उन्होंने कहा कि संगठन के द्वारा बैंक में जमा करने से ब्याज मिलता है.अगर श्रमिक 30 से 35 लाख जमा करते थे,तो सीधे श्रमिकों को 15 से 20 हजार हाथ में मिलता.हाल यह कि श्रमिकों की संग्रहित राशि को वापस नहीं दिया जा रहा है.वहीं पेंशन के रुप में श्रमिकों को 1171 अधिकतम पेंशन दी जा रही है.यूपीए सरकार ने न्यूनतम 1000 रूपए पेंशन देने की योजना बना रही थी.उसी समय भगत सिंह कोश्यारी समिति बनी.भगत सिंह कोश्यारी कमेटी ने 2013 में ईपीएफ से जुड़े कर्मचारियों की न्यूनतम पेंशन ₹1000 से बढ़ाकर ₹3000 किए जाने की सिफारिश की थी. यूपीए सरकार के बाद एनडीए सरकार सत्ता में आई.तब एनडीए सरकार ने भगत सिंह कोश्यारी समिति के न्यूनतम पेंशन ₹1000 को ही 1995 में लागू कर दी.जिसे ईपीएस 95 कहते हैं.उसके बाद से ही केंद्र सरकार ने इस पर अब तक अमल नहीं किया. ईपीएफ से जुड़े कर्मचारियों की न्यूनतम पेंशन ₹1000 से बढ़ाकर ₹3000 किए जाने का मामला एक बार फिर जोर पकड़ चुका है. उसके बाद ईपीएस 95 का मुद्धा को राष्ट्रीय संघर्ष समिति के अध्यक्ष रिटायर्ड कमांडर अशोक राउत ने लपक लिया है. न्यूनतम पेंशन ₹1000 से बढ़ाकर ₹7500 की मांग होने लगी.उसके साथ महंगाई भत्ते के साथ मूल पेंशन को 7,500 रुपये मासिक करने, पेंशनभोगियों के पति या पत्नी को मुफ्त स्वास्थ्य सुविधाएं देने की मांग होने लगी है.इस मांग को लेकर दो बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिला गया.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तत्काल मांग को पूरी करने का आश्वासन दिए.जो दो बार के प्रधानमंत्री के कार्यकाल में पूरा नहीं कर पा रहे है.
मौजूदा समय में कर्मचारी पेंशन योजना ईपीएस -95 के तहत न्यूनतम पेंशन 1,000 रुपये महीना है.गुरुवार 7 दिसंबर, 2023 में दिल्ली में रैली होने जा रही है.रामलीला मैदान में रैली के बाद पेंशनभोगी 8 दिसंबर से जंतर-मंतर पर अनशन भी करेंगे. समिति के अध्यक्ष रिटायर्ड कमांडर अशोक राउत ने कहा, हम अपनी मांगों के समर्थन में सात दिसंबर को रामलीला मैदान में रैली करेंगे. उन्होंने कहा कि ये सरकार को ये आखिरी चेतावनी है और मांगे नहीं मानी गई तो आमरण अनशन करेंगे. कर्मचारी पेंशन योजना ईपीएस - 95 के तहत आने वाले कर्मचारियों के मूल वेतन का 12 फीसदी हिस्सा भविष्य निधि में जाता है. जबकि एम्पलॉयर के 12 फीसदी हिस्से में से 8.33 फीसदी कर्मचारी पेंशन योजना में जमा किया जाता है. इसके अलावा पेंशन कोष में सरकार भी 1.16 फीसदी का योगदान करती है. अशोक राउत ने कहा, तीस - तीस साल काम करने और ईपीएस आधारित पेंशन मद में निरंतर योगदान करने के बाद भी कर्मचारियों को मासिक पेंशन के रूप में इतनी कम रकम मिल रही है, जिससे कर्मचारियों पेंशनधारक और उनके परिवारजनों का जीना दुभर हो चुका है. ईपीएस-95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति (NAC) ने बुधवार को एक बयान जारी कर कहा कि समिति अपनी मांगों के समर्थन में रामलीला मैदान में रैली करने जा रही है. समिति का दावा है कि न्यूनतम पेंशन हर महीने बढ़ाकर 7,500 रुपये करने समेत अन्य मांगों के समर्थन में इस रैली में देशभर से आए 50,000 कर्मचारी और पेंशनधारक शामिल होंगे. पेंशनभोगी महंगाई भत्ते के साथ मूल पेंशन को 7,500 रुपये मासिक करने, पेंशनभोगियों के पति या पत्नी को मुफ्त स्वास्थ्य सुविधाएं देने की मांग कर रहे हैं.
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