भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना को पटना में स्थित आईसीएआर के सहयोगी संस्थानों के साथ आईएआरआई-पटना हब के रूप में बनाया गया है। अब तक बिहार, झारखंड, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र और देश के अन्य हिस्सों से 18 छात्र आईएआरआई, पटना हब में शामिल हो चुके हैं। आईसीएआर-पटना हब के नवप्रवेशित छात्रों के लिए आज संस्थान के निदेशक डॉ. अनुप दास की अध्यक्षता में एक अभिमुख कार्यक्रम का आयोजन किया गया। आईसीएआर के पटना अवस्थित सहयोगी संस्थान जैसे कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान और केंद्रीय आलू अनुसंधान स्टेशन, पटना इस महत्वपूर्ण प्रयास में भागीदार हैं। छात्रों को संबोधित करते हुए अटारी, पटना के निदेशक डॉ. अंजनी कुमार ने कहा कि छात्र-छात्राएं लक्ष्य और अध्ययन की समय-सीमा तय करें और परिसर में अनुशासन बनाए रखें। उन्होंने उन्हें बेहतर सीखने के लिए प्रतिदिन पुनः अवलोकन का सुझाव दिया और उन्हें कृषि क्षेत्र में भविष्य के छात्रों के लिए रोल मॉडल बनने की प्रेरणा दी। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना के निदेशक डॉ. अनुप दास ने अपने संबोधन में छात्रों को अपने सपनों को पूरा करने के लिए उत्साहवर्धन किया। उन्होंने संस्थान में अध्ययन अवधि के दौरान निरंतर संवादात्मक सीखने, एक साथ आगे बढ़ने, छात्रों को स्वस्थ रहने और उचित अनुशासन बनाए रखने पर जोर दिया।
इससे पूर्व, डॉ. उज्ज्वल कुमार, समन्वयक, आईएआरआई पटना हब ने सभी छात्रों और शिक्षकों का स्वागत किया और आईएआरआई मेगा यूनिवर्सिटी के उद्देश्यों के साथ-साथ इसके शिक्षा के सेटेलाइट मॉडल के बारे में जानकारी दी। उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना अपने छात्र-छात्राओं को उचित शिक्षा के लिए सर्वोत्तम सुविधाएं और शिक्षक प्रदान करेगा। छात्रों और शिक्षकों के बीच बातचीत भी हुई। नव प्रवेशित छात्रों के लिए नियमित कक्षाएं परिसर में आयोजित की जाएंगी जिसमें भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना और सहयोगी संस्थान के विभिन्न विषयों के वैज्ञानिक शामिल होंगे।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें