पटना. विकास का जो मॉडल बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री डा0 श्रीकृष्ण सिंह ने बिहार में लागू की थी उसका अनुसरण भी कल्पना से बाहर है. जिस तरह उन्होंने बिहार जैसे पिछड़े राज्य में उद्योगों का जाल बिछाया उसका कोई मिशाल नहीं है. बोकारो स्टील प्लांट, पतरातू रांची में हैवी इंजीनियरिंग कारपोरेशन, बरौनी तेल एवं बिजली कारखाना के अलावा मोकामा के राजेंद्र सेतु एवं पूसा कृषि विश्वविद्यालय के अलावा अनगिनत विकास के कार्य किये. ये बातें बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डा0 अखिलेश प्रसाद सिंह ने श्री बाबू की 63 वीं पुण्यतिथि के अवसर पर भेजे अपने संदेश में कहीं. उन्होंने कहा कि बिहार केसरी के रूप में विख्यात श्री बाबू सामाजिक स्तर पर भी कई ऐतिहासिक कार्य किये, जिसमें जमींदारी प्रथा उन्मूलन के अलावा देवघर में दलित समुदाय के लोगों का मंदिर में प्रवेश कराये. सच तो यह है कि आधुनिक बिहार के निर्माण में श्रीबाबू के योगदान का सही आकलन भी मुश्किल है.दरअसल में वे आधुनिक बिहार के प्रणेता थे. उनकी पुण्यतिथि के अवसर पर पार्टी मुख्यालय, सदाकत आश्रम में बिहार कांग्रेस के नेताओं ने उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. बुधवार को ही बिहार कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष स्व0 विद्याकर कवि की 38 वीं जयंती भी सदाकत आश्रम में मनायी गयी. डा0 श्रीकृष्ण सिंह एवं स्व0 विद्याकर कवि के तैल चित्र पर माल्यार्पण किया गया. इस मौके पर पूर्व विधायक डा0 हरखू झा, लाल बाबू लाल, ब्रजेश प्रसाद मुनन, डा0 विनोद शर्मा,वैद्यनाथ शर्मा, सुमन कुमार मल्लिक, निरंजन कुमार, मृणाल अनामय, रमा शंकर पाण्डेय, जितेन्द्र पासवान,विकास कुमार, धर्मवीर कुमार, संतोष उपाध्याय उपस्थित थे.
बुधवार, 31 जनवरी 2024
पटना : आधुनिक बिहार के प्रणेता थे श्री बाबू : डा. अखिलेश
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