प्रधानमंत्री जातीय जनगणना और विकास की धारा में छूट गए समूहों को चिन्हित कर उनके विकास के लिए विशेष प्रयास को देश के लिए विभाजनकारी मानते हैं. वे भारतीय समाज का एक नया वर्गीकरण कर रहे हैं. उनका कहना है कि हमारा समाज चार ही श्रेणी में विभाजित है. युवा, महिला, किसान और गरीब. यह विभाजन जातियों में विभाजित हमारे हिंदू समाज के वंचित समूहों को मुख्य धारा में लाने के लिए विशेष अवसर के सिद्धांत के अंतर्गत आरक्षण दिए जाने के संवैधानिक सिद्धांतों को ही नकारता है.दरअसल हमारे प्रधानमंत्री जी येन केन प्रकारेण हिंदुत्ववादियों के एजेंडा को पूरा करना चाहते हैं. जिन चार समूहों का नया सामाजिक वर्गीकरण प्रधानमंत्री जी पेश कर रहे हैं उन समूहों की मोदी राज में क्या हालत है. यहाँ हम सिर्फ़ एक महिला समूह की ही हालत का जायज़ा लें. किसी भी समाज में महिलाओं की स्थिति क्या है यही उस समाज की सभ्यता की कसौटी मानी जाती है. इस कसौटी पर हमारे प्रधानमंत्री जी की दृष्टि और नीतियाँ बग़ैर किसी संदेह के रूग्ण कही जा सकती हैं. बिलकिस बानो मामले में गुजरात सरकार के आचरण पर सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि गुजरात सरकार ने आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट में झूठ बोल कर, तथ्यों को छुपाकर जेल से रिहा कर दिया. 2002 में गुजरात में जिस प्रकार हिंसा हुई. वह अभूतपूर्व है. बिलकिस के परिवार के बारह लोगों की उसकी आँखों के सामने हत्या कर दी गई. उसके साथ बलात्कार हुआ. यह सब बाहरी लोगों ने नहीं बल्कि आस पड़ोस के लोगों द्वारा हुआ. उस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गुजरात के बाहर महाराष्ट्र में हुई. सभी आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा हुई. उन सबको सुप्रीम कोर्ट के सामने तथ्य छुपा कर और झूठ बोल कर गुजरात सरकार ने रिहा कर दिया. जेल से बाहर आने वालों का माला पहनाकर स्वागत किया गया. मिठाईयां बाँटी गई. उनकी रिहाई पर भाजपा के एक विधायक ने कहा कि उनमें से कुछ ब्राह्मण हैं, अच्छे संस्कार वाले हैं. गुजरात के पिछले विधानसभा चुनाव में एक अभियुक्त की बेटी को भाजपा ने उसी क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया था जिस क्षेत्र में बिलकिस वाली घटना हुई थी. सुप्रीम कोर्ट ने उन अभियुक्तों की रिहाई को रद्द करते हुए जो आदेश दिया है उसने मोदी जी की राजनीति को नंगा कर दिया है. महिला पहलवानों का मामला भी हमारी आँखों के सामने है. आखिर सरकार किस के साथ खड़ी है! दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों और महिलाओं को मिलने वाले आरक्षण को समाप्त करने की दिशा में मोदी जी की सरकार ने कदम बढ़ा दिया है. हिंदूत्ववादी ताक़तें मज़बूती के साथ मोदी जी के पीछे खड़ी हैं. राम और मंदिर के नाम पर अयोध्या में जो कुछ हो रहा है उसमें राम कम अपने मोदी जी ज़्यादा दिखाई दे रहे हैं.
शिवानंद तिवारी
पूर्व राज्यसभा सदस्य
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