मधुबनी : सिविल सर्जन ने पोलियो ड्राप पिलाकर पल्स पोलियो अभियान की शुरुआत - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 10 दिसंबर 2023

मधुबनी : सिविल सर्जन ने पोलियो ड्राप पिलाकर पल्स पोलियो अभियान की शुरुआत

  • जिले के  6.49 लाख से अधिक बच्चों को पोलियो ड्रॉप पिलाने का है लक्ष्य 
  • एएनएम, आशा व आंगनबाड़ी सेविकाओं द्वारा पिलाई जाएगी दवा
  • 5 वर्ष तक के बच्चों को जरूर दें “दो बूंद जिंदगी की”

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मधुबनी, 10 दिसंबर, बच्चों में विकलांगता होने के प्रमुख लक्षणों में से एक पोलियो को जड़ से खत्म करने के लिए मधुबनी सदर अस्पताल में सिविल सर्जन डॉक्टर नरेश कुमार भीमसारिया ने बच्चे को पोलियो ड्राप पिलाकर अभियान की शुरुआत की। इस दरमियान यूनिसेफ के द्वारा सिविल सर्जन को फलदार वृक्ष दिया गया, अभियान पांच दिनों तक चलाया जाएगा। सर्जन ने बताया कि पोलियो एक गंभीर बीमारी है, जो किसी व्यक्ति के शरीर को लकवाग्रस्त कर देता है। चूंकि छोटे बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता बहुत कम होती है, इसलिए उसे इस बीमारी से संक्रमित होने की सम्भावना अधिक होती है। इसे होने से पहले ही खत्म कर देने के लिए 0 से 5 वर्ष तक के बच्चों को पोलियो की दवा पिलाई जाएगी। उन्होंने जिले के सभी परिजनों से अपने बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए पोलियो की दवा पिलाकर अभियान को सफल बनाने में जिला स्वास्थ्य विभाग को सहयोग करने की अपील की है।


हर बच्चा पीये दवा इसलिए टीम है पूरी तरह तैयार :

जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. एस.के. विश्वकर्मा ने बताया पल्स पोलियो अभियान के तहत 10 दिसंबर से 5 दिनों तक चलने वाले चक्र में जिले के 8,24,062 घरों को लक्षित किया गया है। इस दौरान 6,49,609 बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाने का लक्ष्य है।


अभियान की सफलता के लिए टीम का हुआ गठन :

अभियान के सफलता के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा टीम का गठन किया गया है  : डोर टू डोर : 1954, ट्रांजिट टीम : 362, मोबाइल टीम : 116, सुपरवाइजर : 707, लक्षित घर : 8,24,062, लक्षित बच्चे : 6,49,609, नवजात शिशु : 22,124 को पोलियो की खुराक पिलाई जाएगी। प्रत्येक दल में एक आशा और एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हैं, जो घर-घर जाकर बच्चों को पोलियो की दवा पिलाएंगी। दवा पिलाने के बाद बच्चों और उनके माता-पिता का नाम, गृह संख्या आदि फार्म में भर कर अपने केंद्र में जमा करवाएँगी।


पोलियो अभियान का सर्वेक्षण करने के लिए संध्याकालीन बैठक में भाग लेने का निर्देश :

सिविल सर्जन के द्वारा जिले से लेकर प्रखंड स्तर तक के सभी अधिकारियों को अभियान की सघन पर्यवेक्षण करने तथा संध्या कालीन समीक्षा बैठक में भाग लेने हेतु निर्देशित किया गया है। सर्जन के द्वारा स्वयं प्रतिदिन इस अभियान की समीक्षा की जाएगी। किसी भी स्तर पर लापरवाही बरतने वाले कर्मियों और अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। सर्जन ने सम्पूर्ण जिले के लोगों, जन प्रतिनिधियों तथा समाज सेवियों से बढ़ चढ़कर इस अभियान को सफल बनाने में सहयोग देने की बात कही और देश को पोलियो मुक्त बनाए रखने में सहयोग की बात कही है।


लकवाग्रस्त बीमारी है पोलियो :

एसीएमओ डॉ. आर.के सिंह ने बताया कि पोलियो एक लकवाग्रस्त वायरस जनित रोग है। बच्चों में प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण उसे पोलियो होने की सम्भावना ज्यादा है। यह बीमारी विशेष रूप से रीढ़ के हिस्सों व मस्तिष्क को ज्यादा नुकसान पहुँचाता है। इससे बचाव के लिए लोगों को अपने बच्चों को पोलियो की दवा जरूर पिलानी चाहिए। पोलियो ड्रॉप के साथ बच्चों को संपूर्ण टीकाकरण भी करवाना चाहिए, जो 12 जानलेवा बीमारियों से बचाए रखता है। इस मौके पर अस्पताल अधीक्षक डॉक्टर राजीव रंजन,सीडीओ डॉक्टर जी.एम. ठाकुर, डब्लूएचओ के एसएमओ, अस्पताल प्रबंधक अब्दुल मजीद,यूनिसेफ एसएमसी प्रमोद कुमार झा, यूएनडीपी के वीसीसीएम अनिल कुमार सहित अन्य कर्मी उपस्थित थे।

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