मधुबनी : 48वीं वाहिनी एस एस बी ने नशा नहीं करने के प्रति किया जागरूक। - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 20 जनवरी 2024

मधुबनी : 48वीं वाहिनी एस एस बी ने नशा नहीं करने के प्रति किया जागरूक।

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मधवापुर/मधुबनी, 48 वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल मुख्यालय जयनगर के कार्यक्षेत्र  की सीमांत चौकी मधवापुर में गृह मंत्रालय भारत सरकार के तत्वावधान में कार्यवाहक कमांडेंट आर विशाल के निर्देशानुसार समवाय प्रभारी गोविंद सिंह मेर के नेतृत्व में मधवापुर स्कूली बच्चों एवं ग्रामीणों के साथ संयुक्त रूप से आसपास के क्षेत्रों में लोगों को नशा नहीं करने के प्रति रैली निकालकर जागरूक किया। कार्यवाहक कमांडेंट आर विशाल ने बताया कि बिहार में पूर्ण शराब बंदी लागू इसके बावजूद भी लोग नेपाल निर्मित शराब नेपाल एवं आसपास क्षेत्रों में जाकर नशा का सेवन चोरी-छिपी कर लेते हैं,जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। जिसे नहीं करने और इसके दुष्प्रभावों के प्रति लोगों को जागरूक किया। इसीलिए हमने सोचा कि आमलोगों को स्वास्थ्य के लिए जागरूक किया जाय और नशा के दुष्प्रभावों से अवगत कराया जाय। 


इसी कड़ी में आमलोगों को को नशामुक्ति से संबंधित पंपलेट का वितरण किया। बैनर-पोस्टर के साथ निकले रैली में जागरूकता के उद्देश्य से एस एस बी के अधिकारियों-कर्मियों ने हाथों में नशे के दुष्प्रभावों लिखे तख्ती लेकर आमलोगों से अपील किया। तख्तियों पर "व्हिस्की है जीवन के लिए रिस्की" और "छोड़ो शराब, सिगरेट और धूम्रपान, इससे बर्बाद होता है इंसान" इस तरह के नारे लिखे हुए थे। मधवापुर समवाय प्रभारी गोविंद सिंह मेर ने उपस्थित सिपाहियों और लोगों को जागरूकता के क्रम में कहा कि  इस जागरूकता अभियान का मुख्य उद्देश्य लोगों को नशा और इससे होने वाले कुप्रभाव के प्रति जागरूक करना है। आधुनिक समय में नशा की परिभाषा ही बदल गई है। लोग कई प्रकार के नशा करने लगे हैं, जिनमें शराब, ड्रग्स और हेरोइन शामिल हैं। इसके अतिरिक्त भी कई प्रकार के नशा हैं। बच्चे भी नशे की तरफ आकर्षित हो रहे हैं। इससे आने वाली पीढ़ी पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। इसके साथ ही खपत अधिक होने से अवैध तस्करी भी जमकर हो रही है। आज का इस जागरूकता रैली का मुख्य उद्देश्य बच्चे-बड़े सभी को नशे से छुटकारा दिलाना है। साथ ही नशा तस्करी पर भी लगाम कसना है, ताकि बच्चों का भविष्य अंधकारमय होने की बजाय उज्ज्वल और स्वर्णिम रहे। इस दिन दुनियाभर के सभी देशों में नशीली दवाओं और ड्रग्स के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाया जाता है। भारत में भी इसके खिलाफ सख्त कानून बने हैं। सामाजिक सशक्तिकरण और समाज को नशा मुक्त करने के लिए और भी सख्त कदम उठाने की जरूरत है।

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