श्रेया देशमुख कहती है कि एक कलाकार को अपने कौशल पर विश्वास होना चाहिए ना कि बाह्य प्रदर्शन में, खासकर महिला कलाकारों को अपनी स्वयं की योग्यता और हुनर पर विश्वास होना चाहिए। श्रेया का कहना है कि वह ऐसी भूमिकायें करना चाहती हैं जिसमें उनकी सकारात्मक ऊर्जा दर्शकों तक पहुंचे। जो परिवार के साथ देखने योग्य हो और सारी दुनिया आप पर गर्व कर सके। प्रसिद्धि पाने की महत्वाकांक्षा में आपकी अपनी परछाई और अस्तित्व धूमिल नहीं होना चाहिए। जब भी दर्पण में नज़र टिके आपको आपनी निर्मल और दोषरहित छवि दिखनी चाहिए। इससे आप कभी भी आत्मग्लानि और अवसाद के अंकुश में नहीं फसेंगे। श्रेया देशमुख का व्यक्तित्व प्रभावशाली है। वह सकारात्मक सोच रखती हैं। उनका कहना है कि हमेशा इंसान को कुछ ना कुछ नया सीखते रहना चाहिए और अपना कौशल बढ़ाना चाहिए। ज्ञान अथाह है, केवल एक जन्म काफी नहीं इसे बटोरने के लिए इसलिए जितना ज्ञान अर्जित कर सको उतना आपके लिए फायदेमंद होगा। सीखने के लिए उम्र की सीमा नहीं होती और ना ही कोई दायरा होता है। आपको जो सीखना है सीख सकते हैं और ज्ञान अर्जित कर सकते हैं। कभी भी अकेलेपन या अपनी हार से थककर या निराश होकर स्थायी नहीं होना चाहिए बल्कि नदी की तरह हर मुसीबत का सामना करते हुए बहते रहना चाहिए। हमेशा कुछ नया ज्ञान या नई सीख अर्जित कर अपने जीवन में नया पड़ाव और खुशी का समावेश करना चाहिए। श्रेया को अभिनेत्री रेखा, माधुरी दीक्षित,कीर्ती सुरेश, जेनिफर विंगेट का अभिनय पसंद है। श्रेया अपने अभिनय के माध्यम से अपने कौशल और योग्यता को लोगों तक पहुंचना चाहती है। श्रेया अपने कार्य में आगे बढ़ रही है, आगे उनका भविष्य अवश्य उज्ज्वल होगा।
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