- दलित-गरीबों और महिलाओं पर बढ़ती हिंसा मंजूर नहीं, महागठबंधन सरकार तत्काल उचित कदम उठाए
ऐपवा महासचिव मीना तिवारी ने प्रतिरोध सभा को संबोधित करते हुए कहा कि अगर पुलिस सूचना मिलने के बाद तत्काल सक्रिय हो जाती तो इन बच्चियों को निश्चित रूप से बचाया जा सकता था. लेकिन, पुलिस दलित गरीब परिवारों के प्रति संवेदनहीनता से पेश आई और यह अपराध होने दिया. गांव में महिलाओं ने बताया कि इससे कुछ महीने पहले भी हिंदुनी गांव की ही एक दलित महिला की बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई थी, उसके प्राइवेट पार्ट्स में रॉड और पत्थर घुसा दिया गया था लेकिन उस घटना में भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की थी. जाहिर है पुलिस के इस रवैए के कारण इस तरह के अपराधियों का मनोबल बढ़ा है और यह दूसरी घटना सामने आई है. विधायक गोपाल रविदास ने कहा कि यह घटना स्तब्ध करने वाली है. 7 वर्षीय घायल बच्ची के पिता ने बताया कि दोनों ही लड़कियां नग्न अवस्था में परिवार वालों को मिली थी.ं परिवार वाले तत्काल गमछा उढ़ाकर उसे अस्पताल ले गए और कपड़ा पहनाया. बच्ची के न केवल सिर में चोट है बल्कि प्राइवेट पार्ट्स में भी चोट है और यह सामूहिक बलात्कार का मामला है. उन्होंने कहा कि इस मसले पर भाजपा के लोग खूब बढ़-चढ़कर बोल रहे हैं, लेकिन उन्हें बोलने का क्या हक है? यह वही भाजपा है, जिसने बिलकिस बानो के बलात्कारियों व हत्यारों को जेल से निकलवाया और उनके सम्मान में कार्यक्रम आयोजित करवाए थे. सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद उन बलात्कारियों को फिर से जेल भेजा जा रहा है. मणिपुर जल रहा है. वहां महिलाओं के साथ कैसा सलूक किया गया, इसे पूरी दुनिया ने देखा. कठुआ से लेकर हाथरस और अभी हाल में बीएचयू में भाजपा का असली चेहरा बेनकाब हुआ है. माले विधायक दल नेता महबूब आलम ने कहा कि दलित-गरीबों और महिलाओं पर बढ़ती हिंसा किसी भी रूप में स्वीकार नहीं है. महागठबंधन सरकार को इसपर तत्काल पहल लेनी चाहिए और अपराधियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित करने के साथ-साथ लापरवाही बरतने वाले पुलिस अधिकारियों पर भी कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए. हम इस मामले से मुख्यमंत्री को अवगत करायेंगे. इस बीच आज सुबह माले विधायक दल के नेता महबूब आलम व स्थानीय विधायक गोपाल रविदास ने हिंदुनी गांव का दौरा किया और पीड़ितों के परिजनों से मुलाकात की. इसके अलावा वे एम्स भी गए और घायल बच्ची के परिजनों से मुलाकात की.
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