- साल के पहले दिन पहुंचे लाखों श्रद्धालु सुबह पचास क्विंटल से अधिक खिचडी और शाम को रोटी और सब्जी का वितरण
सीहोर। जिला मुख्यालय के समीपस्थ चितावलिया हेमा स्थित निर्माणाधीन मुरली मनोहर एवं कुबेरेश्वर महादेव मंदिर में हर साल की तरह इस साल भी नूतन वर्ष के पहले दिन बड़ी संख्या में भक्त पहुंचे। सुबह से ही लोगों का आना शुरू हो गया था। सोमवार को यहां पर आए श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चना की। जानकारी के अनुसार सीहोर जिला मुख्यालय के समीपस्थ चितावलिया हेमा स्थित निर्माणाधीन मुरली मनोहर एवं कुबेरेश्वर महादेव मंदिर में हर साल की तरह इस साल भी नूतन वर्ष के पहले दिन बड़ी संख्या में भक्त पहुंचे। सुबह से ही लोगों का आना शुरू हो गया था। भक्तों के आने का सिलसिला देर रात तक चलता रहा। आने वाले श्रद्धालुओं को गुड़, देशी घी से निर्मित करीब 50 क्विंटल से अधिक खिचड़ी का वितरण किया गया। मंदिर परिसर में करीब दो लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने प्रसादी ग्रहण की और हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने व्यास गादी के दर्शन किए। इस मौके पर सुबह भागवत भूषण पंडित प्रदीप मिश्रा ने महाराष्ट्र से आने के बाद धाम पर पहुंचकर विशेष पूजा अर्चना की और उसके बाद सोमवार पर भक्तों ने विल्व पत्र आदि से पूजा-अर्चना की। बता दें कि पिछले तीन दिनों से हर रोज हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला चल रहा है। मंदिर में देश के कोने-कोने से दर्शन करने वाले आते हैं। शहर के सभी होटल और रेस्टोरेंट आदि बुक हैं। नव वर्ष के मौके पर धाम पर मिनी कुंभ की तरह मेला लगा हुआ था, देर रात्रि तक लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। पहले दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आगमन की दृष्टिगत यहां पर श्रद्धालुओं को कोई असुविधा नहीं हो इसके लिए भागवत भूषण पंडित प्रदीप मिश्रा के निर्देशानुसार प्रशासन और समिति ने व्यवस्था की थी। विठलेश सेवा समिति के मीडिया प्रभारी प्रियांशु दीक्षित ने बताया कि मंदिर में तड़के से ही दर्शन के लिए धाम के बाहर लंबी-लंबी लाइन लगी रहीं। नव वर्ष पर सुख समृद्धि की कामना लेकर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। भक्तों ने शीश नवाया और नव वर्ष के लिए मंगल कामना की। मंदिर समिति के पंडित विनय मिश्रा और समीर शुक्ला ने बताया कि क्षेत्रवासियों के सहयोग से हजारों की संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं को प्रसादी का वितरण किया गया। यहां पर सुबह से ही दर्शन के लिए कतारें लगी हुई थीं।
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