इस मौके पर क्रीड़ा भारती के प्रान्त महामंत्री ललित मोहन यादव ने कहा कि समाज में बेटियों को कमजोर माना जाता है। इस धारणा को खत्म करना होगाी। माता-पिता को चाहिए कि वह बेटियों को मानसिक, शारीरिक नैतिक रूप से इतना सक्षम बनाएं कि वे अपने आप को किसी से कम न आंके। जब तक शत प्रतिशत बेटियों को शिक्षित और शारीरिक रूप से मजबूत होने का अवसर नहीं मिलेगा, तब तक बेटियां आत्मनिर्भर नहीं बन सकेंगी। बेटी को गौरव देने के लिए उन्हें मानसिक व शारीरिक रूप से भी मजबूत करना होगा। इस मौके पर प्रसिद्ध निशानेबाज और अंतर्राष्ट्रीय खिलाडी एशियन गोल्ड मेडलिस्ट सुश्री अनु तोमर ने अपनी अकादमी के बारे में कहा कि कई बार संकोच अथवा आभाव में योग्य प्रतिभाएं सामने नहीं आ पाती हैं मैंने उनको आगे लेकर एक खिलाडी के रूप में बढ़ाने का अब बीड़ा उठाया है। मेरे प्रेरणा स्त्रोत मेरे पिताजी श्री राम जी के विश्वास और क्रीड़ा भारती के सपने को साकार करना ही मेरा मकसद है। इस मौके पर डॉ. जेपी शर्मा,संजय कुमार सहमंत्री,प्रवेश कुमार,डॉ कविता,सुश्री निशा,डॉ,सीमा,सुश्री ज्योति व निर्देश शर्मा प्रांत प्रचारक समेत क्रीड़ा भारती और विभिन्न स्कूलों से आये बच्चों ने शूटिंग के बारे में जानकारी ली।
नई दिल्ली (अशोक कुमार निर्भय)। क्रीड़ा भारती के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य एवं राष्ट्रीय दिव्यांगजन कार्य प्रमुख राकेश जी एवं प्रसिद्ध निशानेबाज और अंतर्राष्ट्रीय खिलाडी एशियन गोल्ड मेडलिस्ट सुश्री अनु तोमर ने क्रीड़ा भारती के सहयोग से निर्मल श्री राम शूटिंग अकादमी का आरम्भ आज तिलक ब्रिज स्थित अपने आवास पर किया। इस मौके पर प्रांत सेवा भारती सामाजिक आयाम (किशोरी विकास) प्रमुख श्रीमती अंजू पांडे एवं क्रीड़ा भारती के प्रान्त महामंत्री ललित यादव विशेष अतिथि रहे एवं महिला प्रांत प्रमुख श्रीमती अंजू वत्स इस कार्यक्रम की संयोजक रही। इस निर्मल श्री राम शूटिंग अकादमी के शुभारंभ पर स्कूली बच्चों ने एरोबिक्स और योगा से उपस्थित जनसमूह का मन मोह लिया। इस मौके पर अपने संबोधन में श्रीमती अंजू पांडे ने अपने जीवन के अनुभव बांटते हुए कहा कि बेटियों के प्रति सकारात्मक माहौल से ही लोगों की सोच बदलेगी। अगर किसी व्यक्ति की एक या दो बेटी ही हैं तो ऐसे व्यक्ति को समाज में रोल मॉडल मानना चाहिए। बेटी बचाने के लिए ऊंचे स्तर पर और प्रयास की जरूरत है। कन्या भ्रूण हत्या जैसे घृणित पाप को कराने में एक सास एक दादी का सबसे ज्यादा रोल होता है। जननी तो बेचारी परिवार के लोगों के डर से यह पाप कराने के लिए बलि बन जाती है। बेटियों को शिक्षा आर्थिक रूप से मजबूत कर सम्मान गौरव मिलना चाहिए।मैं तो कहूंगी कि सरकार समाज को बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के साथ बेटी बनाओ अभियान चलाना होगा। सरकार को भी बेटी पैदा करने वाले माता पिता को विशेष सम्मान देना होगा।
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