सीहोर : हिट-एंड-रन कानून के खिलाफ थम गए बसों ट्रकों के पहिए - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 1 जनवरी 2024

सीहोर : हिट-एंड-रन कानून के खिलाफ थम गए बसों ट्रकों के पहिए

  • कलेक्ट्रेट पहुंचकर सौपा पीएम,एचएम के नाम ड्रायवरों ने कलेक्टर को ज्ञापन
  • हादसे में शामिल ड्राइवर्स के लिए 10 वर्ष की कैद परिवहन उद्योग के लिए बढ़ा खतरा : खनूजा

Truck-drivar-protest
सीहोर। केंद्र सरकार के द्वारा पारित किए गए हिट-एंड-रन कानून के खिलाफ सोमवार को जिले में बसों ट्रकों के पहिए थम गए। बस स्टेंड पर सन्नाटा पसरा रहा। सैकड़ों ड्रायवरों की हड़ताल का व्यापक असर देखा गया। ड्रायवरों ने एक जुट होकर शहर में नारेबाजी करते हुए आक्रोश रैली निकाली। ड्रायवरों ने सोमवार को कलेक्ट्रेट पहुंचकर काग्रेस परिवहन प्रकोष्ठ जिलाध्यक्ष जसबीर सिंह खनूजा के नेतृत्व में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के नाम का ज्ञापन  डिप्टी कलेक्टर सतीष राय को दिया। ड्रायवरों ने हिट-एंड-रन कानून के मुताबिक हादसे में शामिल ड्राइवर्स के लिए 10 वर्ष की कैद और भारी भरकम जुर्माने की सजा तय की गई है। इस कानून का असर परिवहन उद्योग के लिए भी बढ़ा खतरा बना हुआ है। देश की अर्थ व्यवस्था भी बिगड़े का अंदेशा बना हुआ है जिस के चलते इस काले कानून को वापस लेने की मांग की है।


काग्रेस परिवहन प्रकोष्ठ जिलाध्यक्ष जसबीर सिंह खनूजा ने कहा की अब हादसे में शामिल ड्राइवर्स के लिए 10 वर्ष की कैद का प्रावधान हमारे परिवहन उद्योग को खतरे में डाल रहा है। भारत की सड़क परिवहन बिरादरी भारतीय न्याय सहिता, 2023 के अंतर्गत हिट एड-रन मामलों पर प्रस्तावित कानून के तहत कठोर प्रावधानों के संबंध में कड़ा विरोध और चिंता जता रही है।  हिट-एड रन मामलों पर प्रस्तावित कानून के संबंध में भारत के परिवहन समुदाय की व्यापक चिंताओं को आपके ध्यान में जाने के लिए लिख रहे है। हालांकि हिट-एड-रन की घटनाओं से निपटने के लिए कड़े कदम उठाने के पीछे का इरादा अच्छा हो सकता है, लेकिन प्रस्तावित कानून में महत्वपूणज़् खामियां हैं जिन पर तत्काल पुनविज़्चार की आवश्यकता है। देश की अथज़्व्यवस्था में महत्वपूणज़् योगदान देने वाला परिवहन क्षेत्र और ट्रक चालक इस कानून के संभावित प्रभावों को लेकर बेहद आशंकित है। पूरे देश में एक अनिश्चितता की स्थिति उत्पन्न हो गई है, यह एक भयावह स्तिथि के संकेत है फ्यूकी बिना ड्राइवरों के ट्रांसपोटज़् व्यवसाय ठप हो जाएगा और करोड़ों लोग जो इस व्यवसाय से जुड़े है उनके जीवन यापन पर संकट उत्पन्न होगा। हमारा परिवहन उद्योग और वाहन चालक हमारी अथज़्व्यवस्था के पहियों में महत्वपूर्णं भूनिका निभाते हैं। भारतीय न्याय संहिता के तहत थोपा गया कानून न केवल चालकों पर बल्कि ट्रांसपोर्ट व्यवसाय पर भारी बोझ डाल रहा है। खनूजा ने कहा की प्रस्तावित कानून हित धारकों, विशेष कर परिवहन क्षेत्र के प्रतिनिधियों के साथ किसी परामर्श के बिना पेश किया गया है। यह महत्वपूर्ण है, क्योंकि सीधे प्रभावित लोगो से जमीनी हकीकत जाने बिना कायाज़्न्वयन के दौरान अनपेक्षित परिणाम हो सकते हैं।  प्रदर्शन में बड़ी संख्या में ड्रायवर शामिल रहे। 

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