- शिकायत पर पोल खुलने पर एसडीएम ने नायब तहसीलदार को पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराने दिए आदेश
- पीडि़त आर्मीमैन ने सांठ-गांठ के दोषी लोगों पर रिपोर्ट दर्ज करने पुलिस और लोकायुक्त के खटखटाए दरवाजे
भारतीय रक्षा विभाग (मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस) से रिटायर्ड आर्मीमैन 67 वर्षीय बैरागढ़ निवासी विश्वदेव शर्मा ने एसपी मंयक अवस्थी और लोकायुक्त पुलिस भोपाल को दिए गए शिकायती आवेदन में बताया कि उन्होंने अपने रिटायरमेंट से अर्जित धनराशि से वर्ष 2017-18 में सीहोर जिले में आने वाले गांव बरखेड़ी में ग्राम पांगरी के सुनील राठौर, राहुल राठौर से 30 डिसीमल जमीन खरीदी थी। इसी तरह जमीन से लगा हुआ 30 डिसीमल जमीन का हिस्सा राहुल राठौर के कहने पर ग्राम बरखेड़ी के महेश शर्मा पिता रामप्रसाद शर्मा से लिया था। दोनों जमीन का सौदा 26 लाख 65 हजार रुपए में तय हुआ था। जिसका भुगतान 6 जनवरी 2018 को कर दिया था और इसके बाद जमीन का नामांतरण, बटान,सीमाकंन और कमर्शियल डायवर्सन आवेदक ने करा लिया था। बाद में वर्ष 2019 में पता चला कि उनके द्वारा खरीदी गई 60 डिसीमल जमीन पर भोपाल निवासी मृदुला शर्मा पत्नी दुर्गाप्रसाद शर्मा ने महेश शर्मा के पिता रामप्रसाद शर्मा से साल 2004 में खरीद ली थी। जिसका उन्होंने तहसीलदार और एसडीएम कोर्ट में शिकायत दर्ज कराते हुए अपना दावा पेश किया गया।
जांच में इस तरह खुली पोल, एसडीएम ने दोषियों पर एफआईआर के दिए आदेश
आर्मीमैन ने बताया कि उनकी 60 डिसीमल जमीन पर मृदुला शर्मा द्वारा हक जताने पर उन्होंने भी एसडीएम कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई। जिसके बाद पता चला कि बरखेड़ी निवासी महेश शर्मा ने साल 2012 में राजस्व विभाग के अधिकारी, कर्मचारियों से सांठगांठ कराकर पूर्व में भोपाल निवासी मृदुला शर्मा को बेची गई करीब साढ़े तीन एकड़ जमीन अपने नाम करा ली थी और जिसे टुकड़ों में अनेक लोगों को बेच दिया। इस धोखाधड़ी में बैरागढ़ निवासी विश्वदेव शर्मा भी साल 2018 में जमीन खरीदने के झांसे में आ गए। इस मामले में जांच उपरांत एसडीएम नितिन कुमार टाले ने बरखेड़ी के जमीन विक्रेता महेश शर्मा सहित राजस्व विभाग के लोगों को दोषी पाते हुए बिलकिसगंज के नायब तहसीलदार को दोबारा (एक ही जमीन को दो बार)जमीन बेचने के गोरखधंधे के दोषी लोगों पर एफआईआर दर्ज कराने के आदेश जारी किए हैं।
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