- विधि-विधान से पूजन-अर्चन के बाद सजना ने सजनी को पानी पिलाकर व्रत पूरा कराया
- सुहाग की लंबी आयु की कामना वाले इस पावन पर्व के लिए महिलाओं ने घरों में पूजा-अर्चना की, ट्रेनों व बसो मे यात्रा कर रही महिलाओ ने भी किया रस्मो का पालन
वाराणसी (सुरेश गांधी) सुहागिन महिलाएं बुधवार को सोलहों श्रृंगार कर पहले बनी दुल्हन, फिर सजना की लम्बी उम्र की कामना के साथ किया चांद का दीदार। मौका था करवा चैथ व्रत का। विधि-विधान से पूजन-अर्चन के बाद सजना ने सजनी को पानी पिलाकर व्रत पूरा कराया। सुहाग की लंबी आयु की कामना वाले इस पावन पर्व के लिए महिलाओं ने घरों में पूजा-अर्चना की। शाम ढलते ही व्रती महिलाएं दुल्हन की तरह सजी। फिर आसमान की ओर बार-बार चांद को निहारने में जुट गयी। बार-बार घर के सदस्यों से भी चांद निकलने का वक्त पूछती रही। जैसे ही करवाचैथ का चांद की झलक दिखी, छलनी से पहले पिया को निहारा फिर जुट गयी पूजन-अर्चन में। कुछ ऐसा ही बुधवार को तकरीबन हर घर में देखने को मिला। इसके पहले सुहागिन महिलाओं ने 16 सिंगार से सुसज्जिात होकर कथा सुनी और उसके पश्चात थालियां बांटी। शाम को सामूहिक तौर पर चंद्रमा को अघ्र्य देते समय यह दृश्य और भी मनोरम बन गया। अधिकतर महिलाएं लाल सुहाग के जोड़े में सजी, हाथों में मेहंदी लगाए, चूड़ियां पहने तथा गले में आभूषणों डाले नई दुल्हन की तरह लग रही थी। महिलाओं ने बाजारों में खरीदारी की। बाजारों में भी अच्छी-खासी भीड़ देखने को मिली। वहीं पति भी अपनी पत्नियों के लिए गिफ्ट लेते हुए नजर आए। देखा जाय तो भारतीय संस्कृति में अनेकों व्रत तथा त्योहार मनाए जाते है, लेकिन करवाचैथ एक ऐसा व्रत है जिसका इंतजार प्रत्येक सुहागिन को होता है। करवाचैथ के दिन पत्नी अपने पति की लंबी उम्र की कामना भूखी-प्यासी रहकर करती है। इस बेकरारी में वे अकेली नहीं होती है। इसमें उनके पति भी उनका साथ देते है। करवाचैथ के दिन सुहागिन स्त्रिया बहुत अच्छे से श्रृंगार करती है। इस दिन सुहागिन ठीक उसी तरह का श्रृंगार करती है जिस तरह वे अपनी शादी वाले दिन सजी-धजी होती है।
पतियों ने भी रखे व्रत
करवा चैथ पर जहां महिलाओं ने अपने पतियों की लंबी उम्र के लिए व्रत रखे, वहीं कुछ पुरुष भी अपनी पत्नियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर इस व्रत को निभाते हुए नजर आए। उनका कहना रहा कि जब उनकी पत्नी यह व्रत रख सकती है तो वह भी व्रत रख सकते है। हमें भी उनका मान-सम्मान करना चाहिए।
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