पटना : नीतीश कुमार ताश के पत्तों की तरह अपनी पार्टी में नेताओं को करते रहते हैं ऊपर-नीचे - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

गुरुवार, 28 दिसंबर 2023

पटना : नीतीश कुमार ताश के पत्तों की तरह अपनी पार्टी में नेताओं को करते रहते हैं ऊपर-नीचे

  • नीतीश कुमार के पलटी मारने की चर्चा पर प्रशांत किशोर का तंज,बोले-नीतीश को चुनाव तो महागठबंधन के साथ ही होगा लड़ना, नीतीश राजनेता और जदयू दल के तौर पर बन गए हैं बहुत बड़े बोझ, जो भी बोझ उठाने की करेगा कोशिश मर जाएगा दबकर

Prashant-kishore-attack-nitish
पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के फिर से पलटी मारने यानी I.N.D.I.A. गठबंधन से अलग होकर NDA में जाने की चर्चा खूब है। साथ ही ये भी अफवाह खूब चल रही है कि आने वाले दिनों में जेडीयू में बड़े संगठनात्मक बदलाव होने वाले हैं। इस पर जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार के राजनीतिक जीवन का ये अंतिम दौर चल रहा है। नीतीश कुमार को खुद नहीं मालूम है कि वह कहां हैं और कहां रहेंगे? इतना मैं जरूर कह सकता हूं कि लोकसभा चुनाव-2024 के पहले अब उनके पास कोई विकल्प नहीं है और उन्हें चुनाव तो महागठबंधन के साथ ही लड़ना होगा। इसलिए नहीं कि वह पलटी मारना नहीं चाहते हैं इसलिए कि पलटी मारने के बाद कोई लेने वाला भी तो कोई होना चाहिए। अब आज की तारीख में उनको कोई लेने वाला भी नहीं बचा है। नीतीश कुमार राजनेता और जदयू दल के तौर पर बहुत बड़े बोझ बन गए हैं और जो भी इस बोझ को उठाने की कोशिश करेगा वो भी उस बोझ के तले नीचे दबकर मर जाएगा।


नीतीश कुमार ताश के पत्तों की तरह अपनी पार्टी में नेताओं को करते रहते हैं ऊपर-नीचे

जदयू की आगामी राष्ट्रीय कार्यकारिणी के बैठक के सवाल पर प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि नीतीश कुमार का अपना तरीका है और वो ताश के पत्तों की तरह वह अपनी पार्टी में नेताओं को   ऊपर-नीचे करते रहते हैं। यही वजह है कि 18 सालों से मुख्यमंत्री रहने के बावजूद उन्होंने अपनी पार्टी में सेकेंड लाइन लीडरशिप या संगठन बनाया ही नहीं। मान लीजिए कि साल 2014 में हमने दांव लगाया और हमको लेकर आए। नीतीश कुमार ने घोषणा कर दी कि यही हमारे उत्तराधिकारी हैं और यही हमारे आगे यही रहेंगे। चुनाव जब जीत गए तो सोचे कि प्रशांत किशोर कोई बड़ा नेता न बन जाए और अब इसको हटाकर दूसरे को बनाओ। मुझे इस बात का बिल्कुल भी मलाल नहीं है। हम जीवन में वो लोग नहीं हैं जो इस तरह की बातों पर मलाल करें। हमारे माता-पिता और गुरुओं ने सिखाया है कि आप जो काम करते हैं और उससे अगर जीवन में कोई गलती हो जाए, तो उससे दो रास्ते आपके पास हैं। पहला, आप अपने निर्णय और अनुभव के आधार पर सीख सकते हैं कि आगे जीवन में वो गलती न करें और दूसरा कि उस बात का मलाल कर सकते हैं और हम मलाल करने वाले नहीं हैं। 


अब नीतीश कुमार के साथ जाने का कोई सवाल ही नहीं 

दरभंगा के डीएमसीएच खेल मैदान पर पत्रकार वार्ता के दौरान प्रशांत किशोर ने गुरुवार को कहा कि एक बार नीतीश कुमार ने अगर धोखा किया तो चाहे नीतीश कुमार बीस बार हमारे पास आ गए, कितनी बार बात कर लिए या संदेशे भिजवा दिए, तो भी हमने साफ मना कर दिया। अब नीतीश कुमार के साथ जाने का कोई सवाल ही नहीं है। इस बार जब नीतीश कुमार महागठबंधन बनाए तो सबको पता चला जब बनाए तब, हमको आकर छह महीने पहले हमसे ही सलाह किए कि भाई हम महागठबंधन बनाना चाहते हैं, हमारे साथ आ जाइए। आप तो बीजेपी के खिलाफ हमारी मदद करना चाहते थे, तो उस समय भी हमने कहा कि नहीं मिलेंगे और नहीं आ सकते हैं। आपको जो करना है करिए, हम अपनी नई व्यवस्था ही बनाना चाहते हैंं।

कोई टिप्पणी नहीं: