- संविधान व लोकतंत्र की रक्षा के लिए अपेक्षित कदम उठाने की मांग की, सभी सांसदों का निलंबन अविलंब वापस हो
वक्ताओं ने कहा कि देश के इतिहास में पहली बार 146 सांसदों को बस इतनी सी बात पर निकाल बाहर कर दिया गया कि वे संसद में हुए अप्रिय धुआं बम कांड पर प्रधानमंत्री व गृहमंत्री से बयान चाह रहे थे. बयान देने की बजाए बेहद अलोकतांत्रिक तरीके से सभी सांसदों को बाहर का रास्ता दिखला दिया गया. मोदी सरकार की बढ़ती तानाशाही ने संसद की गरिमा को तार-तार कर दिया है. दोनों सदन के अध्यक्षों की भूमिका सरकार की तरफदारी वाली रही है. यह लोकतंत्र के लिए बेहद ही शर्मनाक है. आगे कहा कि राज्यसभा अध्यक्ष की एक कांग्रेस सांसद द्वारा की गई मिमिक्री पर भाजपा राजनीति कर रही है और कह रही है कि इसके जरिए जाट समुदाय का अपमान किया गया है. लेकिन दूसरी ओर उसी जाट समुदाय से आने वाली महिला पहलवान साक्षी मलिक ने भाजपाइयों की बलात्कारी प्रवृत्ति से तंग आकर कुश्ती से सन्यास ले लिया. क्या यह जाट समुदाय और महिलाओं का अपमान नहीं है? पूरा देश भाजपा की लोकतंत्र और महिला विरोधी कार्रवाइयों को देख व समझ रहा है. इंडिया गठबंधन के नेताओं ने कहा कि यह तानाशाही चलने वाली नहीं है. 2024 के लोकसभा चुनाव में इस तानाशाह सरकार को दिल्ली की गद्दी से उखाड़ फेंका जाएगा. विपक्ष मुक्त संसद और विरोध मुक्त सड़क के मंसूबे पालने वाली भाजपा को देश की जनता कभी कामयाब नहीं होने देगी. हमारी मांग है कि सभी निलंबित सांसदों का निलंबन अविलंब वापस लिया जाए. टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा को भी इसी प्रकार से संसद से बाहर कर दिया गया. भाजपा विरोधी सभी पार्टियां आज एकजुट हो रही हैं और देश को बचाने के लिए एक साथ चलने के लिए कृतसंकल्पित हैं. पटना सहित राज्य के सभी जिला मुख्यालयों पर भी आज इंडिया गठबंधन के बैनर तले विरोध-प्रदर्शन किया गया.
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