देशभर में अयोध्या में बन रहे इस मंदिर की चर्चा जोरों पर है. इस समय पुरी अयोध्या नगरी प्रभु श्री राम के भक्ती में लग्न दिख रही है. राम मंदिर को लेकर ये उत्साह सिर्फ देशभर में ही नहीं है बल्कि नेपाल, श्रीलंका समेत विदेशों में भी इस समय खूब चर्चा में है। अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के लिए देश-विदेश से दान के साथ ही हजारों उपहार आ रहे हैं. इसमें चांदी के जूते से लेकर माता सीता के लिए खास साड़ी भी शामिल है. इसके अलावा गहने और नेपाल के जनकपुर में सीता जी की जन्मस्थली से भगवान राम के लिए करीब 3000 से भी ज्यादा उपहार आए हैं. जहां तक दान की बात है तो भिखारी हो या सेक्स वर्कर, मोची हो या रिक्शा वाले सबने दिल खोलकर चंदा दिया है। किसी ने पेंशन का हिस्सा दिया है तो किसी ने जमीन बेचकर। चंदा अभियान के दौरान वॉलेंटियर्स ने 5 लाख से ज्यादा गांवों को कवर कर 65 करोड़ लोगों तक अपनी पहुंच बनायी। ट्रस्ट के मुताबिक राम मंदिर के लिए अब तक 55,00 करोड़ रुपये का चंदा इकट्ठा किया गया है। राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा तिथि 22 जनवरी को हर रामभक्त खास बनाने के लिए अपने तरीके से तैयारिंयों को अंजाम देने में जुटा है। उत्सव के इस कड़ी में “राम आएंगे तो अंगना सजाऊंगी“ का गाना छौंका का काम कर रहा है। शहर देहात में हाथी, घोड़े और ऊंट गाड़ियों पर शोभायात्रा निकालने की तैयारी है22 जनवरी को रामलला अयोध्या के भव्य मंदिर में विराजेंगे। इसे लेकर इसे लेकर पूरे देश में धूम मची है। हर तरफ उत्सव का माहौल है। हर रामभक्त इस दिन को खास बनाने के लिए अपने तरीके से तैयारिंयों को अंजाम देने में जुटा है। इतना ही नहीं, 22 जनवरी को यूपी के स्कूल और कॉलेजों को बंद रखने का ऐलान किया गया है. इतना ही नहीं, इस दिन शराब की दुकानों को भी बंद रखने के आदेश हैं. बताया जा रहा है कि देशभर के हिंदुओं मंदिरों को भी आमंत्रण भेज दिया गया है. तो दुसरी तरफ श्रीराम के जन्म से लेकर, विवाह, वनवास, रावण वध और अयोध्या का राजा बनने की कथाएं आम आदमी के जुबान पर है। उत्सव के इस कड़ी में “राम आएंगे तो अंगना सजाऊंगी“ का गाना छौंका का काम कर रहा है। हर किसी का यह गाना स्टेटस सिम्बल बन चुका है। इस गाने के मुरीद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी हो गए हैं. इस गाने को सुनकर लोग मंत्रमुग्ध हो रहे हैं. अयोध्या में भव्य उत्सव की तैयारिया ंतो है ही शहर देहात में हाथी, घोड़े और ऊंट गाड़ियों पर शोभायात्रा निकालने की तैयारी है, बनारस क्लब में इस दिन 22 फीट ऊंचा भव्य राम दरबार सजेगा, तो 84 घाटों के नाविकों ने पूरे दिन मुफ्त नौकायन का फैसला लिया है। आमजनमानस की खुशियों का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बारी जब चंदे की आयी तो मंदिर निर्माण में भिखारी हो या सेक्स वर्कर, मोची हो या रिक्शा वाले सबने दिल खोलकर सहयोग किया। किसी ने अपनी पेंशन का हिस्सा दिया तो किसी ने जमीन बेच दी। दिखाता. राम सबके दिल में हैं. किसी की कमाई कितनी भी कम क्यों न हो, सबने दिल खोलकर और जितना वो कर सकते थे, दान दिया. हर कोई राम मंदिर के लिए दान देने के लिए आगे आया.
विश्व हिंदू परिषद के मुताबिक, अभियान के दौरान वॉलेंटियर्स ने 5 लाख से ज्यादा गांवों को कवर किया और 65 करोड़ लोगों तक पहुंचे. इस दौरान राम मंदिर के लिए 5500 करोड़ रुपये का चंदा इकट्ठा हुआ। तुली के मुताबिक लोगों ने सोचा कि राम मंदिर निर्माण में योगदान देने का उनके पास मौका है. वो अपने बच्चों और पोते-पोतियों को बता सकते हैं कि राम मंदिर निर्माण में उनका भी योगदान था. वैसे भी हिंदू धर्म में दान का बड़ा महत्व है. राम मंदिर आंदोलन बस किसी मंदिर के लिए आंदोलन नहीं था. बल्कि ये भगवान राम की जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के लिए एक संघर्ष था, जो भारत की पहचान है. इस आंदोलन में 3.7 लाख से ज्यादा लोगों ने बलिदान दिया है. यहां जिक्र करना जरुरी है कि सालों तक अदालत में मामला चला, लेकिन सहयोग देने वाले कभी पीछे नहीं हटे। मतलब साफ है मंदिर निर्माण के लिए 500 साल लंबी लड़ाई आम जनता ने लड़ी. इसलिए ये तय किया गया कि राम मंदिर निर्माण के लिए हमें जनता के पास जाना चाहिए. और जनता ने भरपूर सहयोग भी दिया। सिक्किम के एक गांव में 95 साल की महिला ने सालों से अपनी पेंशन से कुछ हिस्सा बचाकर रखा और 51 हजार रुपये का दान दिया. किन्नर समाज ने भी इसमें योगदान दिया. मध्य प्रदेश के गंजबासौदा के मुन्ना किन्नर ने अपना पूरा समर्थन दिया. राजस्थान के मेवाड़ की किरण बाई ने 3 लाख और जोधपुर की सरोज मौसी ने 5 लाख रुपये से ज्यादा का दान दिया. मुंबई के घाटकोपर रेलवे स्टेशन की सेक्स वर्कर्स ने भी चंदा दिया. बनारस सहित नागपुर के गोदिया और गुरुग्राम में भिखारियों ने दिनभर में जो कुछ कमाया था, वो सब राम मंदिर के लिए दे दिया। या यूं कहे किसी की कमाई कितनी भी कम क्यों न हो, सबने दिल खोलकर और जितना वो कर सकते थे, दान दिया. सड़क किनारे बैठने वाले मोची, रिक्शावाले, सफाई कर्मचारी और सिक्योरिटी गार्ड, हर कोई राम मंदिर के लिए दान देने के लिए आगे आया. इतना ही नहीं राम मंदिर निर्माण के लिए सिर्फ हिंदुओं ने ही नहीं, बल्कि सभी धर्मों को मानने वाले लोगों ने दान दिया. वीएचपी के प्रवेश कुमार बताते हैं कि कैसे अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख के बौद्ध भिक्षुओं, दूर-दराज के गांवों के ईसाइयों और देशभर के सिख और मुस्लिम समुदाय के लोगों ने राम मंदिर के लिए दान दिया। यूपी के एक व्यक्ति ने राम मंदिर में दान देने के लिए अपनी जमीन बेच दी थी. उन्होंने बताया कि प्रतापगढ़ के सियाराम गुप्ता ने एक करोड़ रुपये दान देना चाहतते थे, उन्होंने इसके लिए अपनी 16 बीघा जमीन बेच दी थी. फिर भी 15 लाख रुपये कम पड़ रहे थे तो उन्होंने अपने रिश्तेदारों से उधार लिया। एक आदिवासी महिला ने पड़ोस से 11 रुपये उधार लिया और उसे दान में दे दिए. कहा जा सकता है जब बॉलीवुड के संगीतकार और गीतकार रविंद्र जैन ने 1980 के दशक में ’सवा रुपैया दे दे भैया राम शिला के नाम का, राम के घर में लग जाएगा पत्थर तेरे नाम का’ गाना गाया, तब उन्होंने भी नहीं सोचा होगा कि 40 साल बाद पूरा भारत राम मंदिर निर्माण के लिए एक साथ आ जायेगा।
सजेगा 22 फीट ऊंचा भव्य राम दरबार
श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा पर 22 जनवरी को काशी में भव्य राम दरबार की झांकी सजाई जाएगी। बनारस क्लब में 22 फीट ऊंचा रामदरबार सजेगा। यहां भगवान राम के संकीर्तन के साथ प्रसाद वितरण होगा। विधि विधान से पूजा पाठ होगा। श्रीकाशी विश्वनाथ न्यास के सदस्य आचार्य दीपक मालवीय ने बताया कि राम दरबार भगवान राम के राज्य और उनके नियमों का एक दृश्य प्रतिनिधित्व है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार रोजाना राम दरबार की पूजा करने से मोक्ष और मुक्ति मिलती है।
मुफ्त नौकायन का नाविकों ने लिया फैसला
84 घाटों के नाविकों ने निर्णय लिया है कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दिन पूरे दिन पर्यटकों, श्रद्धालुओं और आमजन को निशुल्क नौकायन कराया जायेगा। नाविक समाज की ओर से शोभायात्रा निकाली जाएगी। शोभायात्रा भगवान राम की आरती उतार दोपहर 12 बजे से राजघाट से अस्सी घाट निकलेगी। तय हुआ कि निषाद समाज दोपहर 12 बजे राजघाट से अस्सी घाट तक शोभायात्रा निकालेगा। इसमें 500 से अधिक नावें शामिल होंगी। सबसे पहले भगवान राम के बाल स्वरूप के चरण धोकर नाव में विराजमान कराया जाएगा। सिंधिया घाट, दशाश्वमेध, शिवाला, अस्सी होते हुए शोभायात्रा निषादराज घाट मंदिर पहुंचेगी।
चांदी के सिक्के के साथ मिलेगा प्रसाद
भव्य मंदिर में रामलला के विराजमान होने की खुशी को राम मंदिर ट्रस्ट यादगार बनाने में जुटा है। इसी के तहत प्राण-प्रतिष्ठा में बुलाए गए 7000 अतिथियों को प्रसाद में चांदी का सिक्का, ब्रास की थाली और अंगवस्त्र दिए जाएंगे। चांदी के सिक्के के लिए अशोक सिंहल फाउंडेशन से मॉडल मांगे गए हैं। राम मंदिर के लिए सबसे अधिक दान देने वालों की फेहरिस्त में सबसे ऊपर नाम है मोरारी बापू का. गुजरात से आने वाले मोरारी बापू ने राम मंदिर के लिए अब तक का सबसे अधिक दान दिया है. मोरारी बापू ने राम मंदिर के लिए 11.3 करोड़ रुपये का दान दिया है. इसके अलावा, अमेरिका, कनाडा और ब्रिटेन के उनके अनुयायियों ने भी सामूहिक रूप से अलग से 8 करोड़ रुपये का चंदा दिया है. जबकि गुजरात के हीरा कारोबारी गोविंदभाई ढोलकिया ने 11 करोड़ रुपये का दान दिया है. उन्होंने ट्रस्ट को 11 करोड़ रुपए का चेक सौंपा था.
अब तक कितना दान मिला है
राम मंदिर निर्माण के लिए श्रीराम जन्मभूमिक तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को अब तक पांच हजार करोड़ से अधिक का दान मिल चुका है. राम मंदिर ट्रस्ट ने देश के 11 करोड़ लोगों से 900 करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य रखा था. मगर अब तक भगवान राम के मंदिर के लिए करीब 5500 करोड़ से अधिक का दान प्राप्त हो चुका है. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की मानें तो राम मंदिर निर्माण के लिए अब तक करीब 18 करोड़ रामभक्तों ने भारतीय नेशनल बैंक, पंजाब नेशनल बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा के खाते में करीब 3,200 करोड़ रुपये समर्पण निधि जमा की है. ट्रस्ट ने इन बैंक खातों में आए दान के पैसे की एफडी करा दी थी, जिससे मिलने वाले ब्याज से ही राम मंदिर के वर्तमान स्वरूप तक यानी प्रथम तल का निर्माण हो चुका है.
देश-विदेश से आ रहे हैं उपहार
शास्त्रों के अनुसार माता सीता की जन्मस्थली नेपाल के जनकपुर में हैं. ऐसे में अयोध्या के राम मंदिर उद्धाटन के लिए वहां से भगवान श्री राम के लिए करीब 3000 से भी ज्यादा उपहार आए हैं. इसमें चांदी के जूते, गहने और कपड़े सहित कई उपहार शामिल हैं. बता दें कि ये उपहार नेपाल के जनकपुर धाम रामजानकी मंदिर से लगभग 30 वाहनों के काफिले से लाए गए हैं. बताया जा रहा है कि नेपाल से अयोध्या तक राम मंदिर के लिए जो उपहार भेजे गए हैं, उसमें सूखे मेवे, क्षेत्र की पारंपरिक मिठाइयां शामिल हैं.बताया जा रहा है कि भारत और नेपाल के बीच काफी लंबे समय से संबंध हैं. ये संबंध त्रेता येग से चले आ रहे हैं. ऐसा बताया जा रहा है कि नेपाल से मंदिर को जो उपहार दिए गए हैं, वे भक्तों के बीच प्रसाद के रूप में बांटे जाएंगे. ऐसा कहा जाता है कि जनकपुर के लोग माता सीता के रिश्तेदार हैं. राम मंदिर के लिए पहुंचाए जा रहे अन्य उपहारों में वडोदरा में बनाई गई एक खास अगरबत्ती भ अयोध्या लाई गई है. बताया जा रहा है कि ये अगरबत्ती इतनी बड़ी है कि करीब डेढ़ माह तक जलती रहेगी. वहीं, सोने की परत चढ़ा 56 इंच का विशाल नगाड़ा भी राम मंदिर में स्थापित किया जा एगा. सूरत में माता सीता के लिए तैयार की गई खास साड़ी भी अयोध्या लाई गई है. बताया जा रहा है कि इस साड़ी में भगवान श्री राम की खास तस्वीर लगी है.
सुरेश गांधी
वरिष्ठ पत्रकार
वाराणसी
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें