- नटवर नागर नंदा भजों रे मन गोविंदा पर नाचे श्रद्धालु, कस्बा स्थित हनुमान फाटक परिसर में श्रीमद भागवत कथा का दूसरा दिन
सीहोर। श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के उपलक्ष्य में हनुमान फाटक मंदिर परिसर कस्बा में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद भागवत कथा में पहुंचे श्रद्धालुओंं को कथा का श्रवण कराते हुए भागवत भूषण पं रविशंकर तिवारी ने भक्ति की पराकाष्ठा बताते हुए कहा की भगवान की भक्ति सहज में नहीं मिलती है भगवान पहले भक्त की खूब परीक्षा लेते है लोहे से सोने जैसा पवित्र पावन भक्त बनाने के लिए तपाते है इस के बाद अपना आशिर्वाद प्रदान करते है और भगवान की कृपा मिलते हीं भक्त पर सब कृपा वर्षाने लगते है। श्रद्धालुजनों के मध्य भागवत भूषण पं रविशंकर तिवारी ने कहा कि महाभारत समाप्ती के उपरांत श्रीमद भागवत कथा की रचना भगवान गणेश और वेद व्यास महाराज के द्वारा की गई इसी दिन से संवत शुरू होता है और हमारे नूतन वर्ष का प्रारंभ होता है। अंग्रेजी नया साल सभी को याद है पंरतू मार्च माह में आने वाला हिन्दू नव वर्ष याद नहीं रहता है जबकी इस दिन से मौसम में बदलाव होता है पतझड़ के बाद पौधों में फूल खिलते है हमें हमारा ही नव वर्ष मनाना चाहिए। पंडित श्री तिवारी ने धुर्योधन अस्पथामा संवाद सूनाते हुए कहा की दुष्ट कभी अपनी दुष्टता त्यागता नहीं है जब धुर्योधन मरणासन अवस्था में था तो अस्पथामा ने कहा कि आप मुझे सेनापति बनाते तो में पांचों पाडवों को समाप्त कर देता जिस के बाद अस्पथामा ने पाड़वों पुत्रों को मार डाला था। जब अर्जुन ने अस्पथामा को पकड़ा तो उस पापी ने उतरा के गर्भ में ब्राम्हअस्त्र छोड़ दिया था तब भगवान श्री कृष्ण ने उतरा के गर्भ में पहुंचकर शिशु के प्राण बचाए थे। श्री तिवारी ने कहा की कुंती ने भगवान के भक्त अर्जुन को देवकी ने भगवान श्री कृष्ण को और उतरा ने भी भगवान के भक्त को जन्म दिया था यह तीनों मां महान हो गई। पंडित श्री तिवारी ने कहा की भगवान वेद व्यास ने भगवात जी में 18 हजार श£ोक लिखे है। कथा के दौरान भजन नटवर नागर नंदा भजों रे मन गोविंदा पर श्रद्धालु भक्ति भाव के साथ पंडाल में नाचते दिखाई दिए। बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन कथा सुनने ंक लिए पहुंचे।
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