ज्ञानवापी : एएसआई ने चार हफ्ते का समय और मांगा, आज आएगा फैसला - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 3 जनवरी 2024

ज्ञानवापी : एएसआई ने चार हफ्ते का समय और मांगा, आज आएगा फैसला

  • आर्कियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया द्वारा 92 दिनों तक चले एएसआई सर्वे रिपोर्ट को जिला जज की अदालत में पेश किया जा चुका है

Gyanwapi-servey
वाराणसी (सुरेश गांधी) ज्ञानवापी मामले में बुधवार को एक बार फिर फ़ैसला टल गया। अब 4 जनवरी को फैसला आएगा। एएसआई ने जिला कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर चार हफ्ते का समय और मांगा है। जबकि एएसआई रिपोर्ट सार्वजनिक किया जाये या नहीं के मामले में दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद जिला जज कहा कि फैसला 4 जनवरी को सुनाया जाएगा. बता दें, सुनवाई शुरू होने से पहले एएसआई ने प्रार्थना पत्र दाखिल कर अगले 4 हफ्ते तक सीलबंद सर्वे रिपोर्ट को ना खोलने और पक्षकारों को ना देने की मांग की थी. एएसआई ने हाई कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुण् क्हा, पिछले दिनों ज्ञानवापी से जुड़े 1991 के मूल मुकदमे को फिर से चलाने का आदेश दिया था। चूंकि 18 दिसंबर को एएसआई ने रिपोर्ट कोर्ट में जमा कर दिया था और 19 दिसंबर को ज्ञानवापी प्रकरण के 1991 के केस में हाईकोर्ट का एएसआई सर्वेक्षण करने का आदेश दिया है. वह भी कार्रवाई पूर्ण हो जाय. ऐसे में द्वितीय प्रति तैयार करने में समय लगेगा। इसलिए समय दिया जाए और रिपोर्ट सार्वजनिक न की जाए। उधर, ज्ञानवापी मामले में इंतजामिया कमेटी ने जिला कोर्ट में प्रार्थन पत्र देकर मछलियों की सुरक्षा के लिए हौज की सफाई की मांग की है. सुनवाई को लेकर हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने बताया कि - दिसंबर महीने में आर्कियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया द्वारा 92 दिनों तक हुए सर्वे रिपोर्ट को सील बंद लिफाफे में वाराणसी जिला न्यायालय के समक्ष पेश किया गया था. इसको लेकर हिंदू पक्ष ने आपत्ति जताई थी. सर्वे रिपोर्ट को इस तरह बंद लिफाफे में पेश करना न्यायिक मूल्यों के खिलाफ हैं. वहीं दूसरी तरफ मुस्लिम पक्ष द्वारा भी इस मामले को लेकर प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया है कि एएसआई रिपोर्ट को सार्वजनिक न किया जाए। जबकि हमारी मांग है कि देश की भावनाओं से जुड़ा हुआ यह विषय है और अनेक तथ्य है जो प्रमाणित करते हैं कि इस परिसर का वास्तविक इतिहास कुछ और है. इसलिए सभी बातें देश के सामने आनी चाहिए. एएसआई रिपोर्ट में आए हर तथ्य भी देश के समक्ष रखा जाना आवश्यक है. वजूखाने को छोड़कर पूरे परिसर का एएसआई सर्वे पूर्ण किया गया है. मुस्लिम पक्ष की तरफ से अंजुमन इंतजामियां मसाजिद कमेटी के सदस्यों ने वजू खाने में गंदगी और साफ सफाई न होने को लेकर वाराणसी जिला प्रशासन को प्रार्थना पत्र सौंपा था. मुस्लिम पक्ष का कहना था कि तकरीबन डेढ़ साल से वजू खाने में साफ सफाई नहीं हुई है, जिसकी वजह से पानी की अधिकांश मछलियां मर चुकी हैं. सीआरपीएफ जवान, दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं और नमाजियों को इससे काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. इसलिए वजूखाने की जल्द से जल्द अच्छी तरह सफाई आवश्यक है.


एएसआई ने किया था सर्वे

एएसआई ने काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित ज्ञानवापी परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण किया, ताकि यह पता लगाया जा सके कि मस्जिद का निर्माण हिंदू मंदिर की पहले से मौजूद संरचना पर किया गया था या नहीं। सर्वेक्षण जिला अदालत के 21 जुलाई के आदेश पर किया गया था, जिसमें मस्जिद के गुंबदों, तहखानों और पश्चिमी दीवार के नीचे सर्वेक्षण की आवश्यकता का उल्लेख किया गया था। इसमें कहा गया है कि एएसआई को इमारत की उम्र और प्रकृति का निर्धारण करने के लिए खंभों की भी जांच करनी चाहिए। कोर्ट ने एएसआई से यह सुनिश्चित करने को कहा था कि विवादित जमीन पर खड़े ढांचे को कोई नुकसान न हो।

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