वाराणसी : हिंदुओं के अपमान के लिए मंदिर तोड़कर बनायी गयी थी मस्जिद - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 21 जनवरी 2024

वाराणसी : हिंदुओं के अपमान के लिए मंदिर तोड़कर बनायी गयी थी मस्जिद

  • राम मंदिर राजनीतिक नहीं आस्था का मुद्दा है, राम मंदिर के उद्घाटन से सनातन धर्म का सूर्योदय होगा
  • कांग्रेस ने भगवान राम और रामसेतु को नकारा, राम मंदिर राष्ट्र का मंदिर है

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वाराणसी (सुरेश गांधी) अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में अब से कुछ ही घंटे में प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है। इससे पहले मंदिर की संघर्ष गाथा को संत, महात्मा व आंदोलन से जुड़े लोग अपने तरीके से बयां कर रहे है। इसी कड़ी में केन्द्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा कि राम मंदिर राजनीतिक नहीं आस्था का मुद्दा है। राम मंदिर राष्ट्र मंदिर है। राम सनातन धर्म के अग्रज है। हिंदुओं को अपमानित करने के लिए मुगलों ने मंदिर तोड़कर उसी के मलबे से मस्जिद बनायी थी। लेकिन आज भव्य मंदिर उसी गर्भगृह में बनकर तैयार है। श्रीराम गर्भगृह में विराजमान हो चुके है, अब कुछ ही घंटे बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कर कमलों से प्राण प्रतिष्ठा होनी है। साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा कि राम मंदिर के उद्घाटन से सनातन धर्म का सूर्योदय होगा. उन्होंने कहा कि 22 जनवरी का दिन स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा. एक सवाल के जवाब में साध्वी ने कहा कि भारतीय मुसलमानों में मंदिर को लेकर कोई ग्लानि नहीं है, क्योंकि वे मुगलों के नहीं भारत के मुसलमान है। मंदिर विवाद कांग्रेस सिर्फ वोटबैंक के लिए लटकाती-भटकाती रही। यही वजह है कि राम के अस्तित्व पर सवाल खड़ा करने वाली कांग्रेस ने भगवान राम और रामसेतु को भी नकारा। उन्होंने कहा कि मंदिर के शिखर को लेकर कोई विवाद नहीं है। जो लोग सवाल उठा रहे है उनसे मैं पूछना चाहती हूं, क्या बच्चा पैदा होने पर चोटी साथ में लाता है? विप़क्ष के दकियानुसी प्रलापों को नकारते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी को राम मंदिर का श्रेय मिलना ही चाहिए। कांग्रेस ने तो यह मौका तुष्टिकरण के चक्कर में सदैव रौंदती रही।


साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी ने उस दौरान यात्रा निकाली थी, अब प्रधानमंत्री भव्य राम मंदिर बनवा रहे हैं. प्रधानमंत्री का सपना था कि पहले गरीबों को आवास मिले, फिर भव्य मंदिर बनेगा. इसी क्रम में पूरे देश मे साढ़े चार करोड़ पक्के घर देकर लोगों का सपना पूरा करने के बाद अब अयोध्या में भव्य राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम होने जा रहा है. इसे लेकर पूरी दुनिया के रामभक्तों में खासा उल्सास नजर आ रहा है. मैं कामना करती हूं कि सभी देशवासी 22 जनवरी को अपने-अपने घर में दीपोत्सव मनाएंगे. रामराज्य की शुरुआत हो रही है. रामलला अपने गर्भगृह में विराजित होंगे. वह क्षण लाखों-करोड़ों शहीदों के लिए नमन का क्षण होगा. 500 वर्ष का वह कालखंड जिसमें बहुत से संघर्ष हुए हैं, उसका परिणाम 22 जनवरी को सामने आ रहा है. लाखों संतों के सानिध्य में हमारे देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य यजमान की भूमिका में होंगे. रामलला अपने गर्भगृह में विराजित होंगे. दुसरे सवाल के जवाब में साध्वी निरंजन ज्योति ने विपक्ष द्वारा धार्मिक कार्यक्रम को राजनीतिक बताना गलत है। सच तो यह है कि “राजनीतिक सोच वाले लोगों को राम मंदिर का निर्माण हजम नहीं हो रहा है. उन्हें हजम नहीं हो रहा कि ये राम मंदिर कैसे बन रहा है? जो भगवान राम को नकारते रहें, राम सेतु को नकारते रहें और हमें बोलते रहें कि मंदिर वहीं बनाएंगे लेकिन तारीख नहीं बताएंगे और अब तो तारीख भी बता दी गई है. ऐसे लोगों को भगवान सद्बुद्धि दें.“ अयोध्या में राम लला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह 2024 का ऐतिहासिक और 22 जनवरी का दिन स्वर्णिम इतिहास के पन्नों में तर्ज होगा। उन्होंने कहा, “पूरा देश और पूरा विश्व राममय हो गया है और ये मैं कह सकती हूं कि 22 तारीख स्वर्णिम इतिहास के पन्नों में तर्ज होगा, जिसके लिए 500 साल संघर्ष किया गया, बहुत सारी हमारी सदियों पीढ़ी संघर्ष करते-करते, बलिदान करते-करते वह 22 तारीख का दिन आया है और मैं ये कह सकती हूं 2024 ऐतिहासिक सन माना जाएगा।“

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