सीहोर : संकल्प वृद्धाश्रम में शिव चतुर्दशी व्रत और प्रदोष पर भजन और प्रसादी का वितरण - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 9 जनवरी 2024

सीहोर : संकल्प वृद्धाश्रम में शिव चतुर्दशी व्रत और प्रदोष पर भजन और प्रसादी का वितरण

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सीहोर। हर माह की तरह इस माह में आने वाले शिव चतुर्दशी व्रत और प्रदोष के संयोग पर शहर के सैकड़ाखेड़ी स्थित संकल्प वृद्धाश्रम में एक दिवसीय प्रवचन और भजन संध्या का आयोजन किया गया। इस मौके पर उज्जैन स्थित शनि मंदिर के पुजारी पंडित सचिन  त्रिवेदी के मार्गदर्शन में वृद्धजनों के द्वारा भगवान शिव का विशेष अभिषेक किया गया और शाम को भजन संध्या का आयोजन किया गया।  मंगलवार को आयोजित संकल्प नशा मुक्ति केन्द्र और वृद्धाश्रम में आयोजित कार्यक्रम में केन्द्र और श्रद्धा भक्ति सेवा समिति के संचालक राहुल सिंह सहित अन्य ने यहां पर मौजूद वृद्धजनों को प्रसादी का वितरण किया। इस मौके पर पंडित श्री त्रिवेदी ने कहा कि ऐसा संयोग साल में बहुत कम देखने को मिलता है जब शिव के प्रिय दोनों व्रत एक ही दिन हो, इस दिन साल का पहला भौम प्रदोष व्रत है। उन्होंने बताया कि शिवजी की पूजा कर के पूरे दिन व्रत रखा जाता है। प्रदोष व्रत हर महीने के दोनों पक्षों में एक-एक बार आता है। इसे हर महीने के दोनों पक्षों के त्रयोदशी (13वें दिन) को किया जाता है। वहीं इसके अगले दिन मासिक शिवरात्री होती है। हर माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि के नाम से जाना जाता है। हर महीने में प्रदोष और शिवरात्री दोनों ही व्रत भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए किए जाते हैं। शिव पुराण के अनुसार शिवरात्री पर भगवान शिव लिंग के रूप में प्रकट हुए थे वहीं प्रदोष तिथि पर भगवान शिव मृत्युलोक यानी पृथ्वी पर रहने वालों पर ध्यान देते हैं। प्रदोष व्रत में भगवान शिव की पूजा की जाती है। यह व्रत निर्जल अर्थात् बिना पानी के किया जाता है। प्रदोष व्रत की विशेष पूजा शाम को की जाती है। इसलिए शाम को सूर्य अस्त होने से पहले एक बार फिर स्नान करें। साफ़ सफेद रंग के वस्त्र पहन कर पूर्व दिशा में मुंह कर भगवान की पूजा की जाती है।   

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