- जिसके शिक्षा मंत्री सचिव से लड़ते रहे, वे ले रहे शिक्षक नियुक्ति का श्रेय
पटना. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बयान पर बीजेपी नेता सुशील मोदी ने कहा,‘ भले ही उन्होंने माफी मांग ली है लेकिन पूरा बिहार शर्मसार हुआ है. उन्हें इस तरह का बयान देने की हिम्मत कैसे हुई?...केवल माफी मांगने से काम नहीं चलेगा उन्हें सभी महिलाओं के सामने हाथ जोड़कर ये कहना चाहिए कि उन्होंने बहुत बड़ी गलती की है और आगे ऐसी कभी भी गलती नहीं करेंगे.‘ अब राज्य सभा सांसद सुशील कुमार मोदी भी पलट गए.कहने लगे कि पिछली सरकार में जिस पार्टी के शिक्षा मंत्री विभागीय सचिव से लड़ते रहे, चार महीने कार्यालय नहीं गए और रामचरित मानस पर टिप्पणी कर द्वेष फैलाते रहे, उसके नेता तेजस्वी यादव सत्ता से बाहर होने पर 1.22 लाख शिक्षकों को नौकरी देने का श्रेय लेने की कोशिश कैसे कर रहे हैं. इसमें मंत्री का क्या रोल था. श्री मोदी ने कहा कि राज्य सरकार की नियुक्ति मुख्यमंत्री के नीतिगत निर्णय और उनकी सम्मति से हुईं जबकि राजद केवल शेखी बघारने में लगा है. उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव बताएं कि महागठबंधन सरकार कैबिनेट की पहली बैठक में दस लाख लोगों को सरकारी नौकरी देने का वादा 17 महीनों में पूरा क्यों नहीं कर सकी. श्री मोदी ने कहा कि तेजस्वी यादव ने स्वास्थ्य मंत्री के नाते बिहार के अस्पतालों को अधमरा कर आईसीयू में भर्ती करा दिया. वे 17 महीनों में 17 डॉक्टर भी नियुक्त नहीं कर पाए. उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव न क्रिकेट में सफल हो पाए, न खेल मंत्री के नाते 17 महीनों में पटना के मोइनुल हक स्टेडियम को जर्जर हालत से उबार सके. मात्र 75 खिलाड़ियों को नौकरी देकर वे अपनी पीठ थपथपा रहे हैं. श्री मोदी ने कहा कि पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को नौकरी देने की नीति एनडीए सरकार के समय से लागू है, लेकिन हर बात का श्रेय वे लोग लेना चाहते हैं, जिनकी सरकार घोटाले, भ्रष्टाचार और माफियाओं को संरक्षण देने के लिए कुख्यात रहीं.अब नीतीश कुमार की तारीफ करने लगे हैं.
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