जनकपुर/मधुबनी, कैंसर एक समय में लाइलाज बीमारी हुआ करता था, लेकिन विज्ञान की तरक्की के बाद इसका भी इलाज संभव हो पाया। लेकिन इसका खर्च अत्यधिक होने के कारण गरीब मरीज परेशान होते है। इस बीच नेपाल के एक होमियोपैथिक चिकित्सक उपेंद्र साह ने करीब 25 से अधिक कैंसर मरीज को होमियोपैथी उपचार के माध्यम से कैंसर का ईलाज कर जीवनदान दिया है। इन्होंने कैंसर, किडनी फेल्योर और मधुमेह समेत कई गंभीर बीमारियों में नया शोध कर सफलता हासिल करके होमियोपैथी उपचार में एक क्रांति ला दी है। हाल ही में एक कैंसर मरीज को दूसरा जीवन दिया गया है। मृत्यु पर विजय पाने वाले नेपाल के सप्तरी जिला हनुमान नगर कंकालिनी नगरपालिका भारदह निवासी 44 बर्षीय प्राध्यापक पुष्पेन्द्र यादव है। तीन बर्ष पूर्व प्रोस्टेट की समस्या हुआ। पेशाब का समस्या को लेकर वी.पी.कोईराला स्वास्थ्य विज्ञान प्रतिष्ठान में दिखाया। जहां डॉक्टरों ने आपरेशन करने की सलाह दी। उसके बाद मरीज ने आपरेशन करवाया। आपरेशन के बाद जब वायोप्सी जांच करवाया तो कैंसर का लक्षण पाया गया। डाक्टर ने आठ बार केमों चढ़ाने की बात कहीं। वे सात बार केमों चढ़ाया भी लेकिन स्थिति और खराब हो गयी। सात बार केमो चढ़ाने के बाद उनका शरीर सुन्न हो गया तथा कैंसर भी फोर्थ स्टेज में पहुंच गया था। चिकित्सकों नेचितवन कैंसर अस्पताल ले जाने की सलाह दी। परिवार वालों ने चितवन कैंसर अस्पताल ले गया, लेकिन डाक्टर ने जबाब दिया कि रोगी चंद दिनों का मेहमान है। फिर भी तसल्ली के लिए हरसिद्धि कैंसर अस्पताल काठमांडू ले जाने की सलाह दी। परिवार वालों ने रुपया जब तक हैं, सांस तब तक आसरा मानकर काठमांडू हरसिद्धि कैंसर अस्पताल ले गया। लेकिन वहां डाक्टरों ने भी इसे भर्ती करने से मना कर दिया। परिवार वालों ने भगवान पर ही भरोसा कर उसे घर ले आया। घर पर किसी ने जनकपुर वेला स्थित होम्योपैथी चिकित्सक उपेन्द्र साह के बारे में जानकारी दी। परिवार वालों ने भरे मन से होम्योपैथी चिकित्सक उपेन्द्र साह से मिलकर परामर्श ली। डाक्टर साहब ने अपने शोध पर विश्वास कर मरीज का उपचार शुरू कर दिया, जिसके फलस्वरूप एक सप्ताह के बाद ही उनके स्वास्थ्य और पेशाब में सुधार होने लगा। शरीर का सूजन भी खत्म होने लगी। कांतिहीन चेहरा में चमक आ गया। कमजोरी दूर हो गयी। छः महीनो के इलाज के बाद वे पूर्णतः ठीक हो गया। जनवरी में वायोप्सी करवाया तो रिजल्ट निगेटिव निकला। लेकिन उसे भरोसा नहीं हुआ। उसके बाद लहेरियासराय के शर्मा डायग्नोसिस तथा काठमांडू में वायोप्सी करवाया। दोनों जगह निगेटिव ही निकला। दो बच्चों के पिता पुष्पेन्द्र यादव अब काफी खुश हैं। पुनः अपनी अध्यापन पेशा मे लग गए है। वे डाक्टर साहब को भगवान मान रहे हैं। उन्होंने कहा कि डाक्टर उपेन्द्र साह मेरे लिए भगवान है जो मुझे मृत्यु से उवारा है। इससे पहले भी डाक्टर उपेन्द्र साह नेकिडनी फेल्यार तथा ड्राप्सी रोगियों को भी होमियोपैथी इलाज से ठीक किया हैं। वही क्लिनिक पर कैंसर से पीड़ित कई मरीजों के परिजन ने बताया कि कई प्रतिष्ठित कैंसर अस्पतालों से जवाब मिल गया है। लेकिन यहां आने के बाद नई उम्मीद और पुनः जीवनदान का आस जगा है। वही भारत के अमृत महोत्सव के अवसर पर इन्हे भारतीय दूतावास के द्वारा प्रसस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया है।
मंगलवार, 5 दिसंबर 2023
मधुबनी : होमियोपैथिक से किया कैंसर का ईलाज, भारतीय दूतावास ने दिया प्रशस्ति पत्र
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