पटना : दिव्य कला मेले के समापन के पूर्व संध्या पर कवि सम्मेलन का हुआ आयोजन - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

रविवार, 17 दिसंबर 2023

पटना : दिव्य कला मेले के समापन के पूर्व संध्या पर कवि सम्मेलन का हुआ आयोजन

Divya-kala-mela-patna
पटना, 16 दिसंबर, दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा पटना के गाँधी मैदान में आयोजित दिव्य कला मेला के समापन के पूर्व संध्या पर शनिवार को कवि अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस दौरान रीवा ,मध्य प्रदेश से आए कवि अमित शुक्ला ने कवि समेल्लन का संचालन किया। कौशांबी से आये कवि आशीष कविगुरु ने  अपनी रचना ...जो रक्त बहा हो गद्दारी में, वो रक्त नहीं हो सकता है देश में हिंसा करने वाला, देशभक्त नहीं हो सकता... की प्रस्तुति कर खूब तालियां बटोरीं। वाराणसी से आए कवि अंकित मौर्य ने अपना सौ स्वर्ग से सुंदर प्यारा इसकी नदियों में हर दम बहती है प्रेम की धारा... कविता सुनाकर लोगों को मोह लिया। इसी तरह अन्य कवियों ने एक से बढ़कर एक कविता सुनाई। दिव्या कला मेला कवि सम्मेलन के मुख्य अतिथि एवं उद्घाटन करता के रूप में  प्रेम सिंह मीणा सचिव सोशल वेलफेयर बिहार सरकार, यामिनी कथक नृत्यांगना एवं सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के सीएमडी  नवीन कुमार सहा  सहित कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।

कोई टिप्पणी नहीं: