- आश्रम में मनाया गया तुलसी पूजन दिवस, श्रीयोगवेदांत सेवा समिति ने बताई श्रद्धालुओं को तुलसी की महीमा
सीहोर। श्रीयोगवेदांत सेवा समिति द्वारा प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी गणेश मंदिर स्थित आश्रम में श्रद्धालुओं को तुलसी की महीमा बताई गई। श्रद्धालु भक्तजनों को तुलसी के पौधे देकर संस्कृति की रक्षा का संकल्प दिलाया। तुलसी पूजन दिवस सोमवार को मनाया गया। सद साहित्य का वितरण किया गया। विदेश त्यौहारों से दूर रहने और भारतीय सनातन पारंपाराओं से जुडे रहने पर बल दिया गया। आश्रम व्यवस्थापक वरिष्ठ साधक संतोष यादव ने तुलसी की महिमा के बारे में बताते हुए कहा कि तुलसी सम्पूर्ण धरा के लिए वरदान है, अत्यंत उपयोगी औषधि है, मात्र इतना ही नहीं, यह तो मानव जीवन के लिए अमृत है। यह केवल शरीर स्वास्थ्य की दृष्टि से ही नहीं, अपितु धार्मिक, आध्यात्मिक, पर्यावरणीय एवं वैज्ञानिक आदि विभिन्न दृष्टियों से भी बहुत महत्त्वपूर्ण है। श्रद्धालुओं के मध्य श्री यादव ने आगे कहा की एक ओर जहाँ चरक संहिता, सुश्रुत संहिता जैसे आयुर्वेद के ग्रंथों, पद्म पुराण, स्कंद पुराण, ब्रह्मवैवर्त - पुराण आदि पुराणों तथा उपनिषदों एवं वेदों में भी तुलसी की महत्ता, उपयोगता बतायी गयी है, वहीं दूसरी ओर युनानी, होमियोपैथी एवं एलोपैथी चिकित्सा पद्धति में भी तुलसी एक महत्त्वपूर्ण औषधि मानी गयी है तथा इसकी खूब खूब सराहना की गयी है। विज्ञान ने विभिन्न शोधों के आधार पर माना है कि तुलसी एक बेहतरीन रोगाणुरोधी, तनावरोधी, ददज़् निवारक, मधुमेहरोधी, ज्वरनाशक, कैंसरनाशक, चिंता निवारक,अवसादरोधी, विकिरण रक्षक है। इस घोर नैतिक पतन से व्यथित होकर पूज्य संत श्री ने प्रेरणा दी कि तुलसी, पीपल, आँवला, नीम इन लाभकारी वृक्षों के रोपण का अभियान चलाया जाय। प्रतिदिन तुलसी को जल देकर उसकी परिक्रमा करें, तुलसी पत्रों का सेवन करें। प्रतिवषज़् 25 दिसम्बर को तुलसी पूजन दिवस मनायें। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में सीहेार सहित आसपास के ग्रामीण अंचलों के नागरिक गण शामिल रहे।
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