मधुबनी : दलित, आदिवासी और पिछड़ा विरोधी मोदी सरकार : प्रमोद मंडल - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 11 दिसंबर 2023

मधुबनी : दलित, आदिवासी और पिछड़ा विरोधी मोदी सरकार : प्रमोद मंडल

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मधुबनी, बिहार प्रदेश युवा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता फुलपरास प्रखंड के कालापट्टी निवासी श्री प्रमोद कुमार मंडल ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि मोदी सरकार के नौ-दस साल के कार्यकाल में दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों एवं शोषितों पर हमले और जातिगत भेदभाव के मामले बेतहाशा बढ़े हैं। इस तथाकथित अमृतकाल में समाज के हाशिये पर पड़े लोगों को अपमान और अमानवीयता का दंश झेलना पड़ रहा है। जो सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास का नारा देकर सत्ता में आए थे, वो वंचितों पर हो रहे अत्याचारों पर आंख मूंदे हुए हैं। उन्हें वंचितों के दुख-दर्द से कोई लेना-देना नहीं है। ऐसा इसलिए भी क्योंकि भाजपा और संघ की नजर में दलित और आदिवासी मनुष्य नहीं होते। श्रीमंडल ने कहा कि एनसीआरबी की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, बीते एक साल के भीतर SC के खिलाफ अपराधों में 13.11% तथा ST के खिलाफ अपराधों में 14.3% की खतरनाक वृद्धि दर्ज की गई है। ये आकंड़ा जितना खौफनाक और भयावह है उससे ज्यादा मोदी सरकार के मंसूबों का दस्तावेज है। मोदी सरकार को समाज के हाशिये पर पड़े लोगों की जरा सी भी परवाह होती तो शायद ऐसी भयावह स्थिति देश और समाज में नहीं पैदा होती। वंचितों पर अत्याचारों की सूची इतनी लम्बी है कि इस पर पूरी पुस्तक ही लिखी जा सकती है। यही भाजपा का पिछड़ों और दलितों के प्रति नफ़रत का घिनौना चेहरा और असली चरित्र है। आज भाजपा शासित प्रदेशों की स्थिति दलितों, आदिवासियों के रहने लायक नहीं है। जहां देखो, वहीं वंचित तबके के लोगों पर जुल्म और ज्यादती हो रही है। भाजपा ने दबंगों को इतना मनबढ़ बना दिया है कि उनको पुलिस-कानून का कोई भय नहीं रह गया है। नतीजा ये है कि इन प्रदेश में वंचितों के साथ वीभत्सता, क्रूरता और अमानवीयता का नंगा नाच हो रहा है। यहां का असहाय वर्ग भीतर तक डरा-सहमा है। कभी आदिवासियों पर पेशाब किया जाता है तो कभी दलितों के मुंह में मल भरा जाता है। कभी वंचित तबके के लोगों को निर्वस्त्र करके पीटा जाता है तो कभी उन्हें जूते-चप्पलों की माला पहना कर जुलूस निकाला जाता है। सामाजिक न्याय के नाम पर बड़ी-बड़ी बातें करने वाली मोदी सरकार वंचितों को प्रताड़ित करने वाले अपराधियों की पोषक है। आज इस देश के वंचितों का यही सवाल है कि आखिर मोदी राज में उन्हें सम्मानपूर्वक जीने की स्वतंत्रता क्यों नही है। जो स्वतंत्रता और समानता उन्हें संविधान ने दी है, मोदी सरकार उसकी रक्षा क्यों नहीं कर रही है।

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