- खेत एवं ग्रामीण मजदूर सभा द्वारा 3 से 14 जनवरी 2024 तक ग्रामीण गरीबों के लिए जमीन रोजगार आवास व सम्मान के लिए जन अभियान होगा
उत्तर प्रदेश. डबल इंजन की सरकार चौतरफा फासीवादी हमला तेज कर रखी है, इसके लिए सबसे अधिक शक्ति ग्रामीण गरीबों से ही ले रही है और विडम्बना है कि सबसे अधिक कुटाराघात भी ग्रामीण गरीबों पर ही कर रही है.उनका रोजगार व्यवसाय छीना जा रहा है. मजदूरी दर पहले से महंगाई दर के अनुपात मे घट गई है, गरीबों को बसाने व कृषि कार्य के लिए सरकरी जमीन देने के बजाय पीढीयों से बसे ग्रामीण गरीबों को अजाड़ फेंक रही है. समूची ग्रामीण आबादी माइक्रो फाइनेंस कंपनियों के मकड़ जाल में फंसी पड़ी है.कर्ज वसूली के उत्पीड़न से महिलाए जान दे रही है. रही सही कसर मंहगाई पूरी कर दे रही है यानी कमरतोड़ रही है. उत्तर प्रदेश सरकार बिजली बिल मनमनी दर वसूली कर समूचे ग्रामीण गरीबों को गहन अंधकार में धकेल देने का कुचक्र कर रही है.शिक्षा स्वास्थ्य की लचर व्यवस्था बीमार और लाचार बना रही है, और विकलांग, विधवा वृद्धा पेंशन रोककर अपराध कर रही है. महिलाओं पर यौन हिंसा, हत्या बलातकार के मामले में आज भी नम्बर वन बनी हुई है. ग्रामीण गरीबों की स्थिति को उजागर न होने देने के लिए अमृत काल की स्वयंभू घोषणा करके गरीबों की खुशहाली, समृद्धि, आवास व अनाज से परिपूर्ण बताने की झूठ की आधीं चला रही है.धार्मिक उन्माद फैलाकर संविधान धर्मनिरपेक्षता एवं समाजवदी मूल्य के लिए खतरा उत्पन्न कर रही है. सामाजिक न्याय की तिलांजलि दे रही है. लेकिन प्रदेश में ग्रामीण गरीबों की स्थिति इनके परदेदारी को तार-तार कर रही है. इसलिए ग्रामीण गरीबों के जीवन जीविका एवं बेहतरी के लिए, सविधान प्रदत्त मौलिक अधिकार गरिमामय जीवन की गारंटी के लिए, हम सबके लिए आज का सबसे जरूरी कार्यभार है कि ग्रामीण गरीबों को इनके चंगुल से बाहर खींच ले आये. पांच गारंटी सवाल पर इनके बीच संघन जन अभियान 3 से 14 जनवरी चलाते हुए 16 से 20 जनवरी तक ब्लॉक / तहसील पर जोरदार प्रदर्शन कर राजनीतिक सवाल बना दें.
पाँच गारंटी सवालः-
1- ग्रामीण गरीबों को वर्षभर काम तथा मनरेगा मजदूरों को 200 दिन काम व 600रु मजदूरी दिया जाए.
2- सभी ग्रामीण गरीबों को 5 डिसमिल जमीन बसने के लिए दिया जाए.जो गरीब जहां बसा है वहीं बसने का पट्टा दिया जाए, तथा नया बास आवास नीति बनाई जाए, सरकारी सीलिंग बंजर परती जमीन को नामी कंमनियों को देने की नीति रद्द की जाए.
3- गरीबों को 200 यूनिट फ्री दी जाए और बकाया बिजली माफ किया जाए.
4- माइक्रो फाइनेंस कंपनियों, स्वयं सहायता समूहो द्वारा ग्रामीण गरीबों को दिए गए सभी कर्ज माफ किया जाए.
5- सभी वृद्धा, विधवा, विकलांगों को रु 3000 मासिक पेंशन दिया जाए. ग्रामीण गरीबों के लिए जमीन रोजगार, आवास, जमीन व सम्मान के लिए जन अभियान (3 जनवरी से 14 जनवरी).ग्रामीण गरीबों का आहवान- बदलो फासीवादी निजाम.
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