- मंगरौनी शैख मधुबनी में एदार ए शरीया तहरीके बेदारी कॉन्फ्रेंस सम्पन्न
- देश के मुसलमानों के लिए एदारे शरीया अनमोल तोहफा : मौलाना कुतुबुद्दीन रिजवी,
मधुबनी (फिरोज आलम/रजनीश के झा) बिहार मधुबनी के मंगरौनी शैख में देश के मुस्लिम समुदाय के ज्वलंत मुद्दों पर आधारित पिछले एक वर्ष से जारी एतिहासिक "एदारे शरीया तहरीके बेदारी कॉन्फ्रेंस "सफलता के साथ सम्पन्न हुई। तहरीके बेदारी में दुर दराज से हजारों हजार की संख्या में लोगों ने शिरकत की। 300 से अधिक उलेमा ने भी भाग लिया। मौलाना कुतुबुद्दीन रिजवी व मौलाना कारी नेसार अहमद ने संचालन किया, कॉन्फ्रेंस को सम्बोधित करते हुवे मुख्य अतिथि पूर्व सांसद सह एदारे शरीया के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना गुलाम रसुल बलयावी ने कहा कि 1947-48 में हिटलर ने यहूदियों का नरसंहार किया 10-12 हजार जो बच गए थे उन्हें शरण देने के लिए कोई देश आगे नहीं आया परन्तु फिलिस्तीन के मुसलमानों ने यहुदीयों को सर छुपाने की सिर्फ जगह ही नहीं दिया बल्कि उन के लिए जमीन जायदाद देकर बसाया मगर इस का परिणाम ये हुवा कि धीरे धीरे षड्यंत्र कर के यहुदीयों ने फिलिस्तीनीयों को ही बेदखल करना शुरू कर दिया और आज स्थिति ये है कि पिछले 70 सालों से इजरायली यहुदी फिलिस्तीन के मुसलमानों पर जुल्म, अत्याचार कर रहा है और इजरायल फिलीस्तीनीयों का नरसंहार कर रहा, बल्यावी ने कहा कि फिलिस्तीन -गजा पर इजरायल बम बरसाता रहा बच्चों महिलाओं को मारता रहा स्कुल व अस्पतालों पर बम बरसा कर निर्मम हत्या करता रहा और आज भी कर रहा है परंतु स्लामी देश तमाशाई बने हुवे हैं उन्हें ने कहा कि काबा का खजाना लेकर इजरायल व अमेरिका की दलाली करने वाले फिलिस्तीनों के साथ खडे भारतीयों से सीख लेनी चाहिए। बलयावी ने कहा कि भारत हमेशा फिलिस्तीन के साथ खडा है, बलयावी ने मुस्लिम समुदाय में फेल रही बुराइयों पर गेहरी चिंतिा व्यक्त करते हुए कहा कि समुदाय निकाह को ससता करें जहीज का डिमांड हराम है इसे बंद होना चाहिए। उन्होंने ने मुस्लिम समुदाय को आबादी के अनुपात आरक्षण निर्धारित करने की भी मांग रखी, 200 अनजुमन से आए पदाधिकारीयों को बल्यावी ने होमवर्क दिया और महापंचायत के गठन को मंजूरी दी, बलयावी ने कहा कि देश में तहफ्फुजे नामुसे रेसालत व मुस्लिम सेफ्टी एक्ट बनाना बहुत जरुरी है।
मौलाना सैफुल्लाह अलीमी ने कहा कि जब तर आप अपने नबी से रिश्ता मजबुत नहीं रखेंगे तब तक कामयाब नहीं हो सकते उन्होंने ने जिंदगी गुजारने के अनेक तरीके बताए। उन्होंने कहा की मौलाना गुलाम रसुल बलयावी देश की एक मजबुत आवाज हैं जो बिहार समेत देश के कोने कोने में लोक प्रिय है। मुफ्ती अमजद रजा ने कहा की समाज को शिक्षा पर विशेष ध्यान देने की जरुरत है। कॉन्फ्रेंस को एदार ए शरीया झारखंड के नाजिमे आला मौलाना कुतुबुद्दीन रिजवी ने कहा कि मुस्लिम समुदाय के घरेलू समस्याओं के समाधान के लिए एदारे शरीया का दारुल कजा मधुबनी में काम कर रहा है मुस्लिम समुदाय को चाहिए कि वह अपने समाज की सारी समस्याओं को दारुल कजा से हल कराएं। मौलाना रिजवी ने कहा कि जनगणना ने स्पष्ट कर दिया की मुस्लिम समुदाय की आबादी किया है। जो सामाजिक, शैक्षणिक व आर्थिक तौर पर बहुत कमजोर है इसलिए सरकार को चाहिये कि मुस्लिम समुदाय को आबादी के अनुपात आरक्षण सुनिश्चित करें।जलसा को मौलाना जमाल अनवर, मुफ्ती गुलाम हुसैन सकाफी, मौलाना अहसन रजा, मुफ्ती अवैस रजा मिस्बाही, मौलाना बेलाल अहमद आदी ने सम्बोधित किया। जब की शाएरों में दिलकश रांचवी, सिबतैन रजा अजीमाबादी, तौकीर रजा एलाहाबादी, सबील रजा, आसिफ रजा, सालिम रजा आदी ने कलाम पेश किया कॉन्फ्रेंस मे अंत में 11 बिन्दुओं पर सम्मेलित प्रस्ताव पास किया गया और सलाम व दुवा पर सफलता पूर्वक सम्पन्न हुवा। कांफ्रेंस के कांवेनर मोहम्मद गुफरान शाहीन थे।
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