. कई जगहों पर छापेमारी भी की गई है. जल्द ही सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा. 31 जुलाई को दिनदहाड़े दीघा थाना क्षेत्र स्थित अपने निजी आवास से पार्षद कार्यालय जाने के दौरान कार्यालय के समीप पाटलिपुत्र थाना क्षेत्र में बीच सड़क पर अपराधियों ने नीलेश मुखिया को गोली मार दी थी. बेहतर इलाज के लिए उन्हें दिल्ली भेजा गया था, लेकिन 24 अगस्त को इलाज के दौरान नीलेश की दिल्ली के एम्स में मौत हो गई थी. इसके बाद नीलेश के समर्थकों ने जमकर बवाल काटा था.

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