वाराणसी : 24 दिसम्बर को रात साढ़े दस बजे प्रार्थना व पवित्र पूजा-पाठ का आयोजन होगा - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 23 दिसंबर 2023

वाराणसी : 24 दिसम्बर को रात साढ़े दस बजे प्रार्थना व पवित्र पूजा-पाठ का आयोजन होगा

  • रंग-बिरंगी रोशनी से जगमगाएं चर्च, मसीहा के आगमन का इंतजार, 25, 26 व 27 दिसंबर तक खीस्त जयंती धूमधाम से मनाया जायेगा
  • 7 जनवरी तक क्रिसमस का माहौल रहेगा, दो जनवरी को सेंट जांस डीएलडब्ल्यू में विकलांग दिवस पर इसकासमापन होगा

Christmus-varanasi
वाराणसी (सुरेश गांधी) क्रिसमस पर कैंटोमेंट स्थित महागिरजाघर में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की झलक देखने को मिलेगी। कठपुतली नृत्य, प्रार्थना, कैरल गीत के साथ ही बच्चों और युवा कलाकार प्रस्तुतियां देंगे। शुक्रवार को बिशप हाउस में धर्म प्रांत के बिशप युजीन जोसेफ ने पत्रकारों को बताया कि कैरल, ईसा मसीह के जन्म की झांकी (चरनी), चर्च, घर की सजावट के साथ ही क्रिसमस ट्री सज चुका है। हर कोई प्रभु यीशु का जन्मदिन मनाने में लगा है। उन्होंने बताया कि 24 दिसम्बर को रात साढ़े दस बजे प्रार्थना व पवित्र पूजा-पाठ का आयोजन होगा। 25-26-27 दिसंबर तक खीस्त जयंती धूमधाम से मनाया जायेगा। 7 जनवरी तक क्रिसमस का माहौल रहेगा। दो जनवरी को सेंट जांस डीएलडब्ल्यू में विकलांग दिवस पर इसका समापन होगा। इस मौके पर कैथॉलिक समुदाय आसपास के जेलों, अनाथालयों, मलिन बस्तियों, रोगियो और परित्यक्त बच्चों आदि के लिए दान के विभिन्न कार्यक्रम होंगे।


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बिशप जोसेफ ने बताया कि 24 दिसंबर की मध्य रात्रि में ईसाई समुदाय के लोग गिरजाघर में प्रभु की स्तुति, आराधना के लिए जुटेंगे। विशेष महिमा गान, जयघोष के साथ गिरजा का घंटा बजाया जाता है, जो प्रभु के जन्म का प्रतीक है। फिर चरनी का अभिषेक होता है। इसके बाद सभी श्रद्धालु ईसा मसीह का दर्शन कर उनकी आराधना और स्तुति करते हैं। गिले शिकवे भूलकर गले मिलते हैं और कैरल गीत गाकर जन्म की खुशियां मनाते हैं।  उधर, क्रिसमस को लेकर मसीही समुदाय में तैयारियां अंतिम चरण में हैं। जैसे-जैसे प्रभु यीशु के जन्म की घड़ी नजदीक आ रही है, शहर में उल्लास बढ़ता जा रहा है। सभी चर्च लाइटों की रोशनी से जगमग हो गए हैं। बाजारों में लोग सजावटी सामानों की खरीदारी कर रहे हैं। मसीही समुदाय के सबसे बड़े त्योहार की धूम घर-घर में नजर आने लगी है। गीत-संगीत के साथ ही प्रभु यीशु के जन्मोत्सव की खुशियों को मनाने की तैयारियां हैं। मसीही समुदाय के मोहल्लों और चर्च की रौनक देखते ही बन रही है। कैंटोमेंट स्थित सेंट मेरिज महागिरजाघर चर्च की भव्य सजावट की गई है। यहां सबसे बड़ा क्रिसमस ट्री सजाया गया है। तेलियाबाग स्थित सीएनआई चर्च, गोदौलिया स्थित सेंट थॉमस चर्च, छावनी स्थित लाल चर्च, सिगरा स्थित सेंट पॉल चर्च समेत शहर के सभी 44 गिरजघरों को सजाया गया है। घरों में कोई क्रिसमस ट्री तो कोई सेंटा के अलग-अलग रूपों को तैयार कर रहा है। मसीहा के स्वागत की खुशी में सभी झूमने को तैयार हैं।


तीनों दिन तक विशेष प्रार्थना

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छावनी क्षेत्र स्थित सेंट मेरिज महागिरजाघर में आयोजित तीन दिवसीय मेला 25 दिसंबर से आयोजित किया गया है। तीन दिनों तक सेंट मेरिज चर्च आमजनों के लिए खुला रहेगा। इस दौरान तीनों दिन तक विशेष प्रार्थना, भजन-कीर्तन, बाइबिल का पाठ किया जाएगा। तीनों दिन दोपहर दो बजे से शाम पांच बजे तक सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। क्रिसमस मेले में सभी धर्म व सांप्रदाय के लोग शामिल होते हैं। मेले का मुख्य आकर्षक क्रिसमस ट्री, चरनी, बाइबल प्रदर्शनी है।। इसके अलावा चर्च के अंडरग्राउंड में स्थायी प्रदर्शनी में लाइट व साउंड सिस्टम के माध्यम से सृष्टि की रचना से लगायत प्रभु यीशु (पवित्र बाइबिल) जीवन दर्शन झांकी देखी जा सकती है।

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