- प्रत्येक वर्ष कम से कम एक पौधा लगाकर उसकी सुरक्षा एवं देखभाल कर वृक्ष का रूप प्रदान करूंगा।
- अपने आस पास के तालाब, नदी, पोखर एवं अन्य जलस्रोतों को प्रदूषित नहीं करूंगा।
- आवश्यकता से अधिक जल का उपयोग नहीं करूंगा/ करूंगी एवं इस्तेमाल के बाद नल को बंद कर दूंगा।
- अपने घर/ विद्यालय पास पड़ोस में वर्षा के जल संचयन हेतु अपने परिवार के सदस्यों को प्रेरित करूंगा।
- बिजली का उपयोग आवश्यकतानुसार ही करूंगा/ करूंगी। घर से बाहर निकलते समय बिजली के बल्ब/ पंखा को बंद कर दूंगा।
- अपने घर, विद्यालय एवं आस पड़ोस को स्वच्छ रखते हुए वहां से निकलने वाले कूड़े को कूड़ेदान में ही डालूंगी।
- प्लास्टिक/ पॉलीथिन का उपयोग बंद कर कपड़े/ कागज का उपयोग करूंगा और अन्य लोगों को उसके लिए प्रेरित करूंगा
- जीव जंतुओं एवं पशु पक्षियों के प्रति प्रेम भाव रखूंगा। इनके लिए यथा संभव दाना पानी की व्यवस्था करूंगा।
- नजदीक के कार्य पैदल अथवा साइकिल से करूंगा।
- कागज का अनावश्यक उपयोग नहीं करूंगा/ करूंगी एवं अन्य लोगों को भी इस हेतु प्रेरित करूंगा।
- मैं खुले में शौच नहीं कर शौचालय का उपयोग करूंगा।
उन्होंने कहा कि उक्त सभी संकल्प को सर्वप्रथम हमे अपने जीवन अनिवार्य रूप से अपनाना होगा,ताकि हम अन्य लोगो को प्रभावी रूप से इसे पालन करने हेतु प्रेरित कर सके।उपविकास आयुक्त ने कहा की व्यापक जन सहभागिता से ही जल-जीवन-हरियाली अभियान सफल होगा। उन्होंने कहा कि व्यापक जनसहभागिता के लिए व्यापक रूप से प्रचार-प्रसार भी किया जा रहा है। उप विकास आयुक्त ने कहा कि जल-जीवन-हरियाली होगी, तभी जीवन मे खुशहाली होगी।अन्य वक्ताओं ने भी परिचर्चा में अपने-अपने विचार रखे। इस अवसर पर पटना में माननीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री श्रवण कुमार की अध्यक्षता में आयोजित मुख्य समारोह का भी सीधा प्रसारण किया गया। उक्त कार्यक्रम में निर्देशक डीआरडीए किशोर कुमार, जिला कृषि पदाधिकारी, जिला समन्वयक जल-जीवन-हरियाली पंकज कुमार, प्रशांत कुमार, सहित सभी विभागों के वरीय अधिकारी उपस्थित थे।
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