इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष डा0 सिंह मोदी पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि प्रजातंत्र तो तभी खतरे में आ गया था जब नरेन्द्र मोदी जैसे तानाशाही प्रवृत्ति वाले व्यक्ति के हाथ में 2014 में देश की सत्ता चली गयी। लेकिन अब प्रजातंत्र की हत्या हो रही है। सरकार विपक्ष को देखना नहीं चाहती। जिस तरह 145 सांसदों को संसद से निष्कासित किया गया उससे साफ हो गया है कि मोदी सरकार प्रजातांत्रिक मूल्यों एवं संस्थाओं का निर्मूल नष्ट करने पर आमादा हैं। सांसदों का केवल इतना कसूर था कि वो संसद सुरक्षा में हुई चूक पर प्रधानमंत्री का बयान मांग रहे थे। संसदीय शासन प्रणाली में ऐसा होता रहा है। लेकिन मोदी को बर्दास्त नहीं कि जनता की आवाज का आदर करें। यही कारण है कि विपक्ष इंडिया गठबंधन के तहत एकजुट हुई है और पूरी ताकत से इस तानाशाही और दमनकारी शक्ति को परास्त करने के लिए कृतसंकल्प है। हमारा मिशन है 2024 में मोदी से देश को आजाद करना।
विरोध मार्च में जो कांग्रेस नेता शामिल हुए उनमें प्रमुख हैं- पूर्व राज्यपाल निखिल कुमार, पूर्व अध्यक्ष अनिल कुमार शर्मा, पूर्व मंत्री डा0 अशोक कुमार, वीणा शाही, विधान पार्षद डा0 समीर कुमार सिंह, विधायक, विजेन्द्र चैधरी, प्रतिमा कुमारी दास, डा0 अजय कुमार सिंह, संतोष मिश्रा, बृजेश प्रसाद मुनन, बंटी चौधरी, ब्रजेश पाण्डेय, लाल बाबू लाल, आनन्द माधव, मनोज कुमार सिंह, कपिलदेव प्रसाद यादव, विनोद शर्मा, राज कुमार राजन, आलोक हर्ष, शिव प्रकाश गरीब दास, गुंजन पटेल, शरवत जहां फातिमा, राजेश कुमार सिन्हा, डा0 संजय यादव, ई0 संजीव सिंह, राजनन्दन कुमार, ज्ञान रंजन, शशिकांत तिवारी, संजीव कुमार कर्मवीर, सुधा मिश्रा, शशि रंजन, अरविन्द लाल रजक, मिन्नत रहमानी, मोनी पासवान, उदय शंकर पटेल, अजय कुमार चौधरी,प्रद्युम्न यादव, रीता सिंह, गुरदयाल सिंह,विशाल रंजन।
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