पटना, पटना: जन सुराज पदयात्रा के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने I.N.D.I.A गठबंधन और नीतीश कुमार की भूमिका पर कहा कि I.N.D.I.A गठबंधन ने कोई अपना मिनिमम कॉमन प्रोग्राम शुरू नहीं किया है जिसे जनता समझ पाए। यही वजह है कि आप जो देख रहे हैं जो नीतीश कुमार पहले कह रहे थे कि कांग्रेस सीरियस नहीं है। अखिलेश यादव ने इससे पहले मध्य प्रदेश की घटनाओं पर अपनी राय रखी थी। चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आएगा आपको ये विरोधाभास आपको और अधिक देखने को मिलेगा। आप बिना किसी नैरेटिव के, बिना किसी विचारधारा के, बिना किसी कार्यक्रम के आप अलग-अलग दलों के नेताओं को एकसाथ बैठा देंगे। नेता या दल एक साथ चाय पी सकते हैं, नाश्ता कर सकते हैं, इसके बाद प्रेसवार्ता भी कर सकते हैं, लेकिन उससे जमीन पर कोई असर नहीं हो सकता है। पिछले 2 सालों से मैं बता रहा कि नेताओं के साथ बैठ जाने से गठबंधन की ताकत नहीं बनती है। अगर आपके पास नैरेटिव नहीं है और जमीन पर जनता से जुड़ने के लिए मुद्दे नहीं हैं तो आपको राजनीतिक सफलता नहीं मिल सकती है।I.N.D.I.A गुट पर प्रशांत किशोर का तीखा हमला,कहा-I.N.D.I.A में जो खींचतान दिख रही है वो तो होनी ही है, अभी नीतीश और अखिलेश यादव को देखा है चुनाव नजदीक आते ही और दिखेगा विरोध
I.N.D.I.A जो गठबंधन बना है उसमें पिछले 4 महीने से कोई उपलब्धि नहीं
पत्रकारों से बातचीत में प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि I.N.D.I.A में जो आपस में खींचतान दिख रही है वो तो होनी ही है। अलग-अलग जो ईंट होती है, उसे जोड़ने के लिए सीमेंट चाहिए होता है, नहीं तो अगर ईंट के ऊपर ईंट रखीं जाए तो भर भराकर गिर जाया करती है। नेता भी ठीक वैसे ही सीमेंट के जैसा काम करता है जो इनको जोड़कर रखता है। I.N.D.I.A जो गठबंधन बना है उसमें पिछले 4 महीने से इनकी उपलब्धि क्या है? पिछले 4 महीनों में ये दल 3 बार मिले हैं और अपना नाम UPA से बदल कर I.N.D.I.A कर दिया है। इसके बाद इन गठबंधनों ने न कोई अपना कार्यक्रम घोषित किया और न ही कोई जमीन पर कार्यक्रम किया, न किसी नेता के बारे में ऐलान किया और न कोई कमेटी बनाई, न कोई जनमानस के मुद्दे पर आंदोलन शुरू किया, तो अभी तो स्थिति यही है। आगे कुछ इस पर करेंगे तो तीखा टिप्पणी की जाएगी।
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