देखा जाएं तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राम की नगरी अयोध्या से लोकसभा चुनाव 2024 का शंखनाद कर दिया है। हजारों करोड़ की विकास योजनाओं का लोकार्पण के बाद मोदी ने यूपी ही नहीं, बिहार, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र से लेकर पूरे भारतीयों या यूं कहे हर तबके को साधा। एक तरफ उन्होंने महर्षि वाल्मीकि इंटरनेशनल एयरपोर्ट के जरिए वाल्मीकि समाज को रिझाया, तो दुसरी तरफ मीरा मांझी के घर पहुंचकर रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह का आमंत्रण देकर उन्होंने दलित और निषाद समाज को साधने का बड़ा दांव खेल दिया। उन्होंने नेताजी सुभाष चंद्र बोस को अयोध्या की धरती से याद किया। वहीं, स्वर कोकिला लता मंगेशकर के जरिए महाराष्ट्र की राजनीति को भी साधने की कोशिश की। अमृत भारत एक्सप्रेस के जरिए बिहार के लोगों को संदेश दिया कि विकास हम ही करेंगे। खास यह है कि मोदी ने विकास योजनाओं के साथ- साथ लोगों का आह्वान किया कि वे अपनी ऐतिहासिक विरासत को भी संजाने संवारने के लिए आगे आएं। रामलला के प्राण प्रतिष्ठा की तिथि 22 जनवरी को उत्सुकता का प्रदर्शन करते हुए श्रीराम ज्योति इस कदर जलाएं, मानों सचमुच मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का अवतरण आज ही हुआ है। मतलब साफ है मोदी ने राम की धरती से चुनावी बिगुल फूंकते हुए “रामबाण“ रुपी “ब्रह्मास्त्र“ चलाकर 2024 की जंग जीतने का ऐलान कर दिया है। बाजी किसके हाथ लगेगी, ये तो चुनाव परिणाम बतायेंगे? लेकिन लोकसभा चुनाव 2024 से पहले पीएम मोदी ने अयोध्या के मंच से धर्म के साथ विकास की राजनीतिक एजेंडा सेट कर दिया है। विरासत को विकास के लिए जरूरी बताकर एक बड़ा संदेश दिया हैफिरहाल, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी निर्माणाधीन भव्य राम मंदिर में भगवान राम के बाल स्वरुप मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा से पहले चौथी बार अयोध्या पहुंचकर पहले रोडशो किया, फिर अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन का उद्घाटन भी किया. या यूं कहे पीएम नरेंद्र मोदी रामनगरी में रोड शो करने वाले पहले प्रधानमंत्री बने। पीएम का रोड शो अद्भुत, अविश्वसनीय व अकल्पनीय रहा..। अद्भुत इसलिए रहा कि पीएम मोदी का स्वागत करने के लिए अयोध्या समेत पूरे देश की संस्कृति उमड़ पड़ी। अविश्वसनीय व अकल्पनीय इसलिए रहा कि आज से पहले कोई कल्पना नहीं कर सकता था कि कोई प्रधानमंत्री अयोध्या में रोड शो करेगा। अयोध्या में रोड शो के जरिए पीएम नरेंद्र मोदी पूरे देश के दिल में उतर गए। बारी जब लोगों को संबोधन की आयी तो यह कहने में संकोच नहीं किया कि “आज देश में सिर्फ बाबा विश्वनाथ धाम, महाकाल महालोक व केदार धाम का पुनरुद्धार ही नहीं हुआ है, बल्कि 315 से ज्यादा नए मेडिकल कॉलेज भी बने हैं। हर घर जल पहुंचाने के लिए पानी की 2 लाख से ज्यादा टंकियां भी बनवाई गई हैं।“ पीएम नरेंद्र मोदी इसके बाद अयोध्या के नवनिर्मित महर्षि वाल्मीकि इंटरनेशनल एयरपोर्ट का उद्घाटन करने पहुंचे। उद्घाटन समारोह को लेकर तैयारी पहले से पूरी की गई थी। महर्षि वाल्मीकि के नाम पर एयरपोर्ट का उद्घाटन और उससे पहले निषाद राज को प्रभु रामलला के प्राण प्रतिष्ठा में आमंत्रण को लेकर एक अलग ही राजनीतिक लाइन पर काम किए जाने की चर्चा शुरू हो गई है। भारतीय जनता पार्टी दलित पॉलिटिक्स पर लगातार काम करती दिखी है। यूपी चुनाव 2022 के दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ को दोबारा सत्ता में लाने में दलित वोट बैंक का बड़ा योगदान था।
निषादराज को रिझाया
पीएम नरेंद्र मोदी ने अयोध्या दौरे के दौरान अचानक अपने कार्यक्रम में बदलाव किया। वे उज्ज्वला योजना की लाभार्थी मीरा के घर पहुंचे। वहां उन्होंने न सिर्फ निषादराज को प्रभु रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का न्यौता दिया, बल्कि योजनाओं की जानकारी लेने के बाद वहां चाय भी पिया। निषादराज को प्रभु श्रीराम का मित्र कहा जाता है। ऐसे में निषादराज को आमंत्रण देकर पीएम मोदी ने एक बड़ी राजनीति की शुरुआत कर दी है। भगवान राम के लंका विजय से लौटने के बाद राज्याभिषेक कार्यक्रम में भी निषादराज को आमंत्रण भेजा गया था। कहते हैं कि भगवान राम ने इसके लिए भाई भरत को विशेष निर्देश दिए थे। उन्हें अपना अभिन्न मित्र बताया था। ऐसे में अयोध्या राम मंदिर के उद्घाटन समारोह और रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का न्यौता लेकर निषादराज के यहां स्वयं प्रधानमंत्री पहुंचे। इसे राजनीतिक रूप से भी काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। पीएम मोदी ने देश में विकास योजनाओं को लेकर बड़ा दावा किया। उन्होंने कहा कि महिलाओं को धुएं से आजादी दिलाने में हमारी सरकार ने बड़ी भूमिका निभाई है। आजादी के बाद से 2014 तक केवल 14 करोड़ लोगों को गैस कनेक्शन दिया गया था। पिछले एक दशक में 18 करोड़ गैस कनेक्शन दिए गए हैं। इसमें से 10 करोड़ कनेक्शन उज्ज्वला योजना के तहत दिए गए हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में उज्ज्वला योजना के 10 करोड़वें कनेक्शनधारी मीरा मांझी के घर पहुंचकर उनसे मुलाकात की। अपने संबोधन के दौरान यह जिक्र किया। कोरोना कल में मुफ्त अनाज स्कीम ने इस पर को भाजपा से जोड़ा। अब उन्हें सम्मान देकर पार्टी अपने साथ पूरी तरह जोड़ने की तैयारी में है। एक तरफ अखिलेश यादव जहां दलित, पिछड़ा और अल्पसंख्यक समाज को जोड़कर पीडीए पॉलिटिक्स को यूपी की राजनीति में लाने का प्रयास कर रहे हैं। वहीं, भाजपा ने दलित वर्ग को श्रीराम से जोड़कर अलग ही माहौल बनाने का प्रयास किया है।भव्य एवं दिव्य रही अयोध्या
पीएम ने एयरपोर्ट पर उतरने के बाद हाईवे होते हुए धर्मपथ के रास्ते से अयोध्या में प्रवेश किया। उनके स्वागत के अद्भुत इंतजाम थे। 51 जगहों पर पीएम के अभिनंदन के लिए मंच सजाया गया था। 12 जगहों पर संत-धर्माचार्य पुष्पवर्षा कर रहे थे। 23 संस्कृत विद्यालयों के 1895 वैदिक छात्र जगह-जगह वेदमंत्र और शंख ध्वनि से स्वागत कर रहे थे। धर्मपथ पर उनकी गाड़ियों का काफिला जैसे पहुंचा, वैदिक मंत्रोच्चार व शंखनाद ने यह बता दिया कि पीएम अयोध्या में प्रवेश कर गए हैं। लता मंगेशकर चौक पर पहुंचे तो फिर वैदिक मंत्रोच्चार हुआ, पुष्पवर्षा हुई। इससे आगे बढ़ने पर साधु-संत भगवान राम, लक्ष्मण व सीता के स्वरूपों के साथ उनके अभिनंदन को तैयार थे। पीएम ने न सिर्फ संतों को प्रणाम किया बल्कि भगवान के स्वरूपों के सामने भी सिर झुकाया। यहां से आगे बढ़ने पर तिवारी मंदिर के पास संतों के समूह ने पीएम पर पुष्पवर्षा की, अनवरत शंखनाद गूंजता रहा। पीएम के स्वागत में रामपथ के दोनों तरफ लोग मौजूद थे। हर कोई पीएम को अपने बीच पाकर खुश था। पीएम मोदी ने हाथ हिलाकर सभी का अभिवादन किया। इसी तरह का द़ृश्य तुलसी उद्यान, छोटी देवकाली, हनुमानगढ़ी चौराहे व बिड़ला धर्मशाला के पास भी रहा। टेढ़ीबाजार से पीएम अयोध्या रेलवे स्टेशन के लिए मुड़े तो यहां फूलों से बनी गणपति की छवि काफी आकर्षित कर रही थी। रामजन्मभूमि पथ को भी भव्यता पूर्वक सजाया गया था। पीएम ने राम जन्मभूमि पथ की ओर देखकर सिर भी नवाया। पीएम मोदी के स्वागत में अयोध्या का श्रृंगार काफी अद्भुत था। यह श्रृंगार जिसने भी देखा, मोहित उठा। जगह-जगह बने तोरणद्वार, रामायण के सातों कांड पर आधारित होर्डिंग्स आकर्षण बढ़ा रहे थे।लोककला की प्रस्तुतियों के रंगों से सजी अयोध्या
पीएम मोदी के रोड शो के दौरान 1400 से कलाकारों ने प्रस्तुतियां दी। लता चौक पर एक विशाल मंच बनाया गया था। यहां पीएम मोदी के काफिले पर फ्लावर कैनन से पुष्प वर्षा की गई। हवाई अड्डे के गेट नंबर तीन पर व हवाई अड्डे और साकेत पेट्रोल पंप के बीच पांच मंचों का संचालन किया गया। शंख वादन और डमरू वादन ने सभी को झंकृत कर दिया। मथुरा के खजान सिंह और महिपाल ने अपनी टीम के साथ ’’बम रसिया’’ के प्रदर्शन के माध्यम से छाप छोड़ी। इसके अतिरिक्त, मथुरा के लोकप्रिय ’’मयूर’’ नृत्य ने भी कई मंचों की शोभा बढ़ाई। अवधी, वनटांगिया और फरुवाही समेत विभिन्न संस्कृतियों की प्रस्तुतियों के रंगों से सजी अयोध्या में पलवल (हरियाणा) के बीन-बांसुरी डांस और राजस्थान की चकरी डांस ने लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिथिला से रामनगरी को रेल मार्ग से जोड़ने की संतों की बहुप्रतीक्षित इच्छा को पूरा किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “एक समय था, जब यहीं अयोध्या में रामलला टेंट में विराजमान थे। आज पक्का घर सिर्फ रामलला को ही नहीं बल्कि पक्का घर देश के 4 करोड़ गरीबों को भी मिला है। आज का भारत अपने तीर्थों को भी संवार रहा है, वहीं डिजिटल टेक्नोलॉजी की दुनिया में भी छाया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “दुनिया में कोई भी देश हो, अगर उसे विकास की नई ऊंचाई पर पहुंचना है, तो उसे अपनी विरासत को संभालना ही होगा। हमारी विरासत हमें प्रेरणा देती है, हमें सही मार्ग दिखाती है। इसलिए आज का भारत, पुरातन और नूतन दोनों को आत्मसात करते हुए आगे बढ़ रहे हैं।
सुरेश गांधी
वरिष्ठ पत्रकार
वाराणसी
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