सनातनी मिथिला को राज्य की मांग को लेकर धरना - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

बुधवार, 31 जनवरी 2024

सनातनी मिथिला को राज्य की मांग को लेकर धरना

Protest-for-mithila-rajya
नई दिल्ली, 31 जुलाई :- आज अखिल भारतीय मिथिला राज्य संघर्ष समिति और मिथिला वासी के तरफ से जंतर मंतर नई दिल्ली पर धरना प्रदर्शन किया गया. प्रदर्शन का नेतृत्व प्रोफेसर अमरेंद्र कुमार झा ने की जिसमें हजारों मैथिलों ने हिस्सा लिया .बाद में धरना की अध्यक्षता शिक्षाविद डा० कन्हैयाजी झा और संचालन फिल्म अभिनेता श्री अंजनि कुमार ने की.दूरभाष पर सम्बोधित करते हुये राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने कहा कि सनातनी मिथिला को राज्य की मांग करते हुए 100 बरस से ऊपर हो गया.इस भौगोलिक क्षेत्र में बंगाल से बिहार उड़ीसा और झारखंड राज्य बन गया. मिथिला क्षेत्र लगातार बिहार से अलग होने की बात कर रहा है । राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं मीडिया प्रभारी ईंजीनीयर शिशिर कुमार झा ने कहा कि मैथिलों के लिए बिहारी शब्द मिथिला के नैतिक पहचान ,नैतिक मूल्य ,सभ्यता -संस्कृति, भाषा एवं विकास में बाधक है .बिहार में मैथिलों की पहचान लुप्त होती जा रही है। मिथिला राज्य अभियानी पं० कृष्णानंद झा,पं० रंजीत कुमार झा, श्री संजय झा, मिथिलाकेसरी मनोज मनोहर ने कहा कि मिथिला सरकारी उपेक्षा के कारण गति एवं दिशाहीन हो गया है.शिक्षा और स्वास्थ्य के स्तर में तीव्र पतन हो रहा है .अपने भाषण में सभा अध्यक्ष ने कहा कि 75 वर्षों में बेरोजगारी और पलायन में बेहताशा वृद्धि हुई है .सभी मिल, उद्योग- धंधे बंद हो गए हैं। प्रमुख मांगों में पृथक मिथिला राज्य, मैथिली भाषा का संरक्षण एवं संवर्धन, मिथिला के सर्वांगीण विकास के अलावा 35 सूत्री मांग है.जिसमें नेपाल में डैम बनाकर बाढ़ का स्थाई निदान एम्स, आईआईटी,आईआईएम, मैथिली में दूरदर्शन,आईटी पार्क की स्थापना ,हाईकोर्ट बेंच की स्थापना , पलायन और बेरोजगारी का रोकथाम,  एवं आर्मी में मिथिला रेजिमेंट बनाना प्रमुख है। प्रमुख वक्ताओं में कौशल पाठक, राजनारायण सुमन,कवि विमलजी मिश्र, विजय आजाद, एडवोकेट रामवचन चौधरी, काशी नाथ चौधरी,  अमरकांत राय और डा० उमर प्रमुख थे। मदन कुमार झा एवं हीरालाल प्रधान के नेतृत्व में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री एवं गृह मंत्री को ज्ञापन दिया गया .

कोई टिप्पणी नहीं: