सीहोर : संकल्प वृद्धाश्रम में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को किया याद - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

मंगलवार, 30 जनवरी 2024

सीहोर : संकल्प वृद्धाश्रम में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को किया याद

  • बिना कोई हथियार उठाए भारत को अंग्रेजों की गुलामी से मुक्त कराया-विकास अग्रवाल

Remember-bapu-sehore
सीहोर। शहर के सैकड़ाखेड़ी स्थित वृद्धाश्रम में मंगलवार को श्रद्धा भक्ति सेवा समिति के तत्वाधान में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्य तिथि आस्था के साथ मनाई गई। इस मौके पर रामधुन का आयोजन किया गया और यहां पर वृद्धजनों को फल का वितरण भी किया गया। इस मौके पर समिति की ओर से आश्रम के पदाधिकारी विकास अग्रवाल, जिला संस्कार मंच के संरक्षक मनोज दीक्षिम मामा, कमलेश राय सहित अन्य ने महात्मा गांधी के चित्र पर फूल माला चढ़ाकर श्रद्धांजलि दी। यहां पर उपस्थित वक्ताओं ने कहा कि अपने विचारों की बदौलत उन्होंने बिना कोई हथियार उठाए भारत को अंग्रेजों की गुलामी से मुक्त कराया। भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, उन्होंने अपने मूल्यों और सिद्धांतों से दुनिया भर के नेताओं को प्रेरित किया है। कार्यक्रम के दौरान विशेष अतिथि जिला संस्कार मंच के संरक्षक श्री दीक्षित ने कह कि गांधी जी के इस बलिदान की याद में हर साल 30 जनवरी को शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है। आज उनके उन आदर्शों को भी याद करने का दिन है जिसकी बदौलत उन्होंने बिना हथियार उठाए अंग्रेजों को भारत से बाहर खदेड़ दिया था। उनके विचार ही उनकी आक्रमण और ढाल दोनों थे। एक पंक्ति के जरिए उनके इस शौर्य का गुणगान भी किया गया है, कि दे दी हमें आजादी बिना खडग़ बिना ढाल, साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल। महात्मा गांधी के जीवन की कहानी, सत्य, अहिंसा और प्रेम के संदेश ने देश ही नहीं विदेश के लोगों को भी बहुत प्रेरित किया। शहीद दिवस हमें महात्मा गांधी के विचारों की भी याद दिलाता है। उनके विचार आज भी राष्ट्रीय एकता को दर्शाते हैं।


आज किया जाएगा दो दिवसीय कार्यक्रम का समापन

इस संबंध में जानकारी देते हुए समिति के पदाधिकारी श्री अग्रवाल ने बताया कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर दो दिवसीय कार्यक्रम का समापन बुधवार को किया जाएगा। इस मौके पर संगोष्ठी का आयोजन किया जाएगा। जिसमें वक्ताओं के द्वारा केन्द्र में उपस्थित हितग्राहियों को उनके अनमोल वचनों के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाएगी। कार्यक्रम के अंत में भारत मां की जय आदि के जयकारे लगाकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्य तिथि मनाई गई। 

कोई टिप्पणी नहीं: