वाराणसी : ज्ञानवापी की सीलबंद सर्वे रिपोर्ट न्यायालय में दाखिल - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 19 दिसंबर 2023

वाराणसी : ज्ञानवापी की सीलबंद सर्वे रिपोर्ट न्यायालय में दाखिल

  • सुनवाई के बाद पक्षकारों के हाथों में 21 दिसंबर को दी जाएगी रिपोर्ट

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वाराणसी (सुरेश गांधी) ज्ञानवापी पर वाराणसी की जिला अदालत में सोमवार को एएसआई ने ज्ञानवापी की सर्वे रिपोर्ट पेश कर दी है. इससे पहले मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट में याचिका देते हुए मांग की थी कि रिपोर्ट को सीलबंद लिफाफे में पेश किया जाए, एएसआई ने ऐसा ही किया है. ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में हुए सर्वे की रिपोर्ट दाखिल करने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) की टीम जिला जज की अदालत पहुंची। जिला जज डा. अजय कृष्ण विश्वेश ने 18 दिसंबर को सर्वे रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया था। इस आदेश के तहत सर्वे की रिपोर्ट भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) जिला जज की अदालत में दाखिल किया। रिपोर्ट सील बंद लिफाफे में है। 21 दिसंबर को इस पर सुनवाई होगी। वजूखाना जहां शिवलिंग मिला उस सील एरिया को छोड़कर पूरे ज्ञानवापी परिसर के वैज्ञानिक विधि से जांच (एएसआइ सर्वे) का प्रार्थना पत्र मंदिर पक्ष की ओर से बीते 16 मई को जिला जज की अदालत में दाखिल किया गया था। इसे स्वीकार करते हुए 21 जुलाई को जिला न्यायालय ने ज्ञानवापी परिसर (सुप्रीम कोर्ट द्वारा सील क्षेत्र को छोड़कर) का सर्वे करके का आदेश दिया था। इसके खिलाफ प्रतिवादी अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद (मस्जिद पक्ष) 24 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट गया। सुप्रीम कोर्ट ने उसे हाईकोर्ट जाने का आदेश देते हुए 26 जुलाई तक सर्वे पर रोक लगा दी थी। 25 जुलाई को हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए तीन अगस्त तक सर्वे पर रोक लगा दी। तीन अगस्त को हाईकोर्ट ने एएसआइ को ज्ञानवापी परिसर में सर्वे की अनुमति दे दी। चार अगस्त से ज्ञानवापी परिसर में सर्वे फिर से शुरू किया गया जो लगातार दो नवंबर तक चला। बीते 11 दिसंबर को जिला जज ने 18 दिसंबर को सर्वे रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश एएसआई को दिया था।


इलाहाबाद हाईकोर्ट आज सुनाएगा फैसला

इलाहाबाद हाईकोर्ट वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद मामले में अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी और दूसरे की सभी पांच याचिकाओं पर 19 दिसंबर को फैसला सुनाएगा. ये याचिकाएं वाराणसी की एक कोर्ट में लंबित एक दीवानी वाद की पोषणीयता को चुनौती देते हुए दायर की गई हैं. याचिका में वाराणसी की कोर्ट के आठ अप्रैल 2021 के उस निर्देश को भी चुनौती दी गई है, जिसमें ज्ञानवापी मस्जिद का समग्र सर्वे कराने का निर्देश दिया गया था. इससे पूर्व, आठ दिसंबर को जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल ने याचिकाकर्ता अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी और उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड और प्रतिवादी मंदिर पक्ष की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर से सटी ज्ञानवापी मस्जिद का प्रबंधन करने वाली अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी ने वाराणसी की कोर्ट में लंबित वाद की पोषणीयता को चुनौती दी है. वहीं, हिंदू पक्ष ने उस जगह पर मंदिर बहाल करने की मांग की है, जहां मौजूदा वक्त में ज्ञानवापी मस्जिद मौजूद है. हिंदू पक्ष के मुताबिक, ज्ञानवापी मस्जिद, मंदिर का हिस्सा है. अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी और उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की दलील है कि इस मुकदमे की पूजा स्थल अधिनियम (विशेष प्रावधान) 1991 के तहत सुनवाई नहीं हो सकती है. इस कानून में कहा गया है कि किसी भी मजहब के पूजा स्थल का जो अस्तित्व 15 अगस्त 1947 के दिन था, वही बाद में भी रहेगा.

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