वाराणसी : 15 हजार दीपों से रोशन हुआ श्री काशी विश्वनाथ धाम - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 14 दिसंबर 2023

वाराणसी : 15 हजार दीपों से रोशन हुआ श्री काशी विश्वनाथ धाम

  • धूमधाम से मना दुसरा लोकार्पण उत्सव, वेद पारायण से लेकर दीपदान तक किया गया आयोजन 
  • फूल-मालाओं से सजा बाबा दरबार, नरमुंड पिशाच बने बाबा के गणों के साथ निकली भव्य शोभायात्रा
  • शहर की सड़कों पर गूंजती रही हर-हर महादेव और बम-बम भोले के जयघोष
  • संगोष्ठी, शंख वादन, हवन पूजन सहित आयोजित किए गए कई कार्यक्रम

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वाराणसी (सुरेश गांधी) बाबा काशी विश्वनाथ धाम बुधवार को एक बार फिर शिवमय हो गई। मौका था श्री काशी विश्वनाथ धाम के दुसरे लोकार्पण उत्सव का। पूरा मंदिर परिसर रंग-बिरंगी रंगोली व फूलमालाओं से सजाया गया। मंदिर परिसर से लेकर शहर की सड़कों तक हर-हर महादेव और बम-बम भोले के जयघोष की गूंजती रही। शाम ढलते ही शहर की सड़कों पर भक्तों की टोली भगवान राम के आराध्य भगवान शिव की भक्ति में सराबोर नजर आयी, तो दूसरी तरफ धाम क्षेत्र में 15 हजार से अधिक दीप जलाए गए। इस अद्भूत नजारे को देख दर्शनार्थी भी बाबा के जययकारे लगाते देखे गए। कहीं ओम तो कहीं त्रिशूल बनाकर दीप जलाया गया।


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मंदिर परिसर में कार्यक्रम की शुरुआत वेद पारायण से किया गया। मंदिर के ट्रस्टी वेंकट रमन घनपाठी के आचार्यत्व में वैदिक ब्राह्मणों ने चारों वेदों का पारायण किया। इसके बाद बाबा श्री काशी विश्वनाथ का षोडशोपचार पूजन और महा अभिषेक किया गया। इस मौके पर पूर्व मंत्री नीलकंठ तिवारी, मंदिर के ट्रस्टी पंडित दीपक मालवीय, मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा सहित बड़ी संख्या में दर्शनार्थियों ने बाबा का पूजन किया। शंकराचार्य चौक परिसर में हवन का आयोजन किया गया। जिसमें सभी अतिथियों और श्रद्धालुओं ने विश्व कल्याण के लिए आहुति दी। इस दौरान मंदिर प्रांगण में बज रहे शंख और डमरू के वादन से पूरा परिसर भक्ति में हो गया। इस कार्यक्रम के पश्चात सभी दर्शनार्थियों और बटुकों को प्रसाद वितरित किया गया। त्रंबकेश्वर हाल में एक संगोष्ठी का भी आयोजन किया गया। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के अध्यक्ष प्रोफेसर नागेंद्र पांडे की अध्यक्षता में उपस्थित सभी वक्ताओं ने अपने-अपने विचार व्यक्त किए। मंदिर के ट्रस्टी प्रोफेसर बृजभूषण ओझा ने इस धाम को लेकर अपने विचार व्यक्त किया। शाम के समय पूरे धाम परिसर में 15 हजार दीपक जलाकर दीपदान किया। जिसमें दर्शनार्थियों श्रद्धालुओं और मंदिर के कर्मचारियों ने मिलकर पूरे परिसर को दीपों से जगमगा दिया। कहीं ओम तो कहीं त्रिशूल बनाकर दीप जलाया गया। पूर्व मंत्री नीलकंठ तिवारी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की इस महत्वाकांक्षी परियोजना ने न केवल देश में बल्कि विश्व में अपना स्थान बना लिया है। देश-विदेश से दर्शनार्थी श्री काशी विश्वनाथ धाम की भव्यता को देखने के लिए काशी आ रहे हैं। मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि दर्शनार्थियों की सुविधा के लिए लगातार मंदिर प्रशासन कार्य कर रहा है। इसके चलते 2 साल में लगभग 13 करोड लोगों ने बाबा श्री काशी विश्वनाथ के दरबार में अपनी हाजिरी लगाई है। इसके चलते मंदिर में चढ़ावा और दान भी काफी बढ़ा है। मंदिर प्रशासन लगातार व्यवस्थाओं सुविधाओं को विकसित करने में लगा हुआ है। इस कार्यक्रम के दौरान मंदिर के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी निखिलेश कुमार मिश्रा, डिप्टी कलेक्टर शंभू शरण, विशेष कार्य अधिकारी उमेश कुमार सिंह सहित बड़ी संख्या में अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे। इसके पर्वू दोपहर में मैदागिन से गोदोलिया तक शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा में शामिल कलाकारों ने विभिन्न स्वांगों में निकले तो सेल्फी लेने वालों का तांता लग गया। अग्नि-शस्त्र लेकर मां काली के रूप में कलाकारों ने अद्भूत प्रदर्शन किया। नरमुंड पिशाच बने बाबा के गणों ने सड़क पर तांडव किया तो हर तरफ अग्नि और राख का गुबार देखने को मिला। शिव बरात समिति के अध्यक्ष जगदंबा तुलस्यान ने बताया कि शोभायात्रा में चंद्रयान-3 , नारी शक्ति वंदन बिल और अयोध्या में बन रहे राम मंदिर की झांकी शामिल थी। पारंपरिक तरीके से ढोल और बाजे गाजे के साथ शोभायात्रा निकाली गयी। शोभायात्रा में शहर की कई धार्मिक संस्थाएं भी शामिल रही।


आकर्षण का केंद्र बना काशी विश्वनाथ धाम

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बाबा विश्वनाथ के मंदिर के पुनरुद्धार, निर्माण और कायाकल्प में महाराणा रणजीत सिंह, टोडरमल और अहिल्याबाई के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संकल्पना ने मूर्त रूप लिया, जो आज श्री काशी विश्वनाथ धाम के रूप में दुनिया के सामने है। काशी विश्वनाथ धाम के उद्घाटन के बाद देश ही नहीं दुनिया के कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने भी बाबा विश्वनाथ का आशीर्वाद लिया है। इसके साथ ही उद्योगपति, कलाकार, साहित्यकार, धर्माचार्य, कथावाचक, खिलाड़ी और संगीतकारों व राजनीतिज्ञों ने बाबा के दर पर मत्था टेककर आशीर्वाद लिया। इसमें सबसे अधिक संख्या राजनीतिज्ञों की रही है। धाम के लोकार्पण के बाद दो साल के आंकड़ों पर गौर करें तो राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री से लेकर राज्यपाल व मुख्यमंत्री, राजनीति दलों के अध्यक्ष के साथ ही कई प्रशासनिक अधिकारियों ने भी बाबा दरबार में हाजिरी लगाई है। बाबा के धाम का आकर्षण ऐसा है कि एक बार आने वाला यहां बार-बार आना चाहता है। यही कारण है कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने 108 बार बाबा विश्वनाथ के दर्शन किए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बतौर प्रधानमंत्री तीन बार श्री काशी विश्वनाथ धाम में दर्शन पूजन के लिए आ चुके हैं।


तीन बार हो चुका है जीर्णोद्वार

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के अध्यक्ष प्रो. नागेंद्र पांडेय ने बताया कि ना भूतो ना भविष्यति की तर्ज पर आयोजित लोकार्पण समारोह भी इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया। देशभर के संत, महंत, श्रीमहंत, अखाड़ों और संप्रदाय की उपस्थिति ने इसे यादगार बना दिया। दुनियाभर के शिवभक्तों के आस्था का केंद्र काशी विश्वनाथ मंदिर का जीर्णोद्धार तीसरी बार हुआ है। 436 साल पहले 1558 में टोडरमल ने काशी विश्वनाथ मंदिर का कायाकल्प कराया था। इसके बाद 1777 में रानी अहिल्याबाई होल्कर ने मंदिर व परिसर का जीर्णोद्धार कराया। इसके बाद राणा रणजीत सिंह ने 1835 में 22 मन सोने से बाबा के मंदिर के गुंबद को स्वर्ण मंडित कराया। इसके बाद आठ मार्च 2019 को प्रधानमंत्री ने श्री काशी विश्वनाथ धाम का शिलान्यास किया और 13 दिसंबर 2021 को इसे सनातनधर्मियों के लिए लोकार्पित कर दिया। इस तरह 463 सालों के लंबे अंतराल के बाद आज श्री काशी विश्वनाथ धाम का भव्य स्वरूप दुनिया के सामने है और यह पूरे देश भर के मंदिरों के लिए नजीर भी है।


यात्री सुविधाओं के साथ डिजिटल होगी व्यवस्था : सुनील कुमार वर्मा

श्रीकाशी विश्वनाथ धाम पर नए साल में यात्री सुविधाओं को बढ़ाने पर जोर होगा। मंदिर प्रशासन ने इसके लिए कार्ययोजना तैयार कर ली है। इसके तहत टिकट मोबाइल से बुक होंगे तो लाइव दर्शन भी मिलेगा। आरती के टिकट, दर्शन और दान की प्रक्रिया फिलहाल ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों है। नए साल में यात्री सुविधाओं को पूरी तरह से डिजिटल करने की कार्ययोजना मंदिर प्रशासन ने तैयार कर ली है। धाम में आने वाले श्रद्धालु मोबाइल के जरिये ही टिकट बुकिंग के साथ ही लाइव दर्शन भी कर सकेंगे। बाबा विश्वनाथ के धाम की व्यवस्थाएं देशभर के मंदिरों के लिए मॉडल बनेंगी। इससे श्रद्धालुओं को गाइड की आवश्यकता नहीं होगी। विश्वनाथ धाम में स्मार्टफोन ही टूरिस्ट गाइड की तरह काम करेगा। मंदिर में भवनों के बाहर क्यूआर कोड लगे होंगे। इसे स्कैन करते ही पूरी जानकारी श्रद्धालुओं को उपलब्ध होगी। वहीं, धाम में खरीदारी के लिए भी पूरी व्यवस्था को डिजिटल करने की कार्ययोजना है। प्रसाद से लेकर टिकट बुकिंग श्रद्धालु मोबाइल से ही कर सकेंगे। मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि मंदिर प्रशासन का पूरा ध्यान श्रद्धालुओं के लिए सुविधाओं को बढ़ाने पर है। सुविधाओं के साथ सभी व्यवस्थाओं को डिजिटल करने की योजना है। नए साल में धाम क्षेत्र की सभी दुकानों का संचालन भी शुरू होने की संभावना है। इससे धाम क्षेत्र में आने वालों को दर्शन पूजन के बाद खरीदारी के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा।


मंदिर के एप से मिलेगा लाइव दर्शन

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के एप पर मंदिर से जुड़ी सारी जानकारियां उपलब्ध हैं। टिकटों की बुकिंग के साथ ही श्रद्धालु दान भी ऑनलाइन कर सकेंगे। ऐप के जरिये श्रद्धालु घर बैठे बाबा विश्वनाथ के लाइव दर्शन कर सकेंगे। इसमें लाइव आरती के साथ ही गर्भगृह का दर्शन भी उपलब्ध है। मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने बताया कि एप को अपडेट किया जा रहा है। इसमें और भी सुविधाएं जोड़ी जा रही हैं।

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