पटना : कृषि अनुसंधान परिसर में विश्व मृदा दिवस मनाया गया - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 6 दिसंबर 2023

पटना : कृषि अनुसंधान परिसर में विश्व मृदा दिवस मनाया गया

Vishwa-mrida-diwas
पटना, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर,पटना में दिनांक 05 दिसंबर, 2023 को संस्थान के निदेशक डॉ. अनुप दास की अध्यक्षता में“मिट्टी और पानी: जीवन का स्रोत”थीम पर विश्व मृदा दिवस का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में लगभग 30 किसानों के साथ 15 आईएआरआई पटना के छात्रों और वैज्ञानिकों ने भाग लिया। कार्यक्रम की शुरुआत आईसीएआर गीत से हुई, जिसके बाद डॉ. शिवानी, प्रधान वैज्ञानिक,भूमि एवं जल प्रबंधन प्रभाग ने स्वागत भाषण दिया। डॉ. अनुप दास, निदेशक, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर,पटना ने मिट्टी की गुणवत्ता बनाए रखने के महत्व पर अपने विचार साझा किए और जलवायु परिवर्तन परिदृश्य में हमारे जीवन और खाद्य प्रणाली में इसकी महत्ता के बारे में चर्चा की । उन्होंने मिट्टी और पानी को समन्वित रूप से उचित प्रयोग करने पर बल दिया | साथ ही उन्होंने विभिन्न स्थायी मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन पद्धतियों, विशेष रूप से संरक्षण कृषि एवं अवशेष प्रबंधन पद्धतियों की भी चर्चा की । उन्होंने संस्थान के किसानों, छात्रों और युवा वैज्ञानिकों को टिकाऊ और अनुकूल कृषि-खाद्य प्रणाली अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया।


मुख्य अतिथि, डॉ. अंजनी कुमार, निदेशक, आईसीएआर-अटारी, पटना ने बेहतर पोषक तत्व प्रबंधन पद्धतियों पर जोर दिया। उन्होंने मृदा परीक्षण आधारित उर्वरक अनुशंसा के साथ-साथ किसानों के मृदा स्वास्थ्य कार्ड के महत्व पर भी प्रकाश डाला और मृदा स्वास्थ्य गुणवत्ता बढ़ाने के बारे में जानकारी दी। डॉ. आशुतोष उपाध्याय,प्रमुख, भूमि और जल प्रबंधन प्रभाग ने “मिट्टी और पानी: जीवन का स्रोत” विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने मिट्टी के साथ-साथ पानी की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए विभिन्न तरीके सुझाए जैसे मिट्टी परीक्षण आधारित उर्वरक अनुशंसा, जैविक और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना, वर्षा जल संचयन आदि। डॉ. संजीव कुमार,प्रमुख, फसल अनुसंधान प्रभाग ने समेकित पोषक तत्व प्रबंधन पद्धतियों और संतुलित उर्वरक के बारे में प्रकाश डाला। डॉ. कमल शर्मा,प्रमुख, पशुधन एवं मात्स्यिकी प्रबंधन प्रभाग ने मत्स्य पालन में अच्छी गुणवत्ता वाली मिट्टी एवं जल के महत्त्व के बारे में सुझाव दिया। डॉ. उज्जवल कुमार, प्रमुख, सामाजिक-आर्थिक एवं प्रसार प्रभाग ने जलवायु के अनुकूल मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन पद्धतियों पर प्रकाश डाला। डॉ. एस.के. नायक, प्रधान वैज्ञानिक, कृषि प्रणाली का पहाड़ी एवं पठारी अनुसंधान केन्द्र,रांची ने मिट्टी में कार्बन पृथक्करण को बढ़ाने के लिए जलवायु अनुकूलपद्धतियों के बारे में बताया। 

            

इस कार्यक्रम के दौरान कृषक-वैज्ञानिक संगोष्ठी का भी आयोजन किया गया। दानापुर गांव के किसान श्री कृष्ण ने पिछले कुछ वर्षों में मृदा स्वास्थ्य की गुणवत्ता में गिरावट पर अपने अनुभवों का वर्णन किया और वैज्ञानिकों से मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन के लिए बेहतर तकनीकों के बारे में जानकारी मांगी। छात्रों ने भी मिट्टी की गुणवत्ता के महत्व के बारे में किसानों से बातचीत की। कार्यक्रम के  संचालन में डॉ. शिवानी, प्रधान वैज्ञानिक; डॉ. पी.के. सुंदरम, वरिष्ठ वैज्ञानिक; डॉ. कीर्ति सौरभ, वैज्ञानिक; डॉ. पवन जीत, वैज्ञानिक; डॉ. सोनका घोष, वैज्ञानिक; डॉ. रोहन कुमार रमण, वरिष्ठ वैज्ञानिक और डॉ. अभिषेक कुमार, वैज्ञानिक का महत्वपूर्ण योगदान रहा | डॉ. सोनका घोष, वैज्ञानिक द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ |

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