वाराणसी : अपराधियों के प्रति जीरो टॉलरेंस के दावे को और आगे बढ़ायेंगे : प्रशांत - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

शुक्रवार, 29 दिसंबर 2023

वाराणसी : अपराधियों के प्रति जीरो टॉलरेंस के दावे को और आगे बढ़ायेंगे : प्रशांत

  • 300 से ज्यादा एनकाउंटर कराने का बना चुके है रिकार्ड
  • तेजतर्रार अधिकारी होने के चलते वे सीएम योगी आदित्यनाथ के भरोसेमंद हैं

Prashant-kumar-up-dgp
वाराणसी (सुरेश गांधी) शासन की मंशा के अनुरुप अपराधियों के प्रति जीरो टॉलरेंस के दावे को और सख्ती से आगे बढ़ायेंगे। हमारी प्राथमिकता आम लोगों के साथ पुलिस का बेहतर व्यवहार होगी. हम पर कोई उंगली न उठाने पाए ये हमारी प्राथमिकता है, वहीं बेहतर पुलिस ट्रेनिंग पर विशेष फोकस होगा. थाना पुलिस हो या बीट पुलिस सबका जनता से बेहतर व्यवहार करेगी. वहीं ट्रैफिक व्यवस्था सुचारू रहे इस पर हमारा प्रयास रहेगा.फॉरेंसिक, साइंटिफिक तरीकों से साइबर अपराधों को रोकना हमारी बड़ी प्राथमिकता होगी. जबकि बीट प्रणाली को इफेक्टिव करना होगा. यह बातें नवागत पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने कहीं। इसके पहले वह स्पेशल डीजी लॉ एंड ऑर्डर रहे। इस पद पर प्रशांत कुमार का प्रमोशन किया गया है। वे 1990 बैच के आईपीएस है। तेजतर्रार अधिकारी होने के चलते वे सीएम योगी आदित्यनाथ के भरोसेमंद हैं. वे एक जनवरी से पदभार ग्रहण करेंगे. राज्यपाल ने उनके नाम पर मंजूरी दे दी है.


300 से ज्यादा एनकाउंटर

प्रशांत कुमार का जन्म बिहार के सीवान में हुआ था. आईपीएस में शामिल होने से पहले प्रशांत कुमार ने एमबीए, एमएससी और एमफिल की डिग्री पूरी की थी. आईपीएस के लिए चुने जाने के बाद प्रशांत कुमार को तमिलनाडु कैडर मिला, लेकिन 1994 में वह यूपी कैडर में चले आएं। आईपीएस प्रशांत कुमार लोगों के बीच ’सिंघम’ के नाम से भी मशहूर हैं. प्रशांत कुमार करीब 300 से ज्यादा एनकाउंटर में शामिल रहे हैं. उनकी बहादुरी और उत्कृष्ट कार्य के लिए उन्हें तीन बार पुलिस मेडल मिल चुका है. 2020 और 2021 में उन्हें वीरता पुरस्कार दिया गया था. प्रशांत कुमार को वीरता के लिए पुलिस पदक (पीएमजी) अंतरराज्यीय गैंगस्टर शिव शक्ति नायडू के एनकाउंटर के लिए प्रदान किया गया था. जिसने 2015 में दिल्ली में अदालत परिसर में पुलिस कांस्टेबल की गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस उपलब्धि के लिए उन्हें सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी बधाई दी थी. उन्हें अपराधियों पर नकेल कसने के लिए यूपी में एडीजी पद पर चुना गया था. कहते हैं कि उनका नाम सुनते ही अपराधी कांपने लगते हैं। प्रशांत कुमार को खासतौर पर क्राइम में अंकुश लगाने के लिए जाना जाता है। यही वजह है कि योगी सरकार में उन्हें बेहद महत्वपूर्ण पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है जिसपर प्रशांत कुमार खरे भी उतर रहे हैं। इसके साथ ही कावड़ियों पर पुष्पवर्षा करने के लिए वो काफी सुर्खियों में रहे हैं।


कुख्यात बदमाशों का साम्राज्य खत्मा

बता दें कि बेखौफ अपराधी सार्वजनिक रूप से अपराध का झंडा लहरा रहे थे। कुख्यात संजीव जीवा, कग्गा गैंग, मुकीम काला, सुशील मूंछू, अनिल दुजाना और विक्की त्यागी आदि कुख्यात बदमाशों का साम्राज्य फैला हुआ था। इसके बाद सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने अपराधियों को एक-एक कर बाहर निकालने के लिए प्रशांत कुमार को मेरठ में तैनात किया। आज के समय में इन बदमाशों का अंत हो चुका है।


योगी के भरोसेमंद है प्रशांत

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने काफी माथापच्ची के बाद प्रशांत कुमार को यूपी की कमान सौंपी हैं। माना जा रहा है कि पहले से ज्यादा सख्ती से वह यूपी में लूट, दुष्कर्म व छेड़छाड़ की घटनाएं रोकेंगे। सीएम योगी आदित्यनाथ को भरोसा है कि वे यूपी की कानून व्यवस्था बेहतर कर सकेंगे। उनका कार्यकाल अभी इतना बचा है कि 2024 का चुनाव बिना डीजीपी बदले निकाला जा सकता है। वरिष्ठता के मामले में भी सबसे लंबे कार्यकाल वाले अफसर हैं। लंबा कार्यकाल और अनुभव ही उनके लिए लिए मुफीद रहा। हालांकि, उनके द्वारा पहले भी बदमाशों और अपराधियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए गए हैं, लेकिन फिर भी नए डीजीपी के लिए सबसे बड़ी चुनौती प्रदेश में कानून व्यवस्था को ट्रैक पर लाने की होगी।

कोई टिप्पणी नहीं: