- गांव के गांधी अभियान का शुभारंभ सर्वोदय प्रेस के प्रमुख एवं समाजसेवी श्री राकेश दीवान द्वारा युवाओं को अभियान का नाम सौंप कर घोषणा की
महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज की अवधारणा अत्यंत व्यापक है. उनका मानना था कि भारत की स्वतंत्रता की शुरुआत नीचे से होनी चाहिए. तभी प्रत्येक गांव एक गणतंत्र बनेगा, अतः इसके अनुसार प्रत्येक गांव को आत्मनिर्भर और सक्षम होना चाहिए. गांधी जी ने ग्राम के गणतंत्र के रूप की कल्पना की है जो कि आत्मनिर्भरता का पर्याय होगा, उन्होंने गांव को स्वतंत्र राजनीतिक और आर्थिक इकाइयों के रूप में देखने की चाह की थी. गांधी जी के विचार गांवों की आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था के बारे में थे. उनका मानना था कि भारत की आत्मा गांवों में बसती है और गांधी जी ने ग्राम के गणतंत्र रूप की कल्पना की है जो कि आत्मनिर्भरता का पर्याय होगा. उन्होंने गांव को स्वतंत्र राजनीतिक और आर्थिक इकाइयों के रूप में देखने की चाह की थी. गांधी जी की दृष्टि में गांव और किसान का महत्व बहुत अधिक था. उन्होंने गांव के विकास के लिए अपने विचार रखे और उन्होंने गांव को स्वतंत्र राजनीतिक और आर्थिक इकाइयों के रूप में देखने की चाह की थी. गांधी जी के अनुसार गांव को आत्मनिर्भर और सक्षम होना चाहिए ताकि हर गांववासी की सुख सुविधा के लिए आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध हों. गांव के गांधी अभियान का शुभारंभ सर्वोदय प्रेस के प्रमुख एवं समाजसेवी श्री राकेश दीवान द्वारा एकता परिषद एवं समाजसेवा के लिए समर्पित युवाओं को अभियान का नाम सौंप कर घोषणा की यह अभियान गांव गांव जायेगा और गांधी के मूल्यों पर आधारित गांव एवं समाज की रचना के लिए जमीन तैयार करेगा. इस अवसर पर एकता परिषद के साथी श्री प्रदीप प्रियदर्शी बिहार, नयन तारा एवं दीम्बेश्वर नाथ असम,ऋषि शर्मा मणिपुर, विजय कुमार एवं डॉली ओडिसा, रामस्वरूप एवम चुन्नुलाल झारखंड, मुरली संत,प्रशांत एवम निर्मला कुजूर छत्तीसगढ़,बीजू तमिलनाडु,सियाराम एवं मेवा उत्तरप्रदेश,डोंगर भाई एवम सरस्वती मध्य प्रदेश उपस्थिति थे. इस अभियान को एकता परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष रन सिंह परमार ,राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सीताराम सोनवानी,श्रद्धा एवं प्रदीप प्रियदर्शी,राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष निर्भय सिंह ,राष्ट्रीय महासचिव रमेश शर्मा एवं अनीश भाई,राष्ट्रीय सचिव सचिव संतोष सिंह ने अपने साथियों के साथ गांव के गांधी का दायित्व लिया.
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