- सीता का अपमान हुआ तो रावण मर गया- पं रविशंकर तिवारी
- भगवान का प्रसाद प्रभु के साक्षात दर्शन ही है,प्र से प्रभु सा से साक्षात और द से दर्शन
केवल भाव के भूखे है भगवान
राजा परिक्षित सुखदेव महाराज की कथा सुनाते हुए पं रविशंकर तिवारी ने कहा कि हर किसी को भागवान की कथा सुनने का सौभाग्य प्राप्त नहीं होता है जिस के पुण्य फलित होते है जिस पर भगवान की कृपा होती है वहीं श्रीमदभागवत कथा श्रवण करने के लिए कथा पंडाल तक पहुंचता है, उन्होने कहा कि भगवान काफी सरल है केवल भाव के भूखे है भाव से अंतरआत्मा से जो भी भगवान को स्मरण करता है भगवान उस के हो जाते है। श्री तिवारी ने कहा कि महाभारत युद्धा को रूकवाने के लिए भगवान श्रीकृष्ण धुर्योधन के महल में पहुंचे थे धुर्योधन ने भगवान का सत्कार करने के लिए पकवान बनवाए थे परंतु भगवान ने धुर्योधन के यह भोजन करना उचित नहीं समझा और विदर जी के यह उनकी झोपड़ी में भोजन करने पहुंच गए यह पर विदुर रानी के द्वारा भक्ति भाव से खिलाए गए केलों के छिलके ग्रहण कर भी भगवान प्रसन्न हो गए।
प्रसाद प्रभु के साक्षात दर्शन के सामान
कथा के दौरान पं रविशंकर तिवारी ने भगवान के प्रसाद का महत्व बताते हुए कहा की दुकान से लाईगई मिठाई मंदिर में प्रभू के समक्ष पहुंचते हीं प्रसाद हो जाती है। मिठाई को खाने से कई बार लोग शुगर के चलते मना कर देते है परंतू प्रसाद रूपी मिठाई को सहर्ष ग्रहण कर लेते है। प्र से प्रभु सा से साक्षात और द से दर्शन ही भगवान का प्रसाद प्रभु के साक्षात दर्शन के सामान है इस लिए कभी भगवान के प्रसाद का अनादर नहीं करना चाहिए।
कथा में होगा कन्या का विवाह तैयारियां शुरू
हनुमान फाटक मंदिर परिसर में सात दिवसीय श्रीमद भागवत कथा के दौरान भागवत भूषण पं रविशंकर तिवारी के सानिध्य में श्रीकृष्ण रुकमणी मंगल विवाह के समय कस्बा निवासी कुमारी मानसी पुत्री बाबूदास बैरागी का विवाह राहुल पुत्र मनोहर दास बैरागी ग्राम गुराडिया के साथ सम्पन्न होगा। विवाह में कन्यादान करने को लेकर शहर के दानदाताओं में खुशी का माहौल बना हुआ है। दानदाता श्रद्धाभाव से कन्या पूचन के लिए सामग्री प्रदान कर हे है। बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन कथा सुनने के लिए पहुंचे मुख्य यजमानों के द्वारा भागवत जी की आरती की गई प्रदान का वितरण किया गया।
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