- अच्छे दिन लाने वाली सरकार के राजपाट में हरेक भारतीय नागरिकों पर 1 लाख 46 हजार रूपए कर्ज
- कहा जाता है कि हरेक दिन भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी 10 करोड़ रुपए खर्च करते हैं
नई दिल्ली. 'देश के 14 प्रधानमंत्रियों ने मिलकर 67 साल में कुल 55 लाख करोड़ रुपए का कर्ज लिया. पिछले 9 साल में पीएम नरेंद्र मोदी जी ने हिंदुस्तान का कर्जा तिगुना कर दिया. 100 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा कर्ज उन्होंने मात्र 9 साल में ले लिया. अब अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी आईएमएफ ने कहा है कि सरकार इसी रफ्तार से उधार लेती रही तो देश पर जीडीपी का 100% कर्ज हो सकता है. ऐसा हुआ तो कर्ज चुकाना मुश्किल हो जाएगा. इसी तरह अब अगर विदेशी कर्ज की बात करें तो 2014-15 में भारत पर विदेशी कर्ज 31 लाख करोड़ रुपए था. 2023 में भारत पर विदेशी कर्ज बढ़कर 50 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा हो गया है. इस बात का खुलासा हालिया जारी एक रिपोर्ट में हुआ है. रिपोर्ट के अनुसार देश पर कुल कर्ज चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में बढ़कर 2.47 लाख करोड़ डॉलर (205 लाख करोड़ रुपये) हो गया.इस आधार पर 140 करोड़ की आबादी वाले देश के प्रत्येक व्यक्ति पर औसतन 1.46 लाख का कर्ज है. बीते वित्त वर्ष की जनवरी-मार्च तिमाही में कुल कर्ज 2.34 लाख करोड़ डॉलर (200 लाख करोड़ रुपये) था. आईएमएफ ने भारत के कर्ज को देखते हुए लंबी अवधि के लिए रिस्क बताया है. वहीं भारत सरकार के तरफ से साफ किया गया है. कर्ज खतरनाक स्तर पर नहीं है. और पिछले 20 साल के अनुपात जैसा ही है. आपको बता दें कि भारत में अरुणाचल प्रदेश के बाद राज्यवार सबसे ज्यादा कर्ज पंजाब पर है. कारणों में कृषि सब्सिडी, पेंशन दायित्व और बुनियादी ढांचे के विकास पर अत्यधिक खर्च शामिल हैं. इससे राज्य के वित्त पर अत्यधिक दबाव पड़ा, जिससे शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल निधि कम हो गई.
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