बिहार : मंदिर की प्राण प्रतिष्‍ठा के बाद भी निष्‍प्राण बनी रही बिहार भाजपा - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 30 जनवरी 2024

बिहार : मंदिर की प्राण प्रतिष्‍ठा के बाद भी निष्‍प्राण बनी रही बिहार भाजपा

  • सत्‍ता पुण्‍य के लिए नीतीश का ‘चरणामृत’ घोंट रही बीजेपी

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बिहार भाजपा ने एक फिर पलटी मारी है। विधान सभा में लेफ्ट से राईट में आ गयी है। जुमलों का अहंकार उतर चुका है। आत्‍मनिर्भर बनने का स्‍वांग रचने वाली भाजपा नीतीशनिर्भर बन गयी है। अयोध्‍या में राममंदिर की प्राण प्रतिष्‍ठा को भाजपा अपनी सबसे बड़ी जीत बता रही थी। गांव-गांव के मंदिरों में भाजपा ने एक सप्‍ताह के लिए कैंप कार्यालय खोल दिया था। ऐसा लगता था कि भाजपा के पक्ष में वोट की आंधी आ गयी है। लेकिन प्राण प्रतिष्‍ठा का एक सप्‍ताह भी नहीं बीता था कि जीत का भूत उतर गया। बिहार में भूराबाल और बनिया की वोट मात्र 17 प्रतिशत है। इस वोट की वास्‍तविकता समझ में आने के बाद भाजपा ने आत्‍मनिर्भरता की कीमत पर नीतीशनिर्भरता को स्‍वीकार किया।


भाजपा की सबसे बड़ी त्रासदी यह है कि भाजपा के पास कोई नेता नहीं है। बिहार पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह के रडार से बाहर रह जाता है। उसके पास थोक वोट के हिसाब से मात्र 17 फीसदी प्रतिशत प्रतिबद्ध वोटर है। बिहार में 36 फीसदी अतिपिछड़ा में 14 फीसदी अकेले मुसलमान हैं और 4 फीसदी बनिया। बनिया पहले से भाजपा के साथ हैं। यह 18 फीसदी होता है। शेष 18 फीसदी वोट ही अतिपिछड़ा का है, जिस को साधने के लिए हर पार्टी कोशिश कर रही है। नीतीश कुमार इन्‍हीं 18 फीसदी वोटों के साथ होने का दावा करते हैं। यह बैलेंसिंग वोट हो जाता है।


इन्‍हीं वोटों के लिए भाजपा हर चुनाव में नीतीश कुमार का चरण रज अपने माथे पर पोतना चाहती है और उनके चरण पखार कर चरणामृत को हलक में डाल कर चैन की जीत हासिल करना चाहती है। लोकसभा चुनाव होने वाला है। मंदिर की प्राण प्रतिष्‍ठा के बाद भी भाजपा के केंद्रीय नेतृत्‍व को आशंका थी कि बिना नीतीश कुमार के एनडीए का पूरा कुनबा दहाई अंक में भी नहीं पहुंच पाएगा। इसी डर से भाजपा का केंद्रीय नेतृत्‍व नीतीश कुमार को अपने पक्ष में करने का अभियान चलाया और कुछ सौदों के साथ सफलता भी मिल गयी। भाजपा को सत्‍ता का पुण्‍य भी मिल गया। चरण रज का फल भी मिलने लगा है। देखना होगा कि यह चरणामृत कब तक भाजपा के हलक को ठंडक प्रदान करता है। 





वीरेंद्र यादव, 

वरिष्‍ठ पत्रकार, पटना

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