- नेताजी सुभाषचंद्र ने अपने पराक्रम से कराया था भारतीय नागरिकों को कर्तव्य का बोध
सीहोर। मंगलवार को शहर के सैकड़ाखेड़ी स्थित वृद्धाश्रम में श्रद्धा भक्ति सेवा समिति के तत्वाधान में पराक्रम दिवस के उपलक्ष्य में संगोष्ठी का आयोजन किया गया था। इस मौके पर कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद समिति की अध्यक्ष निशा सिंह ने कहा कि देश की आन, बान और शान रहे सुभाष चंद्र बोस ने अपना जीवन राष्ट्र की स्वतंत्रा के लिए समर्पित कर दिया। वे निरंतर राष्ट्र चेतना का प्रचार प्रसार करते रहे। उन्होंने भारतीयों में अपने देश के प्रति अपने कर्तव्यों का बोध कराया। बोस के बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। उनके जीवन आदर्शों को आत्मसार करने का प्रयास करें। इस मौके पर कार्यक्रम में सबसे पहले केन्द्र के प्रभारी नटवर कुशवाहा, मनोज दीक्षित मामा, विकास अग्रवाल, कमलेश राय ने नेताजी की प्रतिमा के सामने माल्यार्पण और पुष्प अर्पित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता श्री कुशवाहा ने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस जैसे नेता का देश के लिए अमूल्य योगदान रहा है। जिसकी बदौलत भारत देश को आजादी के लिए घर-घर जाकर आजाद हिंद फौज का गठन किया और आजादी की नींव रखी। नेता जी ने नारा दिया था तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा इसके तहत भारतवर्ष में लोगों ने भारत को आजाद कराने में अहम योगदान रहा। उनके बताए हुए मार्गों पर चलकर युवाओं को देश के लिए अहम योगदान देने में भूमिका निभाए। स्वीकार किया जाना चाहिए कि चरित्र निर्माण और मनुष्यता के विकास के लिए राजनीति में हिस्सेदारी जरूरी है। बिना शुद्ध विचार से चरित्र का निर्माण नहीं हो सकता। इसलिए स्वस्थ क्रियाशीलता राजनीतिक, सामाजिक और कलात्मक-चरित्र के विकास के लिए बहुत जरूरी है।
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