- आशा कार्यकतार्ओं ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर जताया आका्रेश दिया ज्ञापन
सीहोर। काम के बोझ तले दबी आशा पर्यंवेक्षक पर आयुष्मान कार्डं बनवाने के लिए अत्यधिक दबाव बनाया जा रहा है। जबकि कार्य का कम्यूप्टर ऑपरेटर या तकनीकी कौशल से संबंधित विभाग का है। इसके कारण आशाओं के निर्धारित कार्य संपादित नही हो पा रहे है। इस मामले को लेकर मंगलवार को आशा कार्यकर्ता भूरी बी के नेत्त्व में आशा कार्यकर्ताओं और पर्यवेक्षकों ने कलेक्टर के नाम ज्ञापन दिया है। सक्रिय आशा संगठन नेत्री भूरी बी ने बताया की आयुष्मान कार्डं बनवाने के के चक्कर में समुदाय को मिलने वाली स्वास्थ्य सेवाओं और उनकी प्रोत्साहन राशि पर खरा असर पड़ रहा है क्योंकि आशा कार्यकतार्ओं को कार्य के बदले प्रोत्साहन राशि का भुगतान किया जाता है। आयुष्मान काई चनाने के लिए सभी आशाओं के पास एंड्रॉयड फोन नहीं है आर विभाग द्वारा भी डाटा के लिए कोई राशि प्रदान नहीं की जाती है। तकनीक क बाले ऑपरेटर एवं अन्य कर्मचारी भी इस एप्प पर कार्य करने में कठिनाई महसूस कर रहे है और ऐसे में आशाओं को काय को करने के लिए बाध्य करना न्यायसंगत नहीं है। आशाओं ने कहा कि आशाओं को समय पर राशि प्रप्त नहीं होती है। आशाओं की राशि में. जो काटोली की जाती है उस काटोती को भी रोका जाये। आशा को स्वास्थ्य सेवा प्रदाता के रूप में ग्राम में 24 घंटे सेवाएं देनी होती हैं ऐसे में मरीज या गर्भवती महिलाओं की जाँच के लिए उनके साथ कई बार स्वास्थ्य संस्थानों पर जाना होता है। परिवार कल्याण कार्यक्रम के अंतर्गत इस समय नसबंदी शिविरों का आयोजन लगातार किया जा रहा है जिसके लिए लक्ष्य दंपत्ति को प्रोत्साहित करने, नसबंदी कराने के लिए अभा आवश्यक जांचों के लिए उनके साथ स्वास्थ्य संस्था पर जाने और उसके बाद लगातार उनकी देखरेख करने की का कार्य आशा करती है। आशा के भुगतान पत्रक पर अंकित सभी 68 बिंदुओं पर आशा कार्यकर्ताओं द्वारा कार्य संपादित किया जाता है और पर्यवेक्षक द्वारा कार्यो में सहयोग, निगरानी, प्रशिक्षण एवं प्रयवेक्षण प्रदान किया जाता है। ज्ञापन देने वाली आशाओं में रानी राठौर, निशा व्यास, लता कोरवे, शकीला बी, भूरी बी, कला मेवाड़ा, भूरी मालवीय, सीता परमार, सूनीता वर्मा, जयप्रदा, कविता अहिरवार, रीना मालवीय आदि आशा कार्यकर्ता और पर्यवेक्षक शामिल रही।
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