मधुबनी : विमुक्त बाल श्रमिको का विद्यालय में नामांकन सुनिश्चित कराने का डीएम ने दिया निर्देश - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 26 दिसंबर 2023

मधुबनी : विमुक्त बाल श्रमिको का विद्यालय में नामांकन सुनिश्चित कराने का डीएम ने दिया निर्देश

  • जिलाधिकारी अरविंद कुमार वर्मा की अध्यक्षता में समाहरणालय सभागार में बाल श्रम   से संबंधित जिला टास्क फोर्स की  बैठक हुई आयोजित
  • वित्तीय वर्ष 2023-24 में अब तक 47 बाल श्रमिकों को विभिन्न प्रखंडों के अलग अलग प्रतिष्ठानों से विमुक्त कराया गया।

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मधुबनी, जिलाधिकारी अरविंद कुमार वर्मा की अध्यक्षता में समाहरणालय सभागार में बाल श्रम   से संबंधित जिला टास्क फोर्स की  बैठक आयोजित की गई । अपने संबोधन में जिलाधिकारी ने कहा कि प्रत्येक समाज का यह सामूहिक दायित्व है कि बच्चों को उनके सभी नैसर्गिक एवं कानूनी अधिकार प्राप्त हो । 14 वर्ष तक की आयु के सभी बच्चों को अनिवार्य शिक्षा का अधिकार मिले । उन्होंने कहा कि कम उम्र में बच्चों पर काम का बोझ डालने से बच्चों का शारीरिक एवं मानसिक विकास नहीं हो पता है।  बच्चों का स्थान विद्यालय में है , खेलकूद के मैदान में है ना कि किसी होटल, ढाबा गैराज, फैक्ट्री आदि में । धावा दल के कार्यों को समीक्षा के क्रम में श्रम अधीक्षक राकेश रंजन के द्वारा वित्तीय वर्ष 2023-24 में धावा दल के द्वारा बाल श्रमिकों की विमुक्ति हेतु किए गए कार्यों एवं पुनर्वास से संबंधित किए गए अन्य कार्यों की विस्तृत जानकारी दी गई तथा बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम 1986 एवं राज्य कार्य योजना 2017 के विषय में जिला टास्क फोर्स के सभी सदस्यों को विस्तार से जानकारी दी गई ।


 श्रम अधीक्षक के द्वारा बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में अब तक 47 बाल श्रमिकों को विभिन्न प्रखंडों के अलग अलग प्रतिष्ठानों से विमुक्त कराया गया है जिसमे 38 बाल श्रमिक मधुबनी जिले के हैं जबकि 9 बाल श्रमिक अन्य जिलों के हैं । श्रम अधीक्षक ने बताया कि सप्ताह में सामान्यतः दो दिन धावा दल के द्वारा अलग अलग प्रखंडों में बाल श्रमिकों की विमुक्ति हेतु संयुक्त निरीक्षण किया जाता है तथा बाल श्रमिकों के नियोजित पाए जाने पर उन्हें नियमानुसार विमुक्त कराकर सभी विमुक्त बाल श्रमिकों को बाल कल्याण समिति मधुबनी के समक्ष उपस्थापित किया जाता है । साथ ही सभी संबंधित नियोजकों के विरुद्ध संबंधित थानों में प्राथमिक की दर्ज कराई गई है तथा ₹20000 प्रति बाल श्रमिक की दर से दोषी नियोजकों से जुर्माने  की राशि वसूल कर जिला बाल श्रमिक पुनर्वास कोष में जमा कराया गया है । उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में अब तक 35 नियोजकों से ₹20000 की राशि की वसूली की गई है जबकि 8 नियोजकों के विरुद्ध उक्त जुर्माने की राशि जमा नहीं करने पर नीलाम पत्र वाद संबंधित अंचलाधिकारी के यहां अलग से दायर किया गया है तथा शेष नियोजकों से उक्त राशि की वसूली की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है ।श्रम अधीक्षक के द्वारा बताया गया कि विमुक्त एवं पात्र बाल श्रमिकों को तत्काल सहायता राशि के रूप में ₹3000 की राशि का भुगतान जबकि मुख्यमंत्री राहत कोष से ₹25000 की राशि प्राप्त कर उसे संबंधित बाल श्रमिक के 18 वर्ष की आयु प्राप्त करने की अवधि तक का सावधि जमा कराया जाता है। उन्होंने बताया कि 1 अप्रैल 2022 से अब तक कुल विमुक्त 41 बाल श्रमिकों को तत्काल  सहायता राशि के रूप में ₹3000 प्रति बाल श्रमिक की दर से आरटीजीएस के माध्यम से संबंधित बाल श्रमिक के बैंक खाते में भुगतान किया गया है जबकि 38 बाल श्रमिकों को मुख्यमंत्री राहत कोष से प्राप्त ₹25000 की राशि का सावधि जमा कराया गया है । शेष पात्र बाल श्रमिकों हेतु आवंटन के लिए अधियाचना मुख्यालय भेजी गई है तथा राशि प्राप्त होते ही अनुदान भुगतान हेतु अग्रेतर कार्रवाई की जाएगी ।


जिलाधिकारी के द्वारा विमुक्त बाल श्रमिकों के शैक्षणिक पुनर्वास के संबंधित अधूरा प्रतिवेदन और जिला शिक्षा पदाधिकारी के उपस्थित प्रतिनिधि को शैक्षणिक पुनर्वास से सबंधित कोई जानकारी नहीं रहने के लिए श्रम अधीक्षक को जिला शिक्षा पदाधिकारी से स्पष्टीकरण पूछने का निर्देश दिया गया तथा शिक्षा विभाग के उपस्थित प्रतिनिधि को निर्देश दिया गया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 और 2023-24 में विमुक्त मधुबनी जिले के सभी बाल श्रमिकों के विद्यालय में शत प्रतिशत नामांकन एवं प्रत्येक माह में स्कूल कितने दिन खुला रहा तथा वो कितने दिन उक्त माह में विद्यालय में उपस्थित रहे से संबंधित प्रतिवेदन के साथ जिला टास्क फोर्स की बैठक से एक सप्ताह पूर्व श्रम अधीक्षक को प्रतिवेदन उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे तथा अगली टास्क  फोर्स की बैठक में स्वयं एक विस्तृत पुनर्वास प्रतिवेदन के साथ उपस्थित रहेंगे । जिलाधिकारी के द्वारा बताया गया कि पुनर्वास के तहत शैक्षणिक पुनर्वास सबसे अहम है ताकि वो बच्चे शिक्षा की मुख्यधारा से जुड़ सकें और  फिर से बाल श्रम की ओर नहीं जाएं । जिलाधिकारी द्वारा बताया गया कि बाल श्रम से संबंधित विषय अत्यंत संवेदनशील हैं अतः जिला टास्क फोर्स से संबंधित तथा राज्य कार्य योजना 2017 के तहत जिन विभागों को पुनर्वास का दायित्व दिया गया है उस विभाग से संबंधित पदाधिकारी वित्तीय वर्ष 2023-24 में विमुक्त  बाल श्रमिकों एवं उनके परिवार के पुनर्वास से संबंधित कारवाई पूरी कर प्रतिवेदन अगली बैठक के पूर्व उपलब्ध कराएंगे।

 

जिलाधिकारी के द्वारा जिला पंचायत राज पदाधिकारी को निर्देशित किया गया कि वे सभी पंचायतों में माइग्रेशन पंजी का संधारण करवाएं तथा सभी पंचायतों में बाल संरक्षण, बाल विवाह एवं बाल श्रम से संबंधित गठित पंचायत स्तरीय टास्क फोर्स/समितियों की संयुक्त बैठक सुनिश्चित करवाएं तथा संबंधित प्रतिवेदन के साथ अगली बैठक में उपस्थित रहेंगे। जिलाधिकारी के द्वारा सिविल सर्जन के प्रतिनिधि को सभी विमुक्त बाल श्रमिकों के परिवार को प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना से आच्छादित कर सभी परिवार का आयुष्मान कार्ड बनवाकर एक पक्ष के अंदर श्रम अधीक्षक को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया तथा अगली बैठक में संबंधित प्रतिवेदन के साथ सिविल सर्जन को उपस्थित होने का निर्देश दिया। उक्त बैठक में अध्यक्ष जिला परिषद श्रीमती बिंदु गुलाब यादव, उप विकास आयुक्त विशाल राज, जिला पंचायती राज पदाधिकारी शैलेंद्र कुमार, शिक्षा विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रतिनिधि, बाल संरक्षण पदाधिकारी , सर्वो प्रयास संस्था के प्रतिनिधि , समग्र शिक्षण संस्थान के प्रतिनिधि आदि उपस्थित थे।

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