मनुष्य द्वारा बनाया गया ये फोन।
भिन्न प्रकार की है इसकी रिंगटोन।।
दूसरों से बात करने में मदद दिलाता।
एक बार जो देखे तो अपनी ओर बुलाता।।
दूर-दूर तक यह सबसे बात कराए।
एक बार जो देखे तो देखता रह जाए।।
जबसे जीवन में है फोन आया।
बच्चों के मन को भी यह भाया।
बच्चे भूल गए हैं सब ज्ञान।
फोन में लग गया इनका ध्यान।।
कौन मान रहा है रीति और रिवाज।
व्हाट्सप्प और फेसबुक पर दे रहे जवाब।।
जबसे सबके पास फोन है आया।
हो गई हैं सबकी आंखें खराब।।
भूल जाओ इस फोन को।
मत सुनो इसकी रिंगटोन को।।
छोड़ो आदत फोन को भूल जाओ।
पढ़ाई में अपना ध्यान लगाओ।।
फोन रखो केवल काम के लिए।
वरना इसको दूर भगाओ।।
ज्योति
उम्र -14 वर्ष
रा.उ.मा.वि. बैसानी, उत्तराखंड
(चरखा फीचर)
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