रांची महाधर्मप्रांत के नवनियुक्त आर्चबिशप विंसेंट आईंद - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 4 जनवरी 2024

रांची महाधर्मप्रांत के नवनियुक्त आर्चबिशप विंसेंट आईंद

Ranchi-bishop
पटना. जब कभी भी बिशप और आर्चबिशप का चुनाव होने वाला होता है,तो स्थानीय लोग स्थानीय पुरोहित को ही बिशप और आर्चबिशप को चुनने पर बल देते है.यह परंपरा पटना धर्मप्रांत के अंतिम अंग्रेज बिशप अगस्टीन बिल्डर मुथ के साथ शुरू हुआ.वह सिलसिला जारी है. अंग्रेज बिशप के द्वारा पटना धर्मप्रांत के बिशप पद से त्याग पत्र देने के बाद रोम में रहने वाले पोप ने पटना धर्मप्रांत को विभक्त कर दिया.उसके कारण मुजफ्फरपुर धर्मप्रांत बना.इससे एक साथ दो धरती पुत्र को बिशप बने.पटना धर्मप्रांत के बिशप बेनेडिक्ट जौन ओस्ता और मुजफ्फरपुर धर्मप्रांत के बिशप जौन बापतिस्ट ठाकुर बने.बाद में बिशप बेनेडिक्ट जौन ओस्ता आर्चबिशप बने.उसके बाद बेतिया धर्मप्रांत,मुजफ्फरपुर धर्मप्रांत और बक्सर धर्मप्रांत के बिशप बनते समय धरती पुत्रों को नजरअंदाज कर दिये गये.उसी तरह आर्चबिशप पद पर भी धरती पुत्रों को हाशिए पर रखा गया.जिसे जारी रखा जा रहा है. दूसरी ओर पोप व रोम के धार्मिक अधिकारी सचेत हैं.वे स्वयं ही धरती पुत्र व भाषाई पुरोहितों का चयन कर बिशप व आर्चबिशप बना देते है.इस बार रांची महाधर्मप्रांत में देखने को मिला.रांची महाधर्मप्रांत के आर्चबिशप फेलिक्स टोप्पो के सहायक के रूप में 9 साल सेवा करने वाले बिशप थियोडोर मस्कारेन्हास को डाल्टनगंज का बिशप बना दिया गया.उनको पदोन्नत आर्चबिशप पद न करके बागडोगरा धर्मप्रांत के  बिशप विंसेंट आईंद को रांची महाधर्मप्रांत के आर्चबिशप घोषित कर दिया गया.

      

बता दें कि रांची महाधर्मप्रांत के आर्चबिशप फेलिक्स टोप्पो थे.पोप फ्रांसिस के द्वारा रांची के आर्चबिशप 24 जून, 2018 को नियुक्त किया.6 अगस्त, 2018 को विधिवत आर्चबिशप का कार्यभार संभाल लिए.उनका जन्म 21 नवंबर, 1947 को गुमला धर्मप्रांत के एक पैरिश टोंगो में हुआ था.उनका कार्यकाल 76 साल 9 दिन पर 30 दिसंबर,2023 को समाप्त हो गया. उन्होंने 1968 में सोसाइटी ऑफ जीसस में प्रवेश किया और 1982 में उन्हें पुरोहित अभिषेक किया गया.उन्हें 14 जून, 1997 को बिशप घोषित  किया गया और 27 सितंबर, 1997 को बिशष अभिषेक किया गया.इस बीच पोप फ्रांसिस ने जमशेदपुर के बिशप फेलिक्स टोप्पो को रांची का नया आर्चबिशप नियुक्त किया.आर्चबिशप सह कार्डिनल तेलेस्फोर पी टोप्पो के उत्तराधिकारी बने.

    

बता दें रांची महाधर्मप्रांत के सहायक आर्चबिशप के पद पर बिशप थियोडोर मस्कारेन्हास 09 साल सेवा किए.वर्ष 2014 में बिशप के पद पर निर्वाचित हुए थे. लंबे समय तक बिशप के पद पर अपनी सेवा देने को लेकर ईश्वर को धन्यवाद दिया. बिशप थियोडोर मस्कारेन्हास मूलतः गोवा के रहने वाले है. जन्म 9 नवंबर 1960 को मुंबई में हुआ था, उन्होंने पिलार धर्मसंघ में जून 1987 में शामिल हुए. पुरोहिताभिषेक 24 अप्रैल 1988 को हुआ.2014 से ही रांची महाधर्मप्रांत के सहायक आर्चबिशप पद पर कार्यरत थियोडोर मस्कारेन्हास को 1 दिसंबर को 2023 में डाल्टनगंज के बिशप बना दिया गया.बिशप थियोडोर मस्कारेन्हास एसएफएक्स को झारखंड के डाल्टनगंज का बिशप नियुक्त किया गया है.सवाल है कि गोवा के निवासी हैं और लोकल भाषा के ज्ञाता नहीं हैं तो डाल्टनगंज में किस तरह से सांमजस्य बैठा पाएंगे?शांति की महारानी चर्च, मेदिनीनगर के बिशप थियोडोर मस्कारेन्हास 2021 से प्रेरितिक प्रशासक थे.गौरतलब है कि बिशप थियोडोर मस्कारेन्हास बड़ौदा के बिशप सेबेस्टियाओ मस्कारेन्हास के भाई हैं. इस नवीनतम विकास की उनके गृह गांव और राज्य भर में सराहना की गई है.

   

बता दें कि बागडोगरा धर्मप्रांत के  बिशप विंसेंट आईंद आर्चबिशप फेलिक्स टोप्पो के इस्तीफा देने के बाद बागडोगरा धर्मप्रांत के  बिशप विंसेंट आईंद को रांची महाधर्मप्रांत के आर्चबिशप घोषित कर दिया गया.रांची के नवनियुक्त आर्चबिशप विंसेंट आईंद रांची के नवनियुक्त आर्चबिशप विंसेंट आईंद संत पापा पोप फ्रांसिस ने किया. 30 दिसम्बर को नये धर्माध्यक्षों की घोषणा करते हुए संत पापा फ्रांसिस ने बिशप विंसेंट आईंद को रांची महाधर्मप्रांत का आर्चबिशप नियुक्त किया.वे इस समय बागडोगरा धर्मप्रांत के बिशप हैं. संत पापा ने उनकी नियुक्ति रांची के आर्चबिशप फेलिक्स टोप्पो येसु समाजी का इस्तीफा स्वीकार करते हुए की है. नवनियुक्त आर्चबिशप विंसेंट आईंद का जन्म 30 जनवरी 1955 को जलपाईगुड़ी धर्मप्रांत के कलचीनी में हुआ था. उनका पुरोहिताभिषेक 30 अप्रैल 1984 को उसी धर्मप्रांत के लिए हुआ. वे 7 अप्रैल 2015 को बागडोगरा के बिशप नियुक्त हुए थे और उनका धर्माध्यक्षीय अभिषेक 14 जून को सम्पन्न हुआ था.

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