वाराणसी : दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति ने 15 मेधावियों को दिये मेडल - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 11 दिसंबर 2023

वाराणसी : दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति ने 15 मेधावियों को दिये मेडल

  • काशी, निरंतर अस्तित्व में बनी रहने वाली विश्व की प्राचीनतम नगरी है : द्रौपदी मुर्मू

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वाराणसी (सुरेश गांधी) महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के 45वें दीक्षांत समारोह में सोमवार को मुख्य अतिथि एवं देश की प्रथम नागरिक राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 15 मेधावियों को मेडल प्रदान किया। राष्ट्रपति के हाथों मेडल प्राप्त करते ही छात्र-छात्राओं के चेहरे के खुशी से खिल उठे। इस दौरान राष्ट्रपति ने कहा, बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में आना अपने आप में सौभाग्य की बात है। काशी का अभिप्राय है सदैव प्रकाशमान रहने और सदैव प्रकाशित रखने वाला ज्योतिपुंज। राष्ट्रपति ने कहा कि भारत रत्न डॉ. भगवान दास इस विद्यापीठ के पहले कुलपति थे और पूर्व प्रधान मंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री इस संस्था के पहले बैच के छात्र थे। उन्होंने कहा कि इस संस्थान के विद्यार्थियों से अपेक्षा है कि वे शास्त्री जी के जीवन मूल्यों को अपने आचरण में अपनायें। राष्ट्रपति ने कहा कि वाराणसी प्राचीन काल से ही भारतीय ज्ञान परंपरा का केंद्र रहा है। आज भी इस शहर की संस्थाएं आधुनिक ज्ञान-विज्ञान के प्रचार-प्रसार में अपना योगदान दे रही हैं। इस मौके पर राज्यपाल आनंदी बेन पटेल भी मौजूद थी। इसके पूर्व राष्ट्रपति ने कलश में पानी डालकर दीक्षांत समारोह की शुरुआत की। एयरपोर्ट पर राज्यपाल आनंदी बेन पटेल राष्ट्रपति की अगवानी की।


राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने दीक्षान्त समारोह में स्नातक, स्नातकोत्तर एवं पीएचडी उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों एवं शोधार्थियों को बधाईदी। इस अवसर पर अतुल माहेश्वरी स्मृति स्वर्ण पदक एमए पत्रकारिता एवं जनसंचार की छात्रा आयुषी तिवारी को, सीता राम जिंदल फाउंडेशन स्वर्ण पदक एमसीए के छात्र विनय तिवारी व सुनंदा यति, प्रो. सीपी गोयल स्मृति स्वर्ण पदक एमएसडब्ल्यू की अंजली चौरसिया, स्नातकोत्तर कक्षा में सर्वोच्च अंक के लिए एमटीटीएम की छात्रा मनीषा मौर्या को डॉ. विभूति नारायण सिंह स्मृति स्वर्ण पदक दिया गया। जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती स्वर्ण पदक एमए संस्कृत की छात्रा ट्विंकल पाठक को, डॉ. शंभू नाथ सिंह स्मृति स्वर्ण पदक एमए हिंदी के छात्र अभिषेक मौर्या को, राम जनम सिंह स्मृति स्वर्ण पदक एमए इतिहास के छात्र प्रीतम प्रसाद को, प्रो. दूधनाथ चतुर्वेदी स्मृति स्वर्ण पदक संसृता सिंह और डॉ. शरद बंसल स्मृति स्वर्ण पदक एमएफए के छात्र धीरज कुमार नीरज को दिया गया। स्नातक पाठ्यक्रम में सर्वोच्च अंक के लिए सगुन सिंह को डॉ. भगवान दास स्मृति स्वर्ण पदक, बीए संस्कृत में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने के लिए प्रो. अमरनाथ पांडेय स्मृति स्वर्ण पदक शिखा को और कृष्ण वासुदेव स्मृति स्वर्ण पदक एलएलबी में संजना उपाध्याय को दिया गया।

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