- सिविल सर्जन ने सारथी रथ को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना
- सारथी रथ से माइकिंग कर लोगों को परिवार नियोजन खासकर पुरुष नसबंदी के प्रति किया जाएगा जागरूक
- महिला बंध्याकरण की अपेक्षा पुरुष नसबंदी अत्यधिक सरल और सुरक्षित
दो और तीन बच्चों के पिता को किया जाएगा जागरूक :
अभियान के दौरान दो और तीन बच्चों के पिता को पुरुष नसबंदी करवाने के लिए प्रेरित किया जाएगा। इसके साथ ही एक बच्चे के पिता को परिवार नियोजन के अस्थाई उपाय के रूप में कंडोम इस्तेमाल करने और दो और तीन बच्चों के पिता को पुरुष नसबंदी करवाने के लिए प्रेरित करते हुए इसके लिए आवश्यक साधन उपलब्ध कराए जाएंगे। उन्होंने बताया कि जिलाभर के सभी अस्पतालों और प्राथमिक-सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर परिवार नियोजन के स्थाई साधन के रूप में महिला बंध्याकरण और पुरुष नसबंदी और अस्थाई साधन के रूप में गर्भनिरोधक गोली और इंजेक्शन के साथ-साथ कॉपर-टी लगवाने की सुविधा उपलब्ध हैं। इसी तरह पुरुषों के लिए भी कंडोम उपलब्ध हैं।
अधिक सरल है पुरुष नसबंदी :
सिविल सर्जन ने बताया कि पुरुष नसबंदी मामूली शल्य प्रक्रिया है। यह महिला नसबंदी की अपेक्षा अधिक सुरक्षित और सरल है। इसके लिए न्यूनतम संसाधन, बुनियादी ढांचा और न्यूनतम देखभाल की आवश्यकता है। पुरुष नसबंदी को लेकर समाज में कई प्रकार का भ्रम फैला हुआ है। इस भ्रम को तोड़ना होगा। छोटा परिवार सुखी परिवार की अवधारणा को साकार करने के लिए पुरुष को आगे बढ़कर जिम्मेदारी उठाने की जरूरत है। इस मौके पर एसीएमओ डॉ. आर.के. सिंह, जिला कार्यक्रम प्रबंधक पंकज मिश्रा, जिला सामुदायिक उत्प्रेरक नवीन दास, अस्पताल प्रबंधक अब्दुल मजीद सहित अन्य कर्मी उपस्थित थे।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें