- राम मंदिर राजनीतिक नहीं आस्था का मुद्दा है, राम मंदिर के उद्घाटन से सनातन धर्म का सूर्योदय होगा
- कांग्रेस ने भगवान राम और रामसेतु को नकारा, राम मंदिर राष्ट्र का मंदिर है
साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी ने उस दौरान यात्रा निकाली थी, अब प्रधानमंत्री भव्य राम मंदिर बनवा रहे हैं. प्रधानमंत्री का सपना था कि पहले गरीबों को आवास मिले, फिर भव्य मंदिर बनेगा. इसी क्रम में पूरे देश मे साढ़े चार करोड़ पक्के घर देकर लोगों का सपना पूरा करने के बाद अब अयोध्या में भव्य राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम होने जा रहा है. इसे लेकर पूरी दुनिया के रामभक्तों में खासा उल्सास नजर आ रहा है. मैं कामना करती हूं कि सभी देशवासी 22 जनवरी को अपने-अपने घर में दीपोत्सव मनाएंगे. रामराज्य की शुरुआत हो रही है. रामलला अपने गर्भगृह में विराजित होंगे. वह क्षण लाखों-करोड़ों शहीदों के लिए नमन का क्षण होगा. 500 वर्ष का वह कालखंड जिसमें बहुत से संघर्ष हुए हैं, उसका परिणाम 22 जनवरी को सामने आ रहा है. लाखों संतों के सानिध्य में हमारे देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य यजमान की भूमिका में होंगे. रामलला अपने गर्भगृह में विराजित होंगे. दुसरे सवाल के जवाब में साध्वी निरंजन ज्योति ने विपक्ष द्वारा धार्मिक कार्यक्रम को राजनीतिक बताना गलत है। सच तो यह है कि “राजनीतिक सोच वाले लोगों को राम मंदिर का निर्माण हजम नहीं हो रहा है. उन्हें हजम नहीं हो रहा कि ये राम मंदिर कैसे बन रहा है? जो भगवान राम को नकारते रहें, राम सेतु को नकारते रहें और हमें बोलते रहें कि मंदिर वहीं बनाएंगे लेकिन तारीख नहीं बताएंगे और अब तो तारीख भी बता दी गई है. ऐसे लोगों को भगवान सद्बुद्धि दें.“ अयोध्या में राम लला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह 2024 का ऐतिहासिक और 22 जनवरी का दिन स्वर्णिम इतिहास के पन्नों में तर्ज होगा। उन्होंने कहा, “पूरा देश और पूरा विश्व राममय हो गया है और ये मैं कह सकती हूं कि 22 तारीख स्वर्णिम इतिहास के पन्नों में तर्ज होगा, जिसके लिए 500 साल संघर्ष किया गया, बहुत सारी हमारी सदियों पीढ़ी संघर्ष करते-करते, बलिदान करते-करते वह 22 तारीख का दिन आया है और मैं ये कह सकती हूं 2024 ऐतिहासिक सन माना जाएगा।“
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